बच्चों के काम पर जाने के सवाल की तरह क्यों लिखा जाना चाहिए? - bachchon ke kaam par jaane ke savaal kee tarah kyon likha jaana chaahie?

कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि 'काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?' कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए?

Solution

बच्चों की स्थिति के ज़िम्मेदार केवल समाज के लोग हैं। समाज को जागरुक करने तथा इस समस्या के समाधान के लिए प्रयत्न करने पर विवश करने के लिए समाज के समक्ष इन प्रश्नों को पूछना उचित एवं न्यायोचित है।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 9 A)

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बच्चों के काम पर जाने को सवाल क्यों लिखा जाना चाहिए?

कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए? उत्तर => बच्चे अपने मर्जी से काम पे नही जाते , बच्चो का काम पे जाना एक भयानक बात है । कुछ बच्चे तोह गरीबी के कारण काम करते है , उन्हें दुसरो बच्चो की तरह पढ़ने , खेलने को नही मिलता ।

बच्चों के काम पर जाने को विवरण की तरह न लिखकर सवाल की तरह न लिखकर सवाल की तरह क्यों लिखा जाना चाहिए?

कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि 'काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?' कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए? बच्चो की इस स्थिति के लिए उनकी आर्थिक स्थिति ही नही यह समाज भी जिम्मेवार है।

बच्चे काम पर जा रहे हैं यह भयानक प्रश्न कैसे बनता है?

बच्चों को काम पर भेजना उनके बचपन को छीनना है। इसके चलते वे खेल, शिक्षा, और जीवन की उमंग से वंचित रह जाते हैं। उससे उनका शोषण होता है। इसलिए बचपन में सभी को पढ़ने, खेलने-कूदने का अवसर मिलने के साथ-साथ अन्य सुविधाएँ भी समान रूप में उपलब्ध होनी चाहिए।

बच्चों के काम पर जाते देखकर कवि के मन में क्या क्या प्रश्न उठते हैं?

Answer.
बच्चों को काम पर जाते देखकर कवि के मन में प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या उनके खेलने के लिए रखी गेंदें आकाश में गिर गई? ... .
'बच्चे काम पर जा रहे हैं' कविता में सामाजिक सरोकारों का महत्त्व देते हुए बच्चों के काम पर जाने की पीड़ा को कवि ने बड़े ही मर्मस्पर्शी ढंग से व्यक्त किया है।.