भाषा शिक्षण से संबंधित कुछ सिद्धांत निम्नलिखित हैं Show
1) अभिप्रेरणा एवं रुचि का सिद्धांत( Theory of motivation and interest )सिद्धांत के अनुसार भाषा तथा उसकी पाठ्य सामग्री के प्रति रुचि उत्पन्न करना आवश्यक है शिक्षण प्रणालियों का चुनाव बच्चों की रुचि एवं आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाना चाहिए 2) क्रियाशीलता का सिद्धांत ( Theory of creativity )बालक को करके सीखने में आनंद का अनुभव होता है क्या या प्रमुख शिक्षा शास्त्री ने जैसे फ्रोबेल, डिवी, मोंटेसरीने इस सिद्धांत पर बल दिया हैभाषा शिक्षण के समय छात्रों को सतत क्रियाशील रहना आवश्यक होता है इससे छात्रों की अध्ययन में रुचि बढ़ती है जैसे कि प्रश्न पूछना एवं मौखिक व लिखित कार्य करना 3)अभ्यास का सिद्धांत( Theory of principal )इसके अनुसार व्यक्ति जिस कार्य को बार-बार करता है उसे शीघ्र सीख जाता है एवं जिस क्रिया को बहुत समय तक नहीं करता उसे भूलने लगता है अतः भाषा शिक्षण के समय छात्रों को अभ्यास करते रहना चाहिए उदाहरण के लिए नए शब्दों को बोलने का अभ्यास करना चाहिए । 4) समन्वय का सिद्धांत ( Theory of coordination )मनोवैज्ञानिकों ने यह सिद्ध किया है, कि बच्चे उन विषयों एवं क्रियाओं में अधिक रुचि लेते हैं जिसमें उनके वास्तविक जीवन से संबंधित हो अतः शिक्षकों पाठ पढ़ाते समय उसे छात्रों के जीवन से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए जिससे छात्र उसे शीघ्र ग्रहण कर पाए। 5) व्यक्तिगत विभिन्नता का सिद्धांत ( Theory of individual difference )प्रतीक बालक एक दूसरे से भिन्न होता है कक्षा में छात्रों में व्यक्तिगत विभिन्नता पाई जाती है ,इसीलिए व्यक्तिगत विभिन्नता को ध्यान में रखते हुए भाषा शिक्षण करना चाहिए छात्रों की व्यक्तिगत परेशानियों को ध्यान में रखते हुए उनका निवारण करने का प्रयास करना चाहिए । 6) क्रम का सिद्धांत ( Theory of integrated manner )भाषा शिक्षण का मुख्य उद्देश्य छात्रों को भाषा के सभी कौशलों में निपुण करना चाहिए जैसे की वाचन कौशल, श्रवण कौशल, पठन कौशल, लेखन कौशल इन सभी कौशलों का समुचित ध्यान देना अत्यंत आवश्यक होता है सभी कौशलों को सिखाने का क्रम सही होना चाहिए अर्थात इन्हें क्रम से लिख सिखाना चाहिए इसका क्रम इस प्रकार है क्रम- श्रवण- वाचन- पठन- लेखन । 7) अनुकरण का सिद्धांत ( Theory of imitation )बच्चे अनुकरण द्वारा जल्दी सीखते हैं बच्चे अपने शिक्षक के बोलने,, लिखने स्वर एवं गति आदि का अनुकरण करके वैसे ही सीखने का प्रयत्न करते हैं अतः शिक्षकों को स्वयं अपनी उच्चारण, बोलने की गति, लेखन शुद्ध तथा स्वच्छ रखना चाहिए । 8) शिक्षण सूत्रों का सिद्धांत ( Theory of teaching formula )भाषा शिक्षण के कुछ सूत्र है शिक्षक को भाषा शिक्षण के दौरान इन सूत्रों को ध्यान में रखते हुए शिक्षण कार्य करना चाहिए इससे छात्रों को सीखने में आसानी होती है एवं शिक्षण अधिक प्रभावशाली होता है । सूत्र-
9) बाल केंद्रिता का सिद्धांत ( Child centered theory )भाषा शिक्षण के समय एक शिक्षक को सदैव ध्यान में रखना चाहिए कि शिक्षण का केंद्र बालक है बालक की क्षमता, छमता रुष एवं स्तर आदि का ध्यान रखकर शिक्षण कार्य करना चाहिए । भाषा शिक्षण के सिद्धांत (हिंदी शिक्षण शास्त्र) पर अध्ययन नोटBy Shashi Kant|Updated : June 17th, 2022 सीटीईटी, एचटीईटी, यूपीटीईटी और अन्य एसटीईटी परीक्षाओं के हिंदी भाषा खंड में हिंदी शिक्षाशास्त्र एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसमें प्रत्येक पेपर में 30 अंकों का भार होता है। दोनों पेपरों के लिए हिंदी सामग्री और हिंदी अध्यापन का परीक्षा पैटर्न प्राथमिक स्तर और उच्च प्राथमिक स्तर पर आधारित होगा। इस विषय में भाषा "शिक्षण के सिद्धांत" एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। तो, सीटीईटी की तैयारी में आपकी मदद करने के लिए भाषा शिक्षण के सिद्धांत अध्ययन नोट्स यहां दिए गए हैं। Read Full Article भौतिक या आध्यात्मिक रूप से, हर कथन एक मूलभूत सच्चाई—एक सिद्धांत—का उदाहरण है और हर कथन नियमों के लिए आधार प्रदान करता है। लेकिन, नियम अल्पकालिक हो सकते हैं और वे सुनिश्चित होते हैं। दूसरी ओर, सिद्धांत व्यापक होते हैं और सर्वदा टिक सकते हैं।उदाहरण के लिए, एक बच्चे को शायद यह नियम दिया जाए, “स्टोव को नहीं छूना।” लेकिन एक वयस्क के लिए इतना कहना ही काफ़ी होगा कि “स्टोव गरम है।” ध्यान दीजिए कि आख़िरी कथन ज़्यादा व्यापक है। क्योंकि यह सच्चा कथन हमारे कार्यों पर असर डालेगा—इस मामले में अगर हम पकाएँ, सेकें, या स्टोव बंद करें—यह एक अर्थ में एक सिद्धांत बन जाता है।उसी प्रकार भाषा शिक्षण के कुछ प्रमुख सिद्धांत होते हैं, जिनसे सही एवं प्रभावी शिक्षण का आधार स्पष्ट होता है। सर्वप्रथम, यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि शिक्षण हेतु तीन तत्वों का होना अत्यावश्यक है - शिक्षक, शिक्षार्थी एवं पाठ्यक्रम(पठन सामग्री)। इन्ही तत्वों पर शिक्षण के सभी सिद्धांत आधारित हैं क्यूंकि शिक्षक शिक्षार्थी को पाठ्यक्रम कैसे, कब और क्यों पढ़ाये, जिससे प्रभावी शिक्षण हो सके, यही सब शिक्षण को सही दिशा प्रदान करते हैं। शिक्षण के कुछ सामान्य सिद्धांत
मनोवैज्ञानिकों ने भाषा शिक्षण हेतु कुछ अन्य महत्वपूर्ण सिद्धांत
एक भाषा शिक्षक के रूप में आपका कर्तव्य होता है कि भाषा की शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी, रुचिकर बनाने हेतु तथा शिक्षार्थियों की अधिकाधिक प्रतिभागिता प्राप्त करने हेतु इन सभी सिद्धांतों को बहुत सही से प्रयोग में लाना चाहिए। ये सभी शिक्षण को सही दिशा प्रदान करने के साथ -साथ शिक्षण में आने वाली अपरिचित कठिनाइयों का हल ढूंढ़ने में भी शिक्षक के लिए बहुत सहायक सिद्ध हो सकते हैं। Thanks! Download the BYJU’S Exam Prep App Now. #DreamStriveSucceed CTET & State TET ExamsTETCTETUPTETREETHTETOther TET ExamsTET Exams Mock Test SeriesMeghalaya TETMaharashtra TET Featured ArticlesFollow us for latest updates भाषा शिक्षण का कौन सा सिद्धांत है?भाषा शिक्षण का मूल उद्देश्य छात्रों में सभी भाषा कौशलों में निपुणता हासिल करवाना है, जिससे वे भाषा का प्रभावी और संदर्भयुक्त प्रयोग कर सकें। बोलचाल का सिद्धांत - इसके अनुसार बातचीत के माध्यम से भाषा सरलता और स्थायी रूप से सीखी जाती है, जो लम्बे समय तक याद रहती है। यह भाषा के व्यावहारिक पक्ष पर केंद्रित है।
भाषा के मुख्य सिद्धांत कौन कौन से हैं?भाषा के सिद्धांत. अनुकरण का सिद्धांत (Principle of Imitation) ... . क्रियाशीलता का सिद्धांत (Principle of Activity) ... . वास्तविक जीवन से जोड़ने का सिद्धांत ... . अभ्यास का सिद्धांत (Principle of Exercise) ... . बहु माध्यमों का सिद्धांत (Principle of Multimedia) ... . बोलचाल का सिद्धांत (Principle of Conversation). कक्षा में भाषा का उपयोग कैसे सही किया जा सकता है?कक्षा में तस्वीरों का इस्तेमाल भाषा सिखाने के लिए होना चाहिए. बच्चों की बैठक व्यवस्था होनी चाहिए, जिसमे हर किसी को भागीदारी का समान अवसर मिले. सबसे ख़ास बात की होल लैंग्लेज अप्रोच के साथ भाषा को उसकी संपूर्णता में बच्चों के सामने रखना चाहिए. ताकि वह भाषा का अर्थपूर्ण ढंग से आनंद उठाते हुए इसे सीख सके.
भाषा शिक्षण की सर्वश्रेष्ठ विधि कौन सी है?भाषा शिक्षण की विधियां. व्याकरण विधि इस विधि में भाषा की तुलना व्याकरण के ज्ञान पर जोर दिया जाता है तथा व्याकरण के नियमों का ज्ञान करवाया जाता है ... . संप्रेषण परक भाषा शिक्षण विधि प्रत्यक्ष विधि में भाषा सीखने के व्यावहारिक पक्ष पर बल दिया जाता है और इसी पक्ष को प्रबल बनाने के लिए विधि सामने आई ... . अनुकरण विधि ... . इकाई विधि. |