भारतीय क्रिकेट टीम दो बार क्रिकेट विश्व कप में विजेता रह चूका है जिसमें पहली बार १९८३ क्रिकेट विश्व कप तथा दूसरी बार २०११ क्रिकेट विश्व कप में महेंद्र सिंह धोनी तथा कपिल देव की कप्तानी में जीत मिली। इनके अलावा २००३ क्रिकेट विश्व कप में उपविजेता रहा। १९८७ ,१९९६ तथा २०१५ में सेमीफाइनल में पहुंचा। इनके अलावा १९९९ क्रिकेट विश्व कप में सुपर सिक्स में पहुंचा तथा चार बार १९७५, १९७९, १९९३ और २००७ में नॉकआउट में पहुंचा था। भारत ने २०१५ क्रिकेट विश्व कप के अनुसार भारत ने विश्व कप में ४६ मैच जीते है जबकि २७ मैचों में हार मिली है और एक मैच टाई रहा है तथा कुछ मैच बारिश के कारण बिना परिणाम के रहे है। Show
क्रिकेट विश्व कप में कीर्तिमान[संपादित करें]
White: ग्रुप/राउंड-रॉबिन स्टेज हरा: क्वार्टर फाइनल और सुपर सिक्स नीला: सेमीफाइनल सिल्वर: रनर अप गोल्ड: विजेता टीमों के खिलाफ रिकॉर्ड
१९७५ विश्व कप में[संपादित करें]१९७५ क्रिकेट विश्व कप आईसीसी के क्रिकेट विश्व कप का पहला संस्करण था जो कि इंग्लैंड में जउन १९७५ में आयोजित किया गया था। जिसमें ६०-६० ओवरों के मैच खेले गए थे। इस विश्व कप में भारत की कमान श्रीनिवासाराघवान वेंकटराघवन के पास थी जो कि एक ऑफ़ स्पिन गेंदबाज है। इनके अलावा टीम के मुख्य बल्लेबाज सुनील गावस्कर ,गुंडप्पा विश्वनाथ और फारुख इंजीनियर जैसे रहे थे। १९७५ विश्व कप में भारत का पहला मैच इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ लन्दन में खेला गया था मैच में इंग्लैंड ने ३३५ रन बनाए जवाब में भारत ६० ओवरों में मात्र १३२/३ रन ही बना सकी और मैच हार गई थी। इस विश्व कप में भारतीय क्रिकेट टीम ३ मैच खेली थी जिसमें १ में जीत दर्ज की और २ मैचों में हार मिली। '१९७५ विश्व कप में खिलाड़ी'
भारत का रिकॉर्ड : 1−2 (ग्रुप बी तीसरा स्थान) १९७९ विश्व कप में[संपादित करें]१९७९ का क्रिकेट विश्व कप भी इंग्लैंड की सरजमीन पर ही खेला गया। इस विश्व कप में भी कप्तान श्रीनिवासाराघवान वेंकटराघवन ही थे और और टीम के प्रमुख बल्लेबाज सुनील गावस्कर ,दिलीप वेंगसरकर तथा गुंडप्पा विश्वनाथ थे। इस विश्व कप में भी भारत का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहां और अपने पूरे ४ मैचों में हार का सामना करना पड़ा। १९७९ विश्व कप में भारत ग्रुप बी के चौथे पायदान पर रहा। १९७९ क्रिकेट विश्व कप में खिलाड़ी
१९८३ विश्व कप में[संपादित करें]१९८३ का क्रिकेट विश्व कप भारत के लिए बहुत अच्छा रहा क्योंकि इसमें भारतीय क्रिकेट टीम को जीत मिली थी। यह विश्व कप भी इंग्लैंड में ही आयोजित किया गया। इस बार टीम के कप्तान कपिल देव को चुना गया। टीम के मुख्य बल्लेबाजों में सुनील गावस्कर ,गुंडप्पा विश्वनाथ ,कृष्णम्माचारी श्रीकांत दिलीप वेंगसरकर जैसे बल्लेबाज थे। कप्तान कपिल देव ने एक ऑलराउंडर की भूमिका निभाई थी। भारत का पहला मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ मैनचेस्टर में खेला गया जिसमें भारत ने बल्लेबाजी करते हुए ८ विकेट पर २६२ रन बनाए थे। जवाब में विंडीज २२८ रनों पर सिमट गई थी। सेमीफाइनल मैच इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला गया था जिसमें इंग्लैंड ने २१४ रनों का लक्ष्य दिया और भारत ६ विकेटों से जीत गया था। १९८३ क्रिकेट विश्व कप का फाइनल मैच भारत और वेस्टइंडीज के बीच २५ जून १९८३ को लॉर्ड्स में खेला गया जिसमें भारत ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए मात्र १८३ रनों पर ५५वें ओवर में ऑलआउट हो गई थी जवाब में विंडीज १४० रन पर सिमट गई और भारत विजेता बन गया था। १९८३ विश्व कप में भारत के खिलाड़ी
