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कांग्रेस के नेता डॉ श्रीकांत जिचकर सबसे पढ़ा-लिखा माना जाता है सबसे पढ़ा लिखा व्यक्ति है congress ke neta Dr. shreekant jichakar sabse padha likha mana jata hai sabse padha likha vyakti hai कांग्रेस के नेता डॉ श्रीकांत जिचकर सबसे पढ़ा-लिखा माना जाता है सबसे पढ़ा लिखा व्यक्ति है 4 164This Question Also Answers: Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App! 1 ये थीं उनकी उपलब्धियां 1. Medical Doctor, MBBS and MD 2. Law, LL.B 3. M.A. Public Administration 4. M.A. Sociology 5. M.A. Economics 6. M.A. Sanskrit 7. M.A. History 8 M.A. English Literature 9. M.A. Philosophy 10. M.A. Political Science 11. M.A. Ancient Indian History, Culture and Archaeology 12. M.A Psychology 13. International Law, LL.M 14. Masters in Business Administration, DBM and MBA 15. Bachelors in Journalism 16. D. Litt. Sanskrit 17. IPS 18. IAS खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं? खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? आज हम आपको भारत के ऐसे व्यक्ति के बारे में बता रहे हैं जो अपनी मेहनत पर सबसे ज्यादा पढ़ाई करने वाला इंसान बन गया। जी हॉ आज आप सभी को भारत के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे और सबसे ज्यादा डिग्रियों को हासिल करने वाले सख्स के विषय मे बता रहे है| ITI, 8th, 10th युवाओं के लिये सुनहरा अवसर नवल शिप रिपेयर भर्तियाँ, जल्दी करें अभी देखें जानकारी ग्राहक डाक सेवा नौकरियां 2019: 10 वीं पास 3650 जीडीएस पदों के लिए करें ऑनलाइन जानिए जिओ ने कैसे बनाया Guinness World Records जाने इसके बारे में इस दुनिया के 5 सबसे महंगे होटल जानिए इनके बारे में दसवीं पास लोगों के लिए इस विभाग में मिल रही है बम्पर रेलवे नौकरियां दोस्तो जिस व्यक्ति की हम बात कर रहे हैं उनका नाम डॉ श्रीकांत जिचकर है जो कांग्रेस पार्टी के महान नेता रह चुके है।नई दिल्ली: बेटा तुम बड़े होकर क्या बनोगे? यह सवाल अक्सर बच्चों से पूछ ही लिया जाता है. बच्चे भी ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर, पुलिस या IAS अधिकारी जैसे जवाब देते हैं. लेकिन अगर आपको पता चले कि भारत में एक ऐसा व्यक्ति था, जिसके पास मेडिकल डॉक्टर की भी डिग्री थी. जिसके पास कानून की भी डिग्री थी. और तो और IAS की परीक्षा भी पास की थी. तो आप एक बार सोच में जरूर पड़ जाएंगे. हैरान होने वाली बात नहीं है. ऐसा व्यक्ति भारत से ही है. जिसे देश का सबसे पढ़ा-लिखा व्यक्ति कहा जाता है. हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के श्रीकांत जिचकर के बारे में, जिनके पास 20 डिग्रीयां थीं. साथ में भारत में सबसे अधिक पढ़ने वाले व्यक्ति रूप में लिम्का बुक अवॉर्ड भी. Success Story: इंजीनियर बिरादरी के लोग खुश हो सकते हैं! उनमें से एक बना गया है दुनिया सबसे अमीर आदमी In this page we are providing all Hindi Grammar topics with detailed explanations it will help you to score more marks in your exams and also write and speak in the Hindi language easily. विशेषण परिभाषा – Visheshan in Hindi Examples (Udaharan) – Hindi Grammar
“जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता अथवा हीनता बताए, ‘विशेषण’ कहलाता है और वह संज्ञा या सर्वनाम ‘विशेष्य’ के नाम से जाना जाता है।” नीचे लिखे वाक्यों को देखें-
उक्त उदाहरणों में ‘अच्छा’ और ‘बुरा’ विशेषण एवं ‘आदमी’ विशेष्य हैं। विशेषण हमारी जिज्ञासाओं का शमन (समाधान) भी करता है। उक्त उदाहण में ही- विशेषण न सिर्फ विशेषता बताता है; बल्कि वह अपने विशेष्य की संख्या और परिमाण (मात्रा) भी बताता है। जैसे-
इस प्रकार विशेषण के चार प्रकार होते हैं-
1. गुणवाचक विशेषण“जो शब्द, किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण, दोष, रंग, आकार, अवस्था, स्थिति, स्वभाव, दशा, दिशा, स्पर्श, गंध, स्वाद आदि का बोध कराए, ‘गुणवाचक विशेषण’ कहलाते हैं।” गुणवाचक विशेषणों की गणना करना मुमकिन नहीं; क्योंकि इसका क्षेत्र बड़ा ही विस्तृत हुआ करता है। जैसे-
गुणवाचक विशेषणों में से कुछ विशेषण खास विशेष्यों के साथ प्रयुक्त होते हैं। उनके प्रयोग से वाक्य बहुत ही सुन्दर और मज़ेदार हो जाया करते हैं। नीचे लिखे उदाहरणों को देखें-
नोट : उपर्युक्त वाक्यों में चिलचिलाती ………. धूप के लिए, बजबजाता ………. नाले के लिए, लाल-लाल …….. टमाटर के लिए और बलखाती ………… नागिन के लिए प्रयुक्त हुए हैं। ऐसे विशेषणों को ‘पदवाचक विशेषण’ कहा जाता है। क्षेत्रीय भाषाओं में जहाँ के लोग कम पढ़े-लिखे होते हैं, वे कभी-कभी उक्त विशेषणों से भी जानदार विशेषणों का प्रयोग करते देखे गए हैं।
नीचे दिए गए विशेषणों से उपयुत विशेषण चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :
2. संख्यावाचक विशेषण“वह विशेषण, जो अपने विशेष्यों की निश्चित या अनिश्चित संख्याओं का बोध कराए, ‘संख्यावाचक विशेषण’ कहलाता है।” उक्त उदाहरणों में ‘पाँच’ लड़कों की निश्चित संख्या एवं ‘कुछ’ छात्रों की अनिश्चित संख्या बता रहे हैं। (b) अपूर्णांक बोधक/अपूर्ण संख्यावाचक : इसमें अपूर्ण संख्या का प्रयोग होता है। 2. क्रमवाचक : यह विशेष्य की क्रमात्मक संख्या यानी विशेष्य के क्रम को बतलाता है। इसका प्रयोग सदा एकवचन में होता है। 3. आवृत्तिवाचक : यह विशेष्य में किसी इकाई की आवृत्ति की संख्या बतलाता है। 4. संग्रहवाचक : यह अपने विशेष्य की सभी इकाइयों का संग्रह बतलाता है। 5. समुदायवाचक : यह वस्तुओं की सामुदायिक संख्या को व्यक्त करता है। 