Check the below NCERT MCQ Questions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 3 बस की यात्रा with Answers Pdf free download. MCQ Questions for Class 8 Hindi with Answers were prepared based on the latest
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1. Answer: (c) पाँच Question 2. Answer: (d) हरिशंकर परसाई Question 3. Answer: (b) एक घंटे बाद Question 4. Answer: (b) पन्ना की Question 5. Answer: (b) हिस्सेदार Question 6. Answer: (a) असहयोग आंदोलन Question 7. Answer: (c) शत्रु Question 8. Answer: (d) विशेषण Question 9. Answer: (a) तत्सम Question 10. Answer: (a) आगत (1) हम पाँच मित्रों ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें। पन्ना से इसी कंपनी की बस सतना के लिए घंटे भर बाद मिलती है जो जबलपुर की ट्रेन मिला देती है। सुबह घर पहुँच जाएँगे। हम में से दो को सुबह काम पर हाज़िर होना था इसीजिए वापसी का यही रास्ता अपनाना ज़रूरी था। लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से
सफ़र नहीं करते। क्या रास्ते में डाकू. मिलते हैं ? नहीं, बस डाकिन है। Question 1. Answer: Question 2. Answer: (b) श्रद्धा Question 3. Answer: (c) पन्ना Question 4. Answer: (c) क्योंकि बस अपनी जर्जर अवस्था के कारण नहीं धोखा दे सकती थी। Question 5. Answer: (b) जबलपुर की Question 6. Answer: (d) विशेषण की (2) इंजन सचमुच स्टार्ट हो गया। ऐसा, जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं। काँच बहुत कम बचे थे। जो बचे थे, उनसे हमें बचना था। हम फ़ौरन खिड़की से दूर सरक गए। इंजन चल रहा था। हमें लग रहा था कि हमारी सीट के नीचे इंजन है। बस सचमुच चल पड़ी और हमें लगा कि यह गांधी जी के असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलनों के वक्त अवश्य जवान रही होगी। उसे ट्रेनिंग मिल चुकी थी। हर हिस्सा दूसरे से असहयोग कर रहा था। पूरी बस सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौर से गुजर रही थी। सीट का बॉडी से असहयोग चल रहा था। कभी लगता सीट बॉडी को छोड़कर आगे निकल गई है। कभी लगता कि सीट को छोड़कर बाडी आगे भागी जा रही है। आठ-दस मील चलने पर सारे भेदभाव मिट गए। यह समझ में नहीं आता था कि सीट पर हम बैठे हैं या सीट हम पर बैठी है। Question 1. Answer: (d) बस की हालत को देखकर Question 2. Answer: (d) शोर और कंपन के कारण Question 3. Answer: (c) उपर्युक्त दोनों Question 4. Answer: (b) बस की हालत दयनीय थी Question 5. Answer: (c) बस सहज हो गई, बिलकुल आराम से चलने लगी (3) बस की रफ्तार अब पंद्रह-बीस मील हो गई थी। मुझे उसके किसी हिस्से पर भरोसा नहीं था। ब्रेक फेल हो सकता है, स्टीयरिंग टूट सकता है। प्रकृति के दृश्य बहुत लुभावने थे। दोनों तरफ़ हरे-भरे पेड़ थे जिन पर पक्षी बैठे थे। मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था। जो भी पेड़ आता, डर लगता कि इससे बस टकराएगी। वह निकल जाता तो दूसरे पेड़ का इंतज़ार करता। झील दिखती तो सोचता कि इसमें बस गोता लगा जाएगी। Question 1. Answer: (a) पंद्रह से बीस मील प्रति घंटा Question 2. Answer: (c) क्योंकि लेखक ने सोच लिया कि बस का कभी भी ब्रेक फेल हो सकता है, या स्टीयरिंग टूट सकता है। Question 3. Answer: (c) पेड़ों से बस टकराने के भय के कारण Question 4. Answer: (c) झील में Question 5. Answer: (a) दोनों ओर हरे-भरे पेड़ थे जिस पर पक्षी बैठे थे। (4) एक पुलिया के ऊपर पहुँचे ही थे कि एक टायर फिस्स करके बैठ गया। वह बहुत ज़ोर से हिलकर थम गई। अगर स्पीड में होती तो उछलकर नाले में गिर जाती। मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ़ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा। वह टायरों की हालत जानते हैं फिर भी जान हथेली पर लेकर इसी बस से सफ़र कर रहे हैं। उत्सर्ग की ऐसी भावना दुर्लभ है। सोचा, इस आदमी के साहस और बलिदान भावना का सही उपयोग नहीं हो रहा है। इसे तो किसी क्रांतिकारी आंदोलन का नेता होना चाहिए। अगर बस नाले में गिर पड़ती और हम सब मर जाते तो देवता बाँहें पसारे उसका इंतज़ार करते। Question 1. Answer: (c) पुलिया पर Question
2. Answer: (b) श्रद्धा से Question 3. Answer: (c) कंपनी के हिस्सेदारों की Question
4. Answer: (d) साहस और बलिदान We hope the given NCERT MCQ Questions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 3 बस की यात्रा with Answers Pdf free download will help you. If you have any queries regarding CBSE Class 8 Hindi बस की यात्रा MCQs Multiple Choice Questions with Answers, drop a comment below and we will get back to you soon. लेखक बस की यात्रा पाठ हरे भरे पेड़ों को क्या समझता था?दोनों तरफ़ हरे-भरे पेड़ थे जिन पर पक्षी बैठे थे। मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था। जो भी पेड़ आता, डर लगता कि इससे बस टकराएगी।
लेखक पेड़ों को अपना दुश्मन क्यों समझ रहा है?ऐसे में लेखक को डर लग रहा था कि कहीं उसकी बस किसी पेड़ से टकरा न जाए। एक पेड़ निकल जाने पर वह दूसरे पेड़ का इंतज़ार करता था कि बस कहीं इस पेड़ से न टकरा जाए। यही वजह है कि लेखक को हर पेड़ अपना दुश्मन लग रहा था।
बस की यात्रा पाठ के लेखक का क्या नाम है?उत्तर – पाठ 'बस की यात्रा' के लेखक हरिशंकर परसाई जी हैं।
बस की यात्रा पाठ के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?इस पाठ से यह संदेश मिलता है कि समयानुसार प्रत्येक वस्तु का नवीनीकरण आवश्यक है। जैस बस अब बिल्कुल भी चलने के लायक नहीं थी। बस के हिस्सेदारों का कर्तव्य बनता था कि वे उस बस को जबरदस्ती चलाने की बजाय नई बस लेते। “ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।”
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