Show बहुमत (plurality या majority) शब्द का प्रयोग मतदान (वोंटिंग) के सन्दर्भ में किया जाता है। सामान्यतः जो प्रत्याशी सर्वाधिक मत प्राप्त करता है उसे 'बहुत मिला है' कहते हैं।
भारतीय संविधान के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव, विश्वास प्रस्ताव, कामरोको प्रस्ताव, सभापति, उपसभापति तथा अध्यक्षॉ के चुनाव हेतु सदन के यदि संविधान संशोधन का प्रस्ताव राज्य विधायिकाओं को भेजना हो, सामान्य बिल, धन बिल, राष्ट्रपति शासन, वित्तीय आपातकाल लगाने हेतु सामान्य बहुमत को मान्यता प्राप्त है यदि बहुमत के प्रकार का निर्देश न होने पर उसे सदैव सामान्य बहुमत समझा जाता है
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बहुमत से आपका क्या मतलब है?बहुमत (plurality या majority) शब्द का प्रयोग मतदान (वोंटिंग) के सन्दर्भ में किया जाता है। सामान्यतः जो प्रत्याशी सर्वाधिक मत प्राप्त करता है उसे 'बहुत मिला है' कहते हैं।
बहुमत कितने प्रकार के होते हैं?1 भारतीय संसद में चार प्रकार के बहुमत हैं। वे पूर्ण बहुमत, प्रभावी बहुमत, विशेष बहुमत और साधारण बहुमत हैं।
2 3 बहुमत क्या होता है?कुल सदस्यों का 2/3 होता है। लोकसभा विशेष बहुमत 362 है। इस तरह से विशेष बहुमत निकाला जाता है।
साधारण बहुमत और विशेष बहुमत में क्या अंतर है?सामान्य बहुमत का अर्थ है सदन में उपस्थित 50 परसेंट से अधिक सदस्यों का बहुमत मिलना। यदि सदन में पूरे सदस्य नहीं है तो 50 परसेंट से अधिक सदस्यों का ही बहुमत माना जाता है। विशेष बहुमत को स्पेशल मेजॉरिटी कहा जाता है । विशेष बहुमत का उपयोग सदन में मुख्य रूप से 2 कारणों के लिए किया जाता है।
|