भारत का रिकॉर्ड: 6−2 (विजेता) १९८७ विश्व कप में[संपादित करें]पहली बार क्रिकेट विश्व कप आयोजन इंग्लैंड के बाहर आयोजित किया गया ,यह विश्व कप भारत और पाकिस्तान में आयोजित किया गया। इस विश्व कप में भारतीय टीम में खिलाड़ी लगभग १९८३ क्रिकेट विश्व कप के ही थे ,साथ ही कप्तान भी कपिल देव थे। भारत का पहला मैच मद्रास में ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ खेला गया था जिसमें ऑस्ट्रेलिया मात्र १ रन से जीत गया था। इसी बीच भारत इस विश्व कप में भी सेमीफाइनल में पहुंच गया था और भारत ने अपना सेमीफाइनल मैच इंग्लैंड क्रिकेट टीम क्र खिलाफ खेला था जिसमें इंग्लैंड ने बल्लेबाजी करते हुए ६ विकेट खोकर २५४ रन बनाए थे और जवाब में भारत ४६ ओवर में मात्र २१९ रन ही बना पाई थी और मैच हार गई थी। १९८७ विश्व कप में खिलाड़ी
भारत का रिकॉर्ड: 5−2 (सेमीफाइनल में हारा) १९९२ विश्व कप में[संपादित करें]१९९२ क्रिकेट विश्व कप का आयोजन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड देशों में किया गया। जिसमें भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना पहला मैच इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ पर्थ में खेला। २३६ रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए मात्र २२७ रन ही बना सकी। टीम की और से रवि शास्त्री ने ११२ गेंदों पर ५७ रन , श्रीकांत ने ५० गेंदों पर ३९ रन और सचिन तेंदुलकर ने ४४ गेंदों पर ३५ रन बनाए। इसी प्रकार भारत पिछले दो विश्व कप के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका और ७ मैचों में ५ में हार मिली और २ में जीत दर्ज की और १ मैच रद्द रहा। १९९२ क्रिकेट विश्व कप में भारतीय खिलाड़ी
भारत का रिकॉर्ड: 2−5 ,1 रद्द (राउंड रोबिन, 7वां स्थान) १९९६ विश्व कप में[संपादित करें]१९९६ क्रिकेट विश्व कप का आयोजन तीन देशों की सहायता से भारत ,पाकिस्तान और श्रीलंका में आयोजित किया गया था। जिसमें भारत के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन थे जबकि मुख्य बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ,संजय मांजरेकर ,नवजोत सिंह सिद्धू तथा अजय जड़ेजा थे। गेंदबाजी में अनिल कुंबले ,जवागल श्रीनाथ ,मनोज प्रभाकर और वेंकटपति राजू थे। भारत ने अपना पहला मैच केन्या के खिलाफ खेला था जिसमें सचिन तेंदुलकर ने १२७ रनों की पारी खेली थी और अनिल कुंबले ने २८ रन देकर ३ विकेट लिए जिसके कारण मैच भारत जीत सका था। १९९६ क्रिकेट विश्व कप में भारत के खिलाड़ी
भारत का रिकॉर्ड: 4−3 (सेमीफाइनल) १९९९ विश्व कप में[संपादित करें]१९९९ का क्रिकेट विश्व कप जो कि इंग्लैंड की सरजमीन पर खेला गया था ,ये विश्व कप भारत के लिए अच्छा नहीं रहा और भारत ने कुल ८ मुकाबलों में ४ में जीत दर्ज की और ४ में हार मिली इस प्रकार भारत सुपर सिक्स में रहा। टीम में मुख्य बल्लेबाज के तौर पर सचिन तेंदुलकर ,राहुल द्रविड़ ,सौरव गांगुली ,अजय जड़ेजा और कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन थे जबकि गेंदबाजी में अनिल कुंबले ,जवागल श्रीनाथ ,अजित अगरकर और वेंकटेश प्रसाद प्रमुख थे। इस विश्व कप में भारत ने अपना पहला मैच दक्षिण अफ़्रीकी टीम के खिलाफ खेला था जिसमें हार का सामना करना पड़ा था। १९९९ क्रिकेट विश्व कप में भारत के खिलाड़ी
