आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों फूल जाता है? - aapake vichaar se bholaanaath apane saathiyon ko dekhakar sisakana kyon phool jaata hai?

2. आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है?

Answer :
शिशु अपनी स्वाभाविक आदत के अनुसार अपनी उम्र के बच्चों के साथ खेलने में रुचि लेता है। उनके साथ खेलना अच्छा लगता है। अपनी उम्र के साथ जिस रुचि से खेलता है वह रुