बढ़ती हुई आबादी के कारण समुद्र पीछे क्यों हुआ? - badhatee huee aabaadee ke kaaran samudr peechhe kyon hua?

प्रश्न 15-12. बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर 15-12. बढ़ती हुई आबादी के कारण पर्यावरण असंतुलित हो गया है। आवासीय स्थलों को बढ़ाने के लिए वन, जंगल यहाँ तक कि समुद्रस्थलों को भी छोटा किया जा रहा है। पशुपक्षियों के लिए स्थान नहीं है। इन सब कारणों से प्राकृतिक का सतुंलन बिगड़ गया है और प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ती जा रही हैं। कहीं भूकंप, कहीं बाढ़, कहीं तूफान, कभी गर्मी, कभी तेज़ वर्षा इन के कारण कई बिमारियाँ हो रही हैं। इस तरह पर्यावरण के असंतुलन का जन जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है।

प्रश्न 15-13. लेखक की पत्नी को खिड़की मे जाली क्यों लगवानी पड़ी?

उत्तर 15-13. लेखक के घर में कबतूर ने घोंसला बना लिया था जिसमें दो बच्चे थे उनको दाना खिलाने के लिए कबूतर आया जाया करते थे, सामान तोड़ाकरते थे। इससे परेशान होकर लेखक की पत्नी ने मचान के आगे घोंसला सरका दिया और वहाँ जाली लगवानी पड़ी।

प्रश्न 15-14. समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला?

उत्तर 15-14. कई सालों से बिल्डर समुद्र को पीछे धकेल रहे थे और उसकी ज़मीन हथिया रहे थे। समुद्र सिमटता जा रहा था। उसने पहले टाँगें समेटी फिर उकडू बैठा फिर खड़ा हो गया। फिर भी जगह कम पड़ने लगी जिससे वह गुस्सा हो गया। उसने गुस्सा निकालने के लिए तीन जहाज फेंक दिए। एक वार्लीके समुद्र के किनारे, दूसरा बांद्रा मे कार्टर रोड के सामने और तीसरा गेट वे ऑफ इंडिया पर टूट फूट गया।

प्रश्न 15-15. मट्टी से मट्टी मिले,
खो के सभी निशान,
किसमें कितना कौन है,
कैसे हो पहचान
इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर 15-15. इन पंक्तियों में बताया गया है कि सभी प्राणी एक ही मिट्टी से बने हैं और अंत में हमारा शरीर व्यक्तिगत पहचान खोकर उसी मिट्टी में मिल जाता है। यह पता नही रहता कि उस मिट्टी में कौन-कौन से मिट्टी मिली हुई है यानी मनुष्य में कितनी मनुष्यता है और कितनी पशुता यह किसी को पता नहीं होता।

बढती हुई आबादी के कारण समुद्र पीछे क्यों हुआ?

बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है । इसके कारण मनुष्य ने समुद्र को पीछे सरकार कर उसकी जमीन पर अपने रहने की जगह बना ली है। पेड़ों की निरंतर कटाई की जा रही है । तथा लगातार प्रदूषण के फैलने से पशु-पक्षी बस्तियों से दूर हो गए हैं।

बढ़ती हुई आबादी के कारण क्या करना पड़ रहा है?

बढ़ती हुई आबादी के कारण पर्यावरण असंतुलित हो गया है। आवासीय स्थलों को बढ़ाने के लिए वन, जंगल यहाँ तक कि समुद्रस्थलों को भी छोटा किया जा रहा है। पशुपक्षियों के लिए स्थान नहीं है। इन सब कारणों से प्राकृतिक का सतुंलन बिगड़ गया है और प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ती जा रही हैं।

बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा है अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले पाठ के आधार पर लिखिए?

बढ़ती हुई आबादियों ने समुद्र को पीछे सरकाना शुरू कर दिया, पेड़ों को रास्तों से हटाना शुरू कर दिया है, फैलते हुए प्रदूषण ने पक्षियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया। अब गरमी में ज्यादा गरमी, बेवक्त की बरसातें, तूफान, बाढ़, भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाएँ और नये-नये रोग मनुष्य को प्राप्त हो रहे हैं।

घ बढ़ती जनसंख्या के कारण समाज में क्या बदलाव आए है?

वायुमण्डल में ग्रीन हाउस गैसों की वृद्धि का कारण बढ़ती हुई जनसंख्या की निरंतर बढ़ रही आवश्यकताओं से जुड़ा हुआ है। जब एक देश की जनसंख्या बढ़ती है तो वहाँ की आवश्यकताओं के अनुरूप उद्योगों की संख्या बढ़ जाती है। आवास समस्या के निराकरण के रूप में शहरों का फैलाव बढ़ जाता है जिससे वनों की अंधाधुंध कटाई होती है।