बाल गोविंद भगत गृहस्थ थे, फिर भी उन्हें साधु क्यों कहा जाता था?... Show
PreetisinghJunior Volunteer0:23 चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। बाल गोविंद भगत एक साधु के समान जीवन व्यतीत करते थे वैसे सभी वस्तु साहब की ही मानती थी किसी की वस्तु को ना छूटे और ना ही अपने व्यवहार में लाते अपने खेत में पैदा अवसर पर लात साहब के दरबार में ले जाते हो वहां से मिला उनके साथ रूप में लाते थे और उसे सपना गुजारा चला दे इसलिए उन्हें साधु कहा जाता था Romanized Version 9 282 1 जवाब ऐसे और सवाल बाल गोविंद भगत को गृहस्थ क्यों कहा गया है?...बालगोबिन भगत कांग्रेस क्यों कहा गया था उन्हें इसलिए कहा गया था कबीरपंथी एक ग्रस्तऔर पढ़ें Sushma PremprakashTeacher बाल गोविंद भगत साधु नहीं थे तो क्या थे?...दोस्तों आपके द्वारा पूछा गया प्रश्न है कि बाल गोविंद भगत साधु नहीं थे तोऔर पढ़ें Jay Prakash KumarTeacher बाल गोविंद भगत साधु नहीं थे तो क्या थे?...बालगोविंद बादशाह तो नहीं थी तो क्या थे लेकिन बाल गोविंद भगत साधु नहीं थेऔर पढ़ें MD Noor alamTeacher बाल गोविंद भगत साधु नहीं थे तो क्या थे?...आपका प्रश्न है बाल गोविंद भगत साधु नहीं थे तो क्या थे देखे बाल गोविंदऔर पढ़ें SunilTeacher बाल गोविंद भगत साधु नहीं थे तो क्या थे?...बाल गोविंद भगत साधु नहीं तो क्या बाल भगत सिंह साधु भी थे और कविऔर पढ़ें singhTeacher बाल गोविंद भगत ग्रह स्थिति पर फिर भी उन्हें साधु क्यों कहा जाता है, कोई दो विशेषताएं बताइए?...हां गोविंद भगत स्थिति होने पर भी साथ लेकर आते थे क्योंकि वह साधु कीऔर पढ़ें guest_FTTD बाल गोविंद भगत कौन थे?...बाल गोविंद भगत एक कबीरपंथी गृहस्थ सन्यासी थेऔर पढ़ें Rabindra ThakurTeacher बाल गोविंद भगत कौन थे?...हेलो फ्रेंड जैसा कि आप का सवाल है बाल गोविंद भगत कौन थे तो मैंऔर पढ़ें RaniGovernment Teacher बाल गोविंद भगत कौन थे?...बाल गोविंद भगत 60 वर्ष से ऊपर की जाएगी एक व्यक्ति उनका कद तो बोलाऔर पढ़ें Harpreeth Related Searches: bal govind bhagat sadhu ka jivan jite hue bhi swabhimani the spasht kijiye ; balgobin bhagat sadhu ka jivan jite hue bhi swabhimani the spasht kijiye ; bal govind bhagat sadhu taka jivan jite hue bhi swabhimani the spasht kijiye ; bal govind bhagat ka kaun sa karya vyavhar logon ke aacharya ka vishay tha ; This Question Also Answers:
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बालगोबिन भगत गृहस्थ होते हुए साधुओं की श्रेणी में आते थे कैसे?केवल गेरुआ वस्त्र पहनने से कोई साधु नहीं बन जाता है। साधु बनने के लिए आचार और विचारों में शुद्धता की आवश्यकता होती है। उनमें ये गुण था अस्तु वे गृहस्थी होकर भी सन्यासी थे वे स्वाभिमानी भी थे क्योंकि वे कभी भी किसी अन्य की चीज को बिना अनुमति के इस्तेमाल नहीं करते थे। वे किसी को भी खरा बोल देते थे ।
पुत्र की मृत्यु पर बालगोबिन क्या करने को कह रहे थे?बेटे की मृत्यु के बाद बाल गोबिन भगत ने भी यही कहा था। "साई इतना दीजिए, जामे कुटुम समाए। मैं भी भूखा ना रहूँ साधु न भूखा जाए।। (4) कबीर की तरह बालगोबिन भगत भी कनफटी टोपी पहनते थे, रामानंदी चंदन लगाते थे तथा गले में तुलसी माला पहनते थे।
बालगोबिन भगत के गायन की क्या विशेषता है?बालगोबिन भगत के मधुर गायन की विशेषता यह थी कि कबीर के सीधे-सादे पद उनके कंठ से निकल कर सजीव हो उठते थे, जिसे सुनकर लोग-बच्चे-औरतें इतने मंत्र-मुग्ध हो जाते थे कि बच्चे झूम उठते थे, औरतों के होंठ स्वाभाविक रूप से कॅप-कॅपाने लगते थे, हल चलाते हुए कृषकों के पैर विशेष क्रम-ताल से उठने लगते थे, उनके संगीत की ध्वनि-तरंग ...
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