भारत का रिकॉर्ड: 4−4 (सुपर सिक, 6वां स्थान) २००३ विश्व कप में[संपादित करें]२००३ का क्रिकेट विश्व कप दक्षिण अफ्रीका और ज़िम्बाब्वे में मेजबानी में खेला गया था। इस विश्व कप भारत के प्रमुख बल्लेबाज कप्तान सौरव गांगुली ,सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ थे जबकि नए - नए बल्लेबाजों में वीरेंद्र सहवाग तथा युवराज सिंह थे। गेंदबाजी क्रम में ज़हीर ख़ान ,अनिल कुंबले तथा अजीत आगरकर थे। भारतीय क्रिकेट टीम ने पहला मैच पार्ल में हॉलैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ अपना पहला मैच खेला था। इसी भारत पूरे विश्व कप में ९ जीत मैच सका और २ मैचों में हार मिली। इस विश्व कप का फाइनल मैच भारतीय क्रिकेट टीम और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ २३ मार्च २००३ को जोहान्सबर्ग में खेला गया था जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने टॉस हारकर बल्लेबाजी करते हुए २ विकेट खोकर ३५९ रन बनाए जिसमें रिकी पोंटिंग और डेमियन मार्टिन ने १४० -१४० रनों की पारी खेली थी ,३६० रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ४०वे ओवर में २३४ रनों पर ऑलआउट हो गयी और ऑस्ट्रेलिया मैच १२५ रनों से जीत गई। भारत की ओर से वीरेंद्र सहवाग ने ८२ रनों की पारी खेली थी। २००३ क्रिकेट विश्व कप में भारत के खिलाड़ी
भारत का रिकॉर्ड: 9−2 (उप विजेता) २००७ विश्व कप में[संपादित करें]२००७ का क्रिकेट विश्व कप वेस्टइंडीज़ में खेला गया था। इस विश्व कप में भारतीय क्रिकेट टीम की ओर ऐसे तीन बल्लेबाज खेल रहे थे जिन्होंने १०,००० से ज्यादा रन बनाए थे जिसमें (सचिन तेंदुलकर ,राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली) थे। विश्व कप भारत के कप्तान राहुल द्रविड़ थे और उपकप्तान सचिन तेंदुलकर थे। मुख्य बल्लेबाजों में इन खिलाडियों के अलावा महेंद्र सिंह धोनी और वीरेंद्र सहवाग थे जबकि गेंदबाजों में अनिल कुंबले ,हरभजन सिंह और ज़हीर ख़ान थे। भारत ने अपना पहला मैच बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला था लेकिन उसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था ,परंतु दूसरा मैच बरमूडा क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला था जिसमें भारत ने बल्लेबाजी करते हुए ५ विकेट खोकर ४१३ रन बनाए जिसमें वीरेंद्र सहवाग ने ११४ रनों की पारी खेली थी। जवाब में बरमूडा की टीम मात्र १५६ रनों पर सिमट गई थी। इस विश्व कप में भारत मात्र ३ मैच ही खेल सका था जिसमें १ जीत और २ में हार मिली थी। २००७ क्रिकेट विश्व कप में भारत के खिलाड़ी
भारत के रिकॉर्ड: 1−2 (ग्रुप बी ,3रा स्थान) २०११ विश्व कप में[संपादित करें]२०११ का क्रिकेट विश्व कप भारतीय क्रिकेट टीम के किये काफी अच्छा रहा था क्योंकि इसमें भारत को २३ साल फाइनल मैच में जीत मिली थी। इस विश्व में भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे जबकि प्रमुख बल्लेबाजों में सचिन तेंदुलकर ,वीरेंद्र सहवाग ,युवराज सिंह ,विराट कोहली तथा गौतम गंभीर थे जबकि गेंदबाजों में ज़हीर ख़ान ,हरभजन सिंह ,आशीष नेहरा तथा रविचंद्रन अश्विन थे। भारत ने अपना पहला मैच बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाफ ढाका में खेला था जिसमें भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए ४ विकेट पर ३७० रन बनाए थे जिसमें वीरेंद्र सहवाग ने १७५ रनों की तथा विराट कोहली ने १०० रनों की पारी खेली थी। जवाब में बांग्लादेश ५० ओवरों में ९ विकेट पर २८३ रन ही बना सकी। टीम की ओर से तमीम इक़बाल ने ७० रन बनाए जबकि भारत की ओर से मुनाफ पटेल ने ४८ रनों पर ४ विकेट लिए। इसी प्रकार भारत ग्रुप के मैच जीतने के बाद सेमीफाइनल मैच पाकिस्तान क्रिकेट टीम के साथ खेला जिसमें भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए ९ विकेट पर २६० रन बनाए जवाब में पाकिस्तान २३१ रन पर एक गेंद शेष रहते सिमट गई। फाइनल मैच भारतीय क्रिकेट टीम और श्रीलंका क्रिकेट टीम के बीच मुम्बई के वानखेड़े स्टेडियम पर ०२ अप्रैल २०११ को खेला गया। