अंग्रेजों ने भारत में क्या अच्छा काम किया? - angrejon ne bhaarat mein kya achchha kaam kiya?

अंग्रेजों ने भारत में लंबे वक्त तक शासन किया, मगर जाने-अंजाने में उन्होंने भारत के लिए कई अच्छे काम भी किए। जिन्हें आज तक याद किया जाता है। 

इतिहास में भारत सोने की चिड़िया हुआ करता था। जिस चिड़िया पर दुनिया के बड़े-बड़े सत्ताधारियों  की नजर रहती थी। राजाओं के आपसी मतभेद के चलते बाहरी ताकतों ने कई बार भारत को अपना गुलाम बनाया। मुगलों से लेकर पूर्तगालियों तक कई शक्तियों ने हमारे देश पर आक्रमण कर, उसे बुरी तरह से लूटा। अंग्रेज भी उनमें से एक थे। उन्होंने लंबे समय तक भारत को अपना गुलाम बनाया और यहां के जनता और संसाधनों का इस्तेमाल किया। यही कारण है आज भी ब्रिटिश हुकूमत को भारत के काले अध्यायों में से एक माना जाता है। हालांकि जाने-अंजाने में ब्रिटिश हमारे लिए कई अच्छे काम भी कर गए, जिन्हें आज तक लोगों के बीच याद किया है। इतना ही नहीं ब्रिटिश हुकूमत द्वारा की गई ये चीजें आज भी भारतीय इस्तेमाल करते हैं। 

आज के आर्टिकल में हम आपको ऐसी ही कुछ अच्छे कामों के बारे में बताएंगे, जो अंग्रेजों ने भारत के लिए किए हैं। तो देर किस बात की, आइए जानते हैं अंग्रेजों द्वारा शुरू की गई इन चीजों के बारे में- 

भारतीय रेलवे- 

अंग्रेजों ने भारत में क्या अच्छा काम किया? - angrejon ne bhaarat mein kya achchha kaam kiya?

दुनिया भर में रेलवे नेटवर्क की शुरुआत करने वाले ब्रिटिश ही थे। जब ब्रिटिश शासन करने के लिए भारत आए, तो वो अपने साथ रेलवे नेटवर्क भी लेकर आए। हालांकि उन्होंने यह काम भारतीयों के लिए नहीं बल्कि अपने निजी स्वार्थ के लिए किया था। कच्चे माल को बंदरगाहों तक पहुंचाने के लिए ब्रिटिश हुकूमत ने रेलवे नेटवर्क की शुरुआत की, जिस कारण धीरे-धीरे भारत में यात्री रेलवे की शुरुआत हुई। अंग्रेजों के जाने के बाद भी, देशवासी इस रेलवे नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं।

अंग्रेजी भाषा- 

अंग्रेजों ने भारत में क्या अच्छा काम किया? - angrejon ne bhaarat mein kya achchha kaam kiya?

ब्रिटिश अपने साथ अपनी भाषा भी लेकर आए, जिसे आज हम अंग्रेजी भाषा के नाम से जानते हैं। ब्रिटिश ने अपनी हुकूमत के साथ ही अंग्रेजी भाषा का विस्तार करना शुरू कर दिया। स्कूल, कॉलेज समेत सभी सरकारी संस्थानों में अंग्रेजी भाषा को अनिवार्य कर दिया गया, जिस कारण लोगों के बीच अंग्रेजी भाषा का प्रचार प्रसार हुआ। ब्रिटिश के जाने के बाद भी लोगों के बीच अंग्रेजी रह गई, आज भी अंग्रेजी को भारत की आधिकारिक भाषा माना जाता है। 

वैक्सीनेशन- 

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कोरोना काल में भारत ने अपनी वैक्सीन खुद से बनाकर तैयार की, मगर वैक्सीन से पहली बार परिचय ब्रिटिश द्वारा ही कराया गया। बता दें कि 19वीं और 20वीं सदी के दौरान ब्रिटिश हुकूमत ने लोगों को स्मॉल पॉक्स के टीके लगवाए, ताकि भारत में बढ़ रही महामारी को रोका जा सके। वैक्सीन के अलावा भी ब्रिटिश ने ही पहली बार चेकअप और डिस्पेंसरी की शुरुआत की। 

पुरातत्व सर्वेक्षण- 

भारत में ब्रिटिश हुकूमत से पहले पुरातत्व सर्वेक्षण नहीं किया जाता था, इसकी शुरुआत भी ब्रिटिश द्वारा की गई। साल 1851 में ब्रिटिश ने ज्योग्राफिकल सर्वे ऑफ इंडिया डिपार्टमेंट की शुरुआत की, जिसके बाद कई लुप्त ऐतिहासिक स्थलों के बारे में लोगों को पता चल सका। सर्वे के कारण ही आगे चलकर लोगों को भारत की प्राचीन सभ्यताओं और लुप्त गौरवशाली इतिहास के बारे में पता चल पाया। तब से लेकर आज तक भारत में सर्वेक्षण का काम चल रहा है, जिस कारण लोग अब भारत के इतिहास के बारे में और भी अच्छे तरीके से जान सकते हैं।

