उत्तर-पूर्वी मानसून
प्रीलिम्स के लिये:उत्तर-पूर्वी मानसून, दक्षिण-पश्चिम मानसून, अल नीनो, ITCZ Show
मेन्स के लिये:उत्तर-पूर्वी और दक्षिण-पश्चिम मानसून को प्रभावित करने वाले कारक; भारत के मानसून पर अल नीनो का प्रभाव; भारत के मानसून मॉडल, उनके विश्लेषण मानक तथा उनमें विद्यमान सीमाएँ; ITCZ और व्यापारिक पवनों का भारतीय जलवायु पर प्रभाव चर्चा में क्यों?भारत में इस बार मानसून वर्ष 1961 के पश्चात् सबसे देरी से लौटा है लेकिन इसका उत्तर-पूर्वी (North-East) मानसूनी वर्षा की मात्रा और अवधि पर कोई प्रभाव नहीं देखा गया है। प्रमुख बिंदु:
उत्तर-पूर्वी मानसून का नामकरण:
भारत की वर्षा पर अल नीनो का प्रभाव:
आगे की राह:
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस और द हिंदूउत्तरी पूर्वी मानसून में सबसे अधिक वर्षा प्राप्त करने वाला राज्य कौन सा है?दक्षिण- पश्चिम मानसून की अपेक्षा उत्तर-पूर्वी मानसून कम वर्षा करता है लेकिन यह वर्षा दक्षिण भारत में विशेष रूप से तमिलनाडु के लिये महत्त्वपूर्ण है।
भारत में अधिकांश वर्षा कौन से मानसून से होती है?यहां अधिकांश वर्षा दक्षिण पश्चिम मानसून से होती है। भारत में पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर से कर्क रेखा निकलती है। इसका देश की जलवायु पर सीधा प्रभाव पड़ता है। ग्रीष्म, शीत और वर्षा ऋतुओं में से वर्षा ऋतु को प्रायः मानसून भी कह दिया जाता है।
भारत में उत्तरी पूर्वी मानसून कब आता है?Solution : उत्तरी-पूर्वी मानसून : भारत में दिसंबर से फरवरी तक की अवधि में उत्तर पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर चलने वाली पवनों को उत्तर-पूर्वी मानसून पवनें कहते हैं।
शीतकाल में भारत के अधिकांश क्षेत्रों में वर्षा क्यों नहीं होती है?यद्यपि शीतकाल में वर्षा, जिसे स्थानीय तौर पर 'महावट' कहा जाता है, की कुल मात्रा कम होती है, लेकिन ये रबी फसलों के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण होती है । प्रायद्वीपीय भागों में शीत ऋतु स्पष्ट नहीं होती है। समुद्री पवनों के प्रभाव के कारण शीत ऋतु में भी यहाँ तापमान के प्रारूप में न के बराबर परिवर्तन होता है।
|