अहमदनगर किले में रहकर नेहरू जी ने क्या कार्य करना प्रारंभ किया? Show अहमदनगर किले में नेहरू जी ने बागवानी का कार्य शुरू किया। क्योंकि वे खाली बैठकर समय व्यर्थ नहीं करना चाहते थे। उन्होंने पथरीली व कंकरीली जमीन को भी उपजाऊ बना डाला। 10523 Views अतीत का दबाव’ शब्दों से क्या तात्पर्य है?
C. मनुष्य के मानस पटल पर प्राचीन सभ्यता व संस्कृति का प्रभाव 3136 Views नेहरू जी ने बंदी जीवन में कलम क्यों उठाई?
B. भारतीयों में राष्ट्रप्रेम जागृत करने हेतु 1415 Views लेखनी उठाने का प्रमुख उद्देश्य क्या था?
C. भारतीय इतिहास पर प्रकाश डालना 1078 Views यह नेहरू जी की कितनी बार की जेल यात्रा थी?
1291 Views ‘अहमदनगर का किला’ पाठ कब व किसके द्धारा लिखा गया?
A. 13 अप्रैल 1944 में जवाहरलाल नेहरू द्धारा 7522 Views These NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant & Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 1 अहमदनगर का किला Questions and Answers Summary are prepared by our highly skilled subject experts. Bharat
Ki Khoj Class 8 Chapter 1 Question and Answers पाठाधारित प्रश्न बहुविकल्पी प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न
1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. पाठ विवरण इस पाठ में नेहरू जी की नवीं जेल यात्रा का वर्णन है। इस पाठ के माध्यम से नेहरू जी का कहना है कि मनुष्य के मानस पटल पर अपनी संस्कृति और सभ्यता की जो पुरानी छाप है रहती है, वह अच्छी और बुरी दोनों रूपों में प्रभावित करती है। अहमदनगर के किले में नेहरू जी को 1942-45 तक रखा गया था, यह पाठ उसका का संस्मरण है। Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 1 Summary अतीत का भार नेहरू जी को बागवानी का शौक था। उन्हें अंग्रेज़ी सरकार द्वारा जिन जेलों में रखा गया वहाँ उन्होंने अपने शौक को पूरा किया। दूसरी जेलों की तरह उन्होंने अहमद नगर के किले में भी बागवानी शुरू कर दी थी। वे प्रतिदिन धूप में भी फूलों के लिए क्यारियाँ बनाते थे। वहाँ की ज़मीन की मिट्टी काफ़ी खराब थी। यह मिट्टी पुराने मलबे से भरी हुई थी। इस मिट्टी ने अनेक युद्ध और गुप्त संधियाँ देखी हैं। इसलिए इसे ऐतिहासिक जगह भी कहा जाता है। यहाँ की एक महत्त्वपूर्ण घटना चाँद बीबी की याद नेहरू जी को आती है। उसी चाँद बीबी ने इस किले की रक्षा के लिए अकबर की मुगल सेना के विरुद्ध युद्ध लड़ा था। उसी चाँद बीबी की हत्या उसी के विश्वासी आदमी ने की थी। जेल में बागवानी के लिए खुदाई करते समय नेहरू जी को सतह के काफ़ी नीचे पुरानी दीवारों के हिस्से, गुंबद और इमारतों के ऊपरी हिस्से मिले। लेकिन जेल अधिकारी सीमित स्थानों से आगे बढ़ने की इजाजत नहीं देते थे। इसलिए उन्होंने कुदाल छोड़कर कलम हाथ में उठाई और उन्होंने यह प्रण लिया जब तक देश आज़ाद नहीं हो जाता है, वे देश की आजादी के लिए लिखते रहेंगे। वे भविष्य के बारे में इसलिए नहीं लिख सकते, क्योंकि वह किसी पैगम्बर की भूमिका में नहीं हैं। अब बचा अतीत के बारे में इतिहास व विद्वान की तरह लिखने में सक्षम नहीं थे। वे केवल वर्तमान विचारों और क्रियाकलापों के साथ संबंध स्थापित करके ही उसके बारे में कुछ लिख सकते हैं। गेटे के अनुसार, इस तरह का इतिहास लेखन अतीत के भारी बोझ से एक सीमा तक राहत दिलाता है। अतीत का दबाव नेहरू जी बराबर सोचा करते थे कि आखिर इनकी विरासत क्या है ? वे किन बातों के उत्तराधिकारी हैं? फिर स्वयं ही उनका मानना है कि मानवता के जिन मूल्यों को हजारों वर्षों से प्राप्त किया गया, जीत का उल्लास, हार का दुख व मानव के साहसी कारनामे ये सभी उनके साथ जुड़े हैं। वे इन्हीं सबके संतान हैं। नेहरू जी ने अपने विचारों में अपनी घटना का भी उल्लेख किया है कि भारतवासियों की विरासत की विशेष बात यह है कि ये आपको अपना-पराया का भेद-भाव नहीं करते। यह विचार हमारे अंदर कूट-कूट कर भरा हुआ है। यही विचार हमें एकसूत्र में बाँधकर रखते हैं। इन आधारों पर वर्तमान और भावी रूप बनेगा। शब्दार्थ: पृष्ठ संख्या 1- दूज – शुक्ल पक्ष का दूसरा दिन, शुक्ल पक्ष – पंद्रह दिनों की यह अवधि जब चाँद सायंकाल निकलता है, कारावास – जेल, स्थायी – लंबे समय तक, सहचर – साथ चलने वाला। पृष्ठ संख्या 2- बागवानी – बाग-बगीचे लगाना, अवशेषों – बचे हुए पदार्थ, अतीत – पुराना, दूरभिसंधियाँ – दुश्मनों या गलत इरादों से की गई संधि, अहमियत – विशेषता, विरुद्ध – खिलाफ नेतृत्व, मंजूरी – अनुमति, कुदाल – फावड़ा, कर्म – कार्य। पृष्ठ संख्या 3- पैगंबर – ईश्वर का दूत, अख्तियार – अधिकार, विद्वत्तापूर्ण – पांडित्य, राहत – आराम, वारिस – उत्तराधिकारी, भावी – आनेवाला, मन में घर करना, स्पर्श – छूना। 3 अहमदनगर किले में रहकर नेहरू जी ने क्या कार्य करना प्रारंभ किया?दूसरी जेलों की तरह, यहाँ अहमदनगर के किले में भी मैंने बागवानी करना शुरू कर दिया। मैं रोज़ कई घंटे तपती धूप में भी फूलों के लिए क्यारियाँ बनाने में बिताने लगा।
अहमदनगर के किले में जवाहरलाल नेहरू को कौन से कमरे में कैद किया था?कैदी नंबर 582 बने नेहरू
जेल के दस्तावेजों के अनुसार पंडित जवाहर लाल नेहरू का नाम कैदी नंबर 582 के रूप में दर्ज है। आजादी के बाद नेहरू भारत के प्रधानमंत्री बने और सेंट्रल जेल की जिस बैरक में नेहरू बंद थे उसे नेहरू बैरक का नाम दिया गया।
नेहरू जी अहमदनगर के किले में क्या कार्य किए विस्तार से लिखिए?प्रश्न 3: अहमदनगर किले में नेहरू जी अपना शौक पूरा करने के लिए क्या काम करने लगे? उत्तर: नेहरू जी ने अपना बागवानी का शौक पूरा करने के लिए कुदाल उठा ली और पथरीली एवं कंकरीली जमीन की खुदाई शुरू कर दी और उस बंजर जमीन को पेड़-पौधे लगाने के योग्य बना दिया।
अहमदनगर के किले में नेहरू जी ने कितना समय बिताया?Answer: तीन साल से अधिक समय तक जवाहरलाल नेहरू किले में कैद रहे और सक्रिय राजनीति से दूर रहे।
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