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आर्मी- 

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भारत की आर्मी आज दुनिया की सबसे मजबूत आर्मी में से एक है। बता दें कि भारत में आर्मी की शुरुआत भी ब्रिटिश सरकार द्वारा की गई थी। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान कई भारतीय सैनिकों ने अंग्रेजों की तरफ से युद्ध लड़ा था, जिसे आज भी याद किया जाता है। इस आर्मी में भारतीय के साथ-साथ एंग्लो इंडियन्स भी हुआ करते थे। 

कुप्रथाओं पर कानून- 

अंग्रेजों ने भारत में क्या अच्छा काम किया? - angrejon ne bhaarat mein kya achchha kaam kiya?

भारत में कई ऐसी प्रथाएं मौजूद थीं, जो सालों से महिलाओं का शोषण करती थी। ब्रिटिश सरकार ने इस तरह की प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाया, जिस कारण ये कुप्रथाएं हमारे समाज से खत्म हो सकीं। अपने शासन के दौरान ब्रिटिश ने सती प्रथा, छुआछूत और बाल विवाह जैसी प्रथाओं पर कई कानून बनाए, यह कानून असल में भारतीय महिलाओं के शोषण से बचाने में कारगर साबित हुए। इन प्रथाओं को खत्म करने के लिए कई भारतीय समाज सुधारकों ने ब्रिटिश हुकूमत का साथ दिया।

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जनगणना- 

जनगणना का अर्थ होता है किसी जगह पर रहने वाले लोगों के विषय में लेखा-जोखा करना। भारत में जनगणना की शुरुआत भी ब्रिटिश हुकूमत द्वारा ही की गई। बता दें कि साल 1871 में भारत में पहली बार जनगणना कराई गई, जो कि आज भी भारत में हर 10 साल में कराई जाती है। इस गणना के हिसाब से ही भारत में हो रहे विकास का अंदाजा लगाया जा सकता है। 

तो ये हैं कुछ ऐसे काम, जिन्हें अंग्रेजों ने भारत में शुरू किया, उनके जाने के लंबे समय बाद भी यह सभी चीजें भारत की पहचान हैं। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।

Image Credit- wikipedia.com and unsplash

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अंग्रेजों ने भारत में क्या सुधार किए?

अंग्रेजों ने 19वीं शताब्दी में सुविधा के हिसाब से भारत में सामाजिक पहचान की स्थापना की. यह सबकुछ अंग्रेजों ने अपने मतलब के लिए किया ताकि भारत जैसे देश पर वो आसानी से शासन कर सके. मान्यता और सामाजिक पहचानों की विविधता को एक हद तक सरल बनाने की कोशिश की गई और पूरी तरह से नई श्रेणियां और औहदे बनाए गए.

अंग्रेजों ने भारत को क्या दिया?

धीरे-धीरे अंग्रेजों ने अपनी कूटनीति से अन्य यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों को भारत से बाहर खदेड़ दिया और अपने व्यापारिक संस्थाओं का विस्तार किया। अंग्रेजों ने भारत के पूर्वी और पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में कई व्यापारिक केंद्र स्थापित किए और कलकत्ता, बॉम्बे और मद्रास के आसपास ब्रिटिश संस्कृति को विकसित किया गया।

अंग्रेजों ने भारत से क्या क्या चुराया?

45 ट्रिलियन की संपत्ति लूट से गए अंग्रेज अंग्रेज भारत से 3,19,29,75,00,00,00,000.50 रुपये लूटकर ले गए. ये रकम यूनाईटेड किंगडम की GDP से 17 गुना ज्यादा है. 1765 से 1938 तक अंग्रेजों ने कुल 9.2 ट्रिलियन पाउंड का खजाना लूटा, जिसकी कीमत आज 45 ट्रिलियन डॉलर है.

अंग्रेजों का भारत पर शासन करने का क्या उद्देश्य था?

अंग्रेजों का उद्देश्य भारत में अधिक से अधिक व्यापार करके यहां से पैसा हड़पना था. 1615 ईसवी में जहांगीर के शासनकाल में 'सर टॉमस रो' को अंग्रेजों ने अपना राजदूत बनाकर जहांगीर के दरबार में भेजा. सर टॉमस रो जहांगीर से कुछ व्यापारिक छूट पाने में सफल हो गए.