6. वीप्सावाचक : व्यापकता का बोध करानेवाली संख्या को वीप्सावाचक कहते हैं। यह दो प्रकार से बनती है—संख्या के पूर्व प्रति, फी, हर, प्रत्येक इनमें से किसी के पूर्व प्रयोग से या संख्या के द्वित्व से। जैसे- कभी-कभी निश्चित संख्यावाची विशेषण भी अनिश्चयसूचक विशेषण के योग से अनिश्चित संख्यावाची बन जाते हैं। आसपास की दो निश्चित संख्याओं का सह प्रयोग भी दोनों के आसपास की अनिश्चित संख्या को प्रकट करता है। जैसे- कुछ संख्याओं में ‘ओं’ जोड़ने से उनके बहुत्व यानी अनिश्चित संख्या की प्रतीति होती है। 3. परिमाणवाचक विशेषण”वह विशेषण जो अपने विशेष्यों की निश्चित अथवा अनिश्चित मात्रा (परिमाण) का बोध कराए, ‘परिमाणवाचक विशेषण’ कहलाता है।” इस विशेषण का एकमात्र विशेष्य द्रव्यवाचक संज्ञा है। उपर्युक्त उदाहरणों में थोड़ा’ अनिश्चित एवं ‘चार क्विटल’ निश्चित मात्रा का बोधक है। परिमाणवाचक से भिन्न संज्ञा शब्द भी परिमाणवाचक की भाँति प्रयुक्त होते हैं। संख्यावाचक की तरह ही परिमाणवाचक में भी ‘ओं’ के योग से अनिश्चित बहुत्व प्रकट होता है। 4. सार्वनामिक विशेषणहम जानते हैं कि विशेषण के प्रयोग से विशेष्य का क्षेत्र सीमित हो जाता है। जैसे— ‘गाय’ कहने से उसके व्यापक क्षेत्र का बोध होता है; किन्तु ‘काली गाय’ कहने से गाय का क्षेत्र सीमित हो जाता है। इसी तरह “जब किसी सर्वनाम का मौलिक या यौगिक रूप किसी संज्ञा के पहले आकर उसके क्षेत्र को सीमित कर दे, तब वह सर्वनाम न रहकर ‘सार्वनामिक विशेषण’ बन जाता है।” जैसे- इन वाक्यों में ‘यह’ एवं ‘वह’ गाय तथा आदमी की निश्चितता का बोध कराने के कारण निश्चयवाचक सर्वनाम हुए; किन्तु यदि ‘यह’ एवं ‘वह’ का प्रयोग इस रूप में किया जाय- तो ‘यह’ और ‘वह’ ‘गाय’ एवं आदमी के विशेषण बन जाते हैं। इसी तरह अन्य उदाहरणों को देखें- वाक्यों में विशेषण के स्थानों के आधार पर उन्हें दो भागों में बाँटा गया है- 2. विधेय विशेषण : जिस विशेषण का प्रयोग अपने विशेष्य के बाद हो, वह ‘विधेय विशेषण’ कहलाता है। प्रविशेषण या अंतरविशेषण 1. विश्वजीत डरपोक लड़का है। (विशेषण) 2. सौरभ धीरे-धीरे पढ़ता है। (क्रियाविशेषण) उपर्युक्त वाक्यों में ‘बड़ा’, ‘डरपोक’ विशेषण की और ‘बहुत’ शब्द ‘धीरे-धीरे’ क्रिया विशेषण की विशेषता बताने के कारण ‘प्रविशेषण’ हुए। 1. बहुत कड़ी धूप है, थोड़ा आराम तो कर लीजिए। विशेषणों की तुलना (Comparison of Adjectives) तुलनात्मक दृष्टि से एक ही प्रकार की विशेषता बतानेवाले पदार्थों या व्यक्तियों में मात्रा का अन्तर होता है। तुलना के विचार से विशेषणों की तीन अवस्थाएँ होती हैं 1. मूलावस्था (Positive Degree) : इसके अंतर्गत विशेषणों का मूल रूप आता है। इस अवस्था में तुलना नहीं होती, सामान्य विशेषताओं का उल्लेख मात्र होता है। 2. उत्तरावस्था (Comparative Degree) : जब दो व्यक्तियों या वस्तुओं के बीच अधिकता या न्यूनता की तुलना होती है, तब उसे विशेषण की उत्तरावस्था कहते हैं। उत्तरावस्था में केवल तत्सम शब्दों में ‘तर’ प्रत्यय लगाया जाता है। जैसे-
