भारत की जनसंख्या नीति क्या है? - bhaarat kee janasankhya neeti kya hai?

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जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। इसमें केंद्र सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई। याचिकाकर्ता की दलील है कि देश में अपराध, प्रदूषण बढ़ने और संसाधनों तथा नौकरियों की कमी का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है।

भारत में क्या है जनसंख्या वृद्धि :- जीव विज्ञान में, विशेष प्रजाति के अंत: जीव प्रजनन के संग्रह को जनसंख्या कहते हैं। समाजशास्त्र में जनसंख्या को ‘मनुष्यों के संग्रह’ के तौर पर परिभाषित किया गया है। किसी क्षेत्र में, समय की किसी निश्चित अवधि के दौरान वहां बसे हुए लोगों की संख्या में बदलाव होता रहता है। इसे ही जनसंख्या वृद्धि यानी जनसंख्या परिवर्तन कहा जाता है, ये धनात्मक भी हो सकता है और ऋणात्मक भी,

आज़ादी के बाद भारत की जनसंख्या नीति किया थी :- भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने सबसे पहले 1952 में परिवार नियोजन कार्यक्रम को अपनाया। प्रथम पंचवर्षीय योजना में ही बढ़ती आबादी को विकास के बाधक के तौर पर चिन्हित किया गया और तभी से विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कोशिश की जाती रही है, भारत में सबसे पहले जनसंख्या नीति बनाने का सुझाव साल 1960 में एक विशेषज्ञ समूह ने दिया था।
साल 1976 में देश की पहली जनसंख्या नीति की घोषणा की गई, बाद में 1981 में इस जनसंख्या नीति में कुछ संशोधन भी किए गए, इस जनसंख्या नीति के तहत जन्म दर तथा जनसंख्या वृद्धि में कमी लाना, विवाह की न्यूनतम आयु में वृद्धि करना, परिवार नियोजन को प्रोत्साहित करना और महिला शिक्षा पर विशेष जोर देने का लक्ष्य रखा गया था।
इसके बाद फरवरी 2000 में सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 की घोषणा की। ये नीति डॉक्टर एम. एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में गठित एक विशेषज्ञ दल की रिपोर्ट पर आधारित है, इस जनसंख्या नीति का प्रमुख उद्देश्य प्रजनन तथा शिशु स्वास्थ्य की देखभाल के लिए बेहतर सेवातंत्र की स्थापना तथा गर्भ निरोधकों और स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे की आवश्यकताएं पूरी करना है। इसका दीर्घकालीन लक्ष्य जनसंख्या में साल 2045 तक स्थायित्व प्राप्त करना है।
आबादी पर काबू पाने के लिहाज़ से देश में साल 1996 से काहिरा मॉडल लागू है जिसके तहत आबादी को घटाने के लिए आम जनता पर किसी प्रकार का दबाव नहीं डाला जाता है, बल्कि शिक्षा के ज़रिए उनमें छोटे परिवार के प्रति एहसास जगाया जाता है। पूरी दुनिया में अभी यही फार्मूला लागू है।

भारत राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग :- मई 2000 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग का गठन किया गया। आयोग का काम होगा –
1.) राष्ट्रीय जनसंख्या नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा करना,
2.) निगरानी करना और निर्देश देना,
3.) स्वास्थ्य संबंधी, शैक्षणिक, पर्यावरणीय और विकास कार्यक्रमों में सहक्रिया को बढ़ावा देना
4.) कार्यक्रमों की योजना बनाने व क्रियान्वयन करने में अन्तरक्षेत्रीय तालमेल को बढ़ावा देना

भारत में जनसंख्या वृद्धि के फायदे

भारत में जनगणना से जुड़े कुछ तथ्य – जनगणना 2011 के मुताबिक़ :-
* कुल जनसंख्या – 1210854977
* पुरुष जनसंख्या की हिस्सेदारी – 51.47%
* महिलाओं की हिस्सेदारी – 48.53%
* 0-6 साल के बच्चों की हिस्सेदारी – 13.6%
* दशकीय वृद्धि दर – 17.7%
* वार्षिक वृद्धि दर – 1.64%
* लिंगानुपात – 943/1000
* बाल लिंगानुपात : 919/1000
* कुल साक्षरता दर : 73%
* पुरुष साक्षरता दर : 80.9%
* महिला साक्षरता दर : 64.6
* जनसंख्या घनत्व (2011) : 382/km square
* जनसंख्या घनत्व (2001) : 325
* ग्रामीण जनसंख्या की हिस्सेदारी : 68.84%
* शहरी जनसंख्या की हिस्सेदारी : 31.14
* जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य : उत्तर प्रदेश
* जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा राज्य : सिक्किम
* शिशु मृत्यु दर (2016) : 34
* जन्म दर (2016) : 20.4
* मृत्यु दर (2016) : 6.4
* मातृ मृत्यु दर (2014-2016) : 130

जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए विशेष उपाय

जनसंख्या वृद्धि प्रमुख के कारण :-
1.)जीवन प्रत्याशा में वृद्धि
2.) पारिवार नियोजन की कमी
3.) बाल विवाह
4.) अशिक्षा
5.) धार्मिक कारण और रूढ़िवादिता
6.) गरीबी
7.) अवैध प्रवासी

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भारत में जनसंख्या की नीति क्या है?

इस जनसंख्या नीति के तहत जन्म दर तथा जनसंख्या वृद्धि में कमी लाना, विवाह की न्यूनतम आयु में वृद्धि करना, परिवार नियोजन को प्रोत्साहित करना और महिला शिक्षा पर विशेष जोर देने का लक्ष्य रखा गया था। इसके बाद फरवरी 2000 में सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 की घोषणा की।

जनसंख्या नीति का क्या अर्थ है?

जनसंख्या नीति का तात्पर्य ऐसी सरकारी घोषणा है कि जिसमें 'जनसंख्या' वृद्धि की जाये अथवा जनसंख्या नियंत्रित की जाने से होता है। किन्तु आर्थिक विश्लेषण में जनसंख्या नीति से तात्पर्य किसी देश की उस जनसंख्या से है जिसमें देश की जनसंख्या का आकार (Sizc) व संरचना (Structure) निश्चित की जाती है।

भारत में नई जनसंख्या नीति कब लागू हुई?

16 अप्रैल 1976 को भारत सरकार ने नई राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की घोषणा की। इसके अंतर्गत क्रांतिकारी लक्ष्य रखे गए और इसके लिए कई उपाय किए जैसे विवाह की न्यूनतम आयु लड़कियों के लिए 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष कर दी गई।

जनसंख्या नीति की मुख्य विशेषता क्या है?

Solution : राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं: (i)14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करना। (ii)शिशु मृत्यु दर को प्रति 1000 में 30 से कम करना । (iii) व्यापक स्तर पर टीकारोधी बीमारियों से बच्चों को छुटकारा दिलाना। (iV)लड़कियों की शादी की उम्र को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना।