प्रश्न। बिहार की नगरीय विकास समस्या स्पष्ट कीजिये और उन पर काबू पाने के लिए उपाय योजना सुझाइये। ( 64th BPSC 2019) उत्तर। 2011 की जनगणना के अनुसार , राज्यों में बिहार का जनसंख्या घनत्व सबसे अधिक है। जबकि , शहरीकरण के हिसाब से बिहार में शहरीकरण सिर्फ 11.3% है जबकि भारत में शहरीकरण 31.2% है । बिहार के भी शहरी आबादी का वितरण एक समान नहीं है, जैसे पटना में शहरीकरण 43.1% है जबकि बांका शहरीकरण 3.5% है। बिहार की नगरीय विकास की समस्याएं निम्नलिखित हैं: प्राइमेट सिटी ( मुख्य शहर):
शहरी केंद्रों में कम आर्थिक अवसर
राज्य में शहरीकरण के लिए कोई व्यवस्थित योजना नहीं:
बुनियादी ढांचा और शहरी परिवहन में कमी :
शहरी गरीब और स्लम :
बिहार में शहरी विकास की समस्याओं को दूर करने के लिए आवश्यक उपाय:
भारत में नगरीकरण की क्या प्रवृत्ति है?भारत में शहरीकरण की जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। शहरी आबादी जो 1901 में 2 करोड़ 56 लाख थी , 1951 में बढ़कर 6 करोड़ 24 लाख हो गई। इस प्रकार 1901 में यह 2 करोड़ 56 लाख हो गई , यह 1951 में बढ़कर 6 करोड़ 24 लाख हो गई। इस प्रकार , 1901 और 1951 के बीच , शहरी आबादी 3.68 मिलियन की वृद्धि हुई।
नगरीकरण से आप क्या समझते हैं नगरीकरण की प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालिए?नगर क्षेत्रों का भौतिक विस्तार या उसके क्षेत्रफल, जनसंख्या आदि में बेतहाशा वृद्धि 'नगरीकरण' कहलाता है। यह एक वैश्विक परिवर्तन है। संयुक्त राष्ट्र संघ की परिभाषा के अनुसार- "ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का शहरों में जाकर रहना और काम करना भी 'नगरीकरण' है।"
नगरीकरण की मुख्य विशेषताएं क्या है?नगरीकरण विकास प्रक्रिया का ही एक अंग है। ग्रामीण क्षेत्रों जनसंख्या का नगरीय क्षेत्रों में परिवर्तन आर्थिक विकास की दृढ़ कसौटी है। पिछड़े हुए स्थिर समाज में नगरीकरण की प्रक्रिया वस्तुतः धीमी होती है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए रोज़गार उपलब्ध कराने में नगर सक्षम नहीं होते।
नगरीकरण क्या है इसके प्रभाव का वर्णन कीजिए?नगरीकरण के फलस्वरूप अब सामाजिक मूल्यों मे परिवर्तन होने लगा है। यह नगरीकरण का एक सामाजिक प्रभाव हैं। व्यक्तिवादी जीवन मूल्यों में सामूहिकता की भावना मे निरंतर कमी होती जा रही है। जीवन में नैतिकता और विश्वास का अभाव होने लगा है और स्वार्थ की भावना बढ़ती जा रही है।
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