हिन्दी में उत्तरावस्था का बोध कराने के लिए ‘से’ और ‘में’ चिह्न का प्रयोग किया जाता है। विशेषण की उत्तरावस्था का बोध कराने के लिए ‘के अलावा’, ‘की तुलना में’, ‘के मुकाबले’ आदि पदों का प्रयोग भी किया जाता है। 3. उत्तमावस्था (Superlative Degree) : यह विशेषण की सर्वोत्तम अवस्था है। जब दो से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं के बीच तुलना की जाती है और उनमें से एक को श्रेष्ठता या निम्नता दी जाती है, तब विशेषण की उत्तमावस्था कहलाती है। तत्सम शब्दों की उत्तमावस्था के लिए ‘तम’ प्रत्यय जोड़ा जाता है। जैसे-
‘श्रेष्ठ’, के पूर्व, ‘सर्व’ जोड़कर भी इसकी उत्तमावस्था दर्शायी जाती है। फारसी के ‘ईन’ प्रत्यय जोड़कर भी उत्तमावस्था दर्शायी जाती है। विशेषणों की रचना
संबंध की विभक्ति लगाकार—लाल रंग की साड़ी, तेज बुद्धि का आदमी, सोनू का घर, गरीबों की दुनिया। नोट : विशेषण पदों के निर्माण से संबंधित बातों की विस्तृत चर्चा ‘प्रत्यय-प्रकरण’ में की जा चुकी है। विशेषणों का रूपान्तर विशेषण का अपना अपरिवर्तित रूप परिवर्तित रूप जिन विशेषण शब्दों के अन्त में ‘इया’ रहता है, उनमें लिंग के कारण रूप-परिवर्तन नहीं होता। उर्दू के उम्दा, ताजा, जरा, जिंदा आदि विशेषणों का रूप भी अपरिवर्तित रहता है। सार्वनामिक विशेषणों के रूप भी विशेष्यों के अनुसार ही होते हैं। जो तद्भव विशेषण ‘आ’ नहीं रखते उन्हें ईकारान्त नहीं किया जाता है। स्त्री० एवं पुं० बहुवचन में भी उनका प्रयोग वैसा ही होता है। भारत में सबसे पढ़ा लिखा व्यक्ति कौन है?भारत में सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति कौन था? महाराष्ट्र के श्रीकांत जिचकर भारत के सबसे ज्यादा पड़े लिखे व्यक्ति थे, जिनके पास 20 डिग्रीयां थीं. साथ में भारत में सबसे अधिक पढ़ने वाले व्यक्ति रूप में लिम्का बुक अवॉर्ड भी. जिचकर का जन्म 1954 में नागपुर के एक किसान परिवार में हुआ.
दुनिया का सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा आदमी कौन है?दशरथ सिंह के नाम दर्ज है। इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्डस में हाल में उनका नाम “मोस्ट एजुकेशनली क्वालिफाइड पर्सन ऑफ द वर्ल्ड“ यानी विश्व के सबसे ज्यादा शैक्षणिक योग्यता वाले व्यक्ति के रूप में दर्ज किया है। इस रिकॉर्ड बुक ने उनकी 36 डिग्रियां को उनके नाम के साथ रिकॉर्ड बुक में शामिल किया है।
भारत के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति कौन है?भारत के सबसे ज्यादा पढ़ें- लिखे व्यक्ति का नाम श्रीकांत जिचकर हैं. उनके पास 20 से डिग्रियां थीं. श्रीकांत जिचकर का जन्म 14 सितंबर, 1954 को कटोल, नागपुर जिले में एक किसान परिवार में हुआ था.
श्रीकांत जिचकर के पास कौन कौन सी डिग्री थी?श्रीकांत जिचकर का नाम भारत के 'सबसे योग्य व्यक्ति' के रूप में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है. उनके पास 2 या 4 नहीं बल्कि 20 डिग्रियां थीं, लेकिन क्या आप जानते हैं श्रीकांत के अलावा एक ऐसे शख्स भी हैं जिसके पास, 145 डिग्रियां हैं.
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