भारत ने रूस से कितने बैरल तेल खरीदा? - bhaarat ne roos se kitane bairal tel khareeda?

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क्रूड पर नहीं बदलेगी नीति:रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखेगा भारत, अभी मास्को हमारा चौथा बड़ा सप्लायर

नई दिल्ली5 महीने पहले

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भारत रूस से सस्ता क्रूड ऑयल खरीदना जारी रखेगा। हालांकि रूस से इस पर कितना डिस्काउंट मिलेगा, यह अभी तय नहीं है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा- भारत अभी कच्चा तेल औसतन 100 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर खरीदता है। हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध ने भारत के लिए सस्ते तेल आयात का बड़ा मौका उपलब्ध कराया है। भारत की रूस से क्रूड ऑयल की खरीद पर अमेरिका को दिक्कत है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले में नीति नहीं बदली।

पेमेंट मैकेनिज्म पर विचार
पे​​​​​​​मेंट को लेकर अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी प्रतिबंध को देखते हुए सरकार पेमेंट मैकेनिज्म पर विचार कर रही है। रूपए-रूबल मैकेनिज्म पर भी विचार किया जा रहा है। यूरोप के कुछ देश रूस को रुबल में पेमेंट कर रहे हैं।

भारत ने रूस से तेल खरीद बढ़ाई

भारत ने रूस से कितने बैरल तेल खरीदा? - bhaarat ne roos se kitane bairal tel khareeda?

भारत अपनी जरूरत का 80% तेल आयात करता है। भारत ने अप्रैल में रूसी तेल आयात को बढ़ाकर लगभग 2 लाख 77 हजार बैरल प्रति दिन कर दिया, जो मार्च में 66 हजार बैरल प्रति दिन था। बीते साल 8 ऐसे देश थे जिनसे भारत ने रूस की तुलना में अधिक तेल खरीदा था, लेकिन इस के अप्रैल तक यह आंकड़ा कहीं ज्यादा हो गया है। खपत के मामले में अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है।

रूस हमारा चौथा सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर

भारत ने रूस से कितने बैरल तेल खरीदा? - bhaarat ne roos se kitane bairal tel khareeda?

रूस अप्रैल में भारत का चौथा सबसे बड़ा क्रूड ऑयल सप्लायर बन गया। इससे अधिक क्रूड भारत इराक, सऊदी अरब और यूएई से खरीद रहा है। भारत के कुल क्रूड आयात में अफ्रीकी तेल की हिस्सेदारी मार्च में 14.5% से घटकर अप्रैल में 6% रह गई, जबकि अमेरिका की हिस्सेदारी करीब आधी होकर मात्र 3% तक सिमट गई।

मार्च 2022 तक भारत जहां रूस, कजाकिस्तान और अजरबैजान से मात्र 3% तेल खरीद रहा था। सिर्फ एक महीने बाद यह हिस्सा बढ़कर 11% पर पहुंच गया। रूस, भारत को 487,500 बैरल प्रति दिन तेल बेचने को तैयार है।
रूस से क्रूड आयल खरीदना महंगा

भारत ने रूस से कितने बैरल तेल खरीदा? - bhaarat ne roos se kitane bairal tel khareeda?

रूस से भारत का कच्चा तेल खरीदना बस एक मौकापरस्ती है, क्योंकि यह सामान्य दिनों में भारतीय रिफाइनरों के लिए एक महंगा सौदा है। क्रूड आयल सप्लाई के लिए परिवहन की दूरियां बेहद लंबी हैं, शिपिंग समय लंबा है। माल ढुलाई महंगी है। इसके साथ-साथ सामान्य दिनों में रूस के पास इतना तेल नहीं होता कि वह इसे भारत को बेच पाए।

रूस से भारत की तेल खरीद पर अमेरिका को आपत्ति
भारत के रूस से क्रूड ऑयल को लगातार बढ़ने से रोकने के लिए अमेरिका के बाइडेन प्रशासन के अधिकारी मंगलवार को भारत पहुंचे हैं। ट्रेजरी विभाग के एक प्रवक्ता के मुताबिक अमेरिकी आतंकवादी वित्तपोषण और वित्तीय अपराधों की सहायक सचिव एलिजाबेथ रोसेनबर्ग गुरुवार को नई दिल्ली और मुंबई का दौरा करेंगी।

तेल खरीद पर प्रतिबंध लगाने का विचार
रोसेनबर्ग की भारत यात्रा बाइडेन प्रशासन के व्यापक प्रयास का एक हिस्सा है। इसमें दुनियाभर के अमेरिकी सहयोगियों को अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और निर्यात नियंत्रणों के बारे में अधिकारियों और उद्योगपतियों को बताया जाएगा। वर्तमान में रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध अन्य देशों को रूसी तेल खरीदने से नहीं रोकते हैं।

बाइडेन प्रशासन ऐसे मध्यम प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है जो इन खरीद को प्रतिबंधित कर सकते हैं।

भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात मौजूदा वित्त वर्ष में करीब 50 गुना से अधिक बढ़ गया है। इसके साथ ही आयात होकर कुल कच्चे तेल में रूस की हिस्सेदारी बढ़कर 10 फीसदी हो गई। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। बता दें कि रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने से भारत जो कच्चा तेल आयात करता था, उसमें रूस की हिस्सेदारी सिर्फ 0.2 फीसदी थी।

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अधिकारी के हवाले से बताया, "अप्रैल में भारत के तेल आयात में रूस की 10 फीसदी हिस्सेदारी रही। रूस अब भारत को क्रूड ऑयल सप्लाई करने वाले टॉप-10 देशों में शामिल है।" रूसी तेल का करीब 40 फीसदी दो प्राइवेट कंपनियों - रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी ने खरीदा है।

रूस पिछले महीने भारत को सबसे अधिक क्रूड सप्लाई करने वाला दूसरे बड़ा देश रहा और इसने इस मामले में सऊदी अरब को पीछे छोड़ा। भारत ने पिछले महीने सबसे अधिक तेल ईराक से खरीदा। रूस से भारी मात्रा में ऑयल खरीदने के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि यूक्रेन जंग के बाद रूसी तेल सस्ते दाम पर मिल रहे हैं। भारतीय रिफाइनर कंपनियों ने मई में करीब 2.5 करोड़ बैरल रूसी तेल खरीदा।

भारत कच्चे तेल आयात और उसका उपभोग करने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने रूस से अपना संबंध तोड़ना शुरू किया, तब रूस के तेल के दामों में गिरावट आई है। पश्चिमी देशों के दबाव के वाबजूद भारत ने हमेशा रूस से ऑयल खरीदने के अपने फैसले का बचाव किया है।

ऑयल मिनिस्ट्री ने पिछले महीने एक बयान में कहा था, ""भारत की कुल खपत की तुलना में रूस से एनर्जी खरीद बहुत कम है।" मई में भारत ने सबसे अधिक तेल खरीद ईराक से की और सऊदी अरब अब तीसरा सबसे बड़ा सप्लायर देश है।

भारत ने ऐसे समय में रूस से सस्ते कीमतों पर तेल का आयात बढ़ाने का फैसला किया है, जब दुनिया भर में फ्यूल और गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। बता दें कि भारत अपनी जरूरत का करीब 85 फीसदी ऑयल विदेशों से आयात करता है।

रूस से भारत कितना तेल खरीदता है?

भारत को कितना फायदा अप्रैल-जुलाई के दौरान भारत ने रूस से 11.2 बिलियन डॉलर मूल्य का खनिज तेल खरीदा। आंकड़ों की बात करें तो यह आठ गुना उछाल है। एक साल पहले इसी अवधि में यह तकरीबन 1.3 बिलियन डॉलर था।

भारत रूस से कितना कच्चा तेल खरीद रहा है?

अप्रैल-मई के दौरान भी रूस से तेल का आयात बढ़ा इस दौरान भारत में रूस से आयात बढ़कर पांच अरब डॉलर हो गया, जिसमें कच्चे तेल की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. यह आयात 2021-2022 में रूस से किए गए कुल आयात का लगभग आधा है.

क्या भारत रूस से कच्चे तेल का निर्यात करता है?

भूमिका अप्रैल 2022 से रूस से भारत का तेल आयात कुल कच्चे तेल के आयात के 0.2 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है. 2022 की शुरुआत में जहां प्रतिदिन 25,000 बैरल कच्चे तेल का आयात होता था, वहीं मई-जून तक ये बढ़कर 6,00,000 बैरल प्रतिदिन हो गया.

क्या भारत रूस से तेल खरीदा?

आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल के बाद से भारत ने रूस से 50 गुना ज्यादा कच्चा तेल (Crude Oil Import From Russia) खरीदा है. अब भारत के टोटल क्रूड ऑयल इम्पोर्ट (India Crude Oil Import) में रूस की हिस्सेदारी बढ़कर 10 फीसदी पर पहुंच गई है. भारत-रूस व्यापार से जुड़े ये आंकड़े गुरुवार को एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया.