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बच्चों में खून की कमी (एनीमिया) - Anemia in babies in Hindiशेयर करें August 11, 2020 कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है! आज के दौर में बच्चों को खून की कमी होना एक आम समस्या बन चुकी है। शरीर के वजन का करीब 7 प्रतिशत हिस्सा रक्त से बनता है और रक्त का 45 प्रतिशत हिस्सा लाल रक्त कोशिकाओं से बना होता है। लाल रक्त कोशिकाएं ही ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाने का काम करती हैं। यह कोशिकाएं शरीर के तापमान को नियंत्रित करने, किडनी और लीवर के अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने तथा रक्त को फिल्टर व साफ करती हैं। जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होती है तो इससे कई तरह की समस्याएं शुरू होने लगती है। रक्त की कमी को ही मेडिकल भाषा में एनीमिया कहा जाता है। बच्चों को आहार में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों देने से वह एनीमिया की समस्या से काफी हद तक सुरक्षित रहते हैं। इस लेख में विस्तार से बताया गया बच्चों में खून की कमी क्या है। इसके साथ ही बच्चों में खून की कमी के लक्षण, कारण, बचाव और बच्चों में खून की कमी के इलाज व उपाय के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गयी है। (और पढ़ें - खून की कमी के घरेलू उपाय)
बच्चों को खून की कमी (एनीमिया) होने पर कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं। बच्चों में एनीमिया के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं।
(और पढ़ें - शिशु का वजन बढ़ाने के उपाय) बच्चों में खून की कमी (एनीमिया) के कारण - Bacho me khoon ki kami ke karanबच्चों में खून की कमी कई कारणों से हो सकती है। बच्चों में विशेषकर खून की कमी का कारण बनने वाले कारकों को आगे बताया गया है।
बच्चों आयरन की कमी के कारण
(और पढ़ें - गर्भावस्था में डायबिटीज का इलाज) बच्चों में खून की कमी से बचाव - Bacho me khoon ki kami se bachavबच्चे में खून की कमी से बचाव के लिए कई तरह के उपायों को आजमाया जा सकता है। इसके कुछ उपायों को नीचे क्रमानुसार बताया गया है।
(और पढ़ें - बच्चों की इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं) बच्चों में खून की कमी (एनीमिया) का इलाज - Bacho me khoon ki kami ka ilajबच्चों में खून की कमी (एनीमिया) का इलाज उनकी आयु, निदान, पहले की स्वास्थ्य स्थिति और मौजूदा स्वास्थ पर निर्भर करता है। इसका इलाज निम्नलिखित तरीके से किया जा सकता है।
बच्चे में खून की कमी का घरेलू इलाज बच्चे को मिनरल्स और विटामिन युक्त आहार देना चाहिए। जिससे खून की कमी दूर होती है और इस समस्या से बचाव भी होता है। खून की कमी को दूर करने के लिए बच्चों व किशोरों को चुकंदर देना चाहिए। बच्चों को आप गाजर और शकरकंद के साथ चुकंदर को मिलाकर भी दे सकती हैं। इसके अलावा बच्चे को पालक, केला, सेब, खाली पेट बच्चे को खजूर व दूध देना, मेथी, आदि भी दे सकते हैं। (और पढ़ें - संतुलित आहार के फायदे) संदर्भ
सम्बंधित लेखबच्चों का खून बढ़ाने के लिए क्या खिलाए?पालक और अनानास को साथ में मिलाकर बनाए गए जूस से भी शरीर में आयरन की कमी पूरी हो सकती है. चुकंदर आयरन से भरपूर होता है. सिर्फ चुकंदर का जूस (Beetroot Juice) भी बच्चे को दिया जा सकता है और चुकंदर में संतरा मिलाकर भी. इन दोनों को मिलाकर साथ पीने से शरीर को आयरन के साथ-साथ विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में मिलता है.
जल्दी से जल्दी खून कैसे बढ़ाएं?हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए आहार. पालक और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें. अनार, चुकंदर, केला, गाजर, अमरूद, सेब, अंगूर, संतरा, टमाटर का सेवन करें. गुड़ खाएं या गुड़ की चाय पिएं. खजूर, बादाम और किशमिश खाएं. बादाम वाला दूध पिएं. अंडा, चिकन या मछली भी हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करते हैं. सबसे ज्यादा खून बढ़ाने वाला फल कौन सा है?इस फल का नाम अनार है. इससे बॉडी में सबसे तेज खून बनता है.
बच्चों में हीमोग्लोबिन कम होने के क्या लक्षण है?हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण (Symptoms of Low Haemoglobin in Hindi). सिर में दर्द. सांस फूलना. चक्कर आना. घबराहट होना. कमजोरी होना. चिड़चिड़ापन होना. थकान महसूस होना. ध्यान लगाने में कमी होना. |