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए ५० ओवरों में ६ विकेट पर २७४ रन जिसमें महेला जयवर्धने ने नाबाद १०३ रनों की पारी खेली थी। भारत की और से ज़हीर ख़ान ने ६० रन देकर २ विकेट लिए। २७५ रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और जल्दी - जल्दी ३१ रनों पर २ विकेट गंवा दिए थे बाद में गौतम गंभीर के ९७ और महेंद्र सिंह धोनी के ९१ रनों की शानदार पारियों से भारत ने छक्के से मैच जीत लिया। श्रीलंका की और से लसिथ मलिंगा ने ४२ पर २ विकेट लिए। पूरे टूर्नामेंट में श्रीलंकाई बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान ने सबसे ज्यादा ५०० रन बनाए और ज्यादा विकेट ज़हीर ख़ान और शाहिद अफरीदी ने २१ विकेट लिये। मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह को १५ विकेट और ३६२ रनों के लिए घोषित किया गया जबकि फाइनल मैच क मैन ऑफ़ मैच महेंद्र सिंह धोनी को दिया गया। २०११ विश्व कप में भारत के खिलाड़ी
भारत का रिकॉर्ड: 7-1 और 1 टाई (दूसरी बार विजेता) २०१५ विश्व कप में[संपादित करें]२०१५ का क्रिकेट विश्व कप न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर खेला गया। भारतीय टीम की कमान महेंद्र सिंह धोनी के पास थी मुख्य बल्लेबाजों में रोहित शर्मा ,विराट कोहली ,अजिंक्य रहाणे थे जबकि गेंदबाजों में उमेश यादव ,भुवनेश्वर कुमार ,मोहम्मद शमी और रविचंद्रन अश्विन थे। भारत ने इस विश्व कप में सेमीफाइनल मैच के सिवाय सभी जीते जिसमें ७ में जीत और १ मैच में हार का सामना करना पड़ा। सेमीफाइनल मैच भारत और ऑस्ट्रेलियाई टीम के बीच खेला गया था जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था। २०१५ क्रिकेट विश्व कप में भारत के खिलाड़ी
भारत का रिकॉर्ड: 7-1 (सेमीफाइनल) ==२०१९ विश्व कप में==what टीम के रिकॉर्ड[संपादित करें]सर्वाधिक पारी में रन[संपादित करें]
सबसे न्यूनतम रन पारी में[संपादित करें]
पारी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज[संपादित करें]
सर्वाधिक भागीदारी[संपादित करें]
हर विकेट के लिए सबसे अच्छी भागीदारी[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
भारत ने अपना पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप कब जीता था?37 साल पहले आज ही के दिन 25 जून 1983 को भारतीय क्रिकेट टीम ने कपिल देव के नेतृत्व में ऐतिहासिक लार्ड्स के मैदान में वेस्टइंडीज को 43 रन से हराकर अपना पहला विश्व कप खिताब जीता था।
भारत ने दूसरी बार विश्व कप कब जीता?World Cup 2011: भारत ने 2011 में दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा किया था. टीम ने फाइनल में श्रीलंका को (India vs Sri Lanka) मात दी थी. पहली बार टीम 1983 में चैंपियन बनी थी.
पहला क्रिकेट विश्व कप कब हुआ था?BBC Hindi | विश्व कप क्रिकेट का इतिहास वर्ष 1975 में पहला विश्व कप क्रिकेट इंग्लैंड में खेला गया था. सात जून से 21 जुलाई तक खेली गई इस प्रतियोगिता में आठ टीमों ने हिस्सा लिया था. आठ टीमों को चार-चार के दो ग्रुपों में रखा गया था.
पाकिस्तान ने वर्ल्ड कप कितनी बार जीता है?देशों के हिसाब से परिणाम. |