इन लक्षणों से पता चलता है अल्सर, जानें ठीक करने के उपाय
| Updated: Aug 9, 2019, 11:04 AM
अल्सर का प्रमुख कारण पेट में एसिड बढ़ना, चाय, कॉफी, सिगरेट व शराब आदि का अधिक सेवन है। इसके अलावा ज्यादा खट्टी, मसालेदार और गर्म पदार्थ का सेवन करने से अल्सर की समस्या हो जाती है।
पेट के ऊपरी भाग में दर्द होना- अल्सर की समस्या होने पर पेट के ऊपरी भाग में काफी दर्द होता है। ऐसा देखा जाता है कि अल्सर में खाने के बाद पेट में दर्द शुरू हो जाता है। इसके अलावा खाली पेट रहने से भी दर्द होता है। अल्सर में आहार नली के निचले हिस्से में छाले पड़ जाते हैं।
कभी-कभी तो आहार नली में छिद्र भी हो जाता है और आहार नली में तेज जलन होती है।
बता दें कि अल्सर शरीर के अंदर छोटी आंत के शुरुआती स्थान या म्यूकल झिल्ली पर होने वाले छाले या घाव होते हैं। अल्सर का प्रमुख कारण पेट में एसिड बढ़ना, चाय, कॉफी, सिगरेट व शराब आदि का अधिक सेवन है। इसके अलावा ज्यादा खट्टी,
मसालेदार और गर्म पदार्थ का सेवन करने से अल्सर की समस्या हो जाती है। खान-पान के साथ ही अधिक तनाव से भी अल्सर का रोग हो जाता है। इन लक्षणों से पता चलता है कि आप पेट के अल्सर की चपेट में हैं।
एसिड बनना- जब हम कुछ खाते हैं तो आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक एसिड बनता है। इससे ही भोजन का पाचन होता है। कभी-कभी बदहजमी के कारण एसिड ऊपर की ओर आहार नली में चला जाता है और इससे जलन महसूस होती है। इसका असर गले, दांत, सांस आदि पर पड़ने लगता है। इससे मुंह में छाले पड़ जाते हैं।
खून की उलटी होना- अल्सर में ऐसा देखा जाता है कि उलटी होती है या उलटी आने जैसा महसूस होता है। जब अल्सर बढ़ जाता है तो दिक्कतें बढ़ती हैं और कभी-कभी खून की उलटी भी हो सकती है। ऐसे में मल का रंग भी काला हो जाता है।
एसिडिटी का रिफ्लेक्शन होना- अल्सर होने पर सीने में दर्द की शिकायत होती है। यह दर्द एसिडिटी रिफ्लेक्शन के कारण होता है। बताते चलें कि दिल का दर्द सीने के ऊपरी भाग में होता है और कभी-कभी एसिडिटी की वजह से भी उसी जगह दर्द होता है। इसके चलते बिना जांच के दोनों में फर्क करना मुश्किल होता है।
वजन कम हो जाना- पेट के अल्सर रोग से परेशान लोगों का वजन बहुत तेजी से घटने लगता है। इसके पीछे कारण है कि अल्सर होने पर मरीज खाने को लेकर उदासीन हो जाता है। इसके चलते वजन कम होने लगता है। इसके अलावा खाना अच्छे से न पच पाने के कारण वजन घटने लगता है।
यह हैं उपाय
-गुड़हल के लाल फूलों को पीसकर, पानी के साथ इसका शर्बत बनाकर पीना चाहिए।
-गाय के दूध में हल्दी की कुछ मात्रा मिलाकर रोजाना पीने से फायदा होता है।
-बेल का जूस या बेलपत्र को पीसकर इसे पानी में घोलकर बनाकर पीना चाहिए।
-बादाम को रातभर पानी में भिगोकर सुबह इसे
चबाते हुए खाएं। इसके अलावा बादाम को दूध में पीसकर इसका प्रयोग किया जा सकता है।
-केले, नारियल, पत्तागोभी, गाजर, मेथीदाना और सहजन का सेवन लाभकारी साबित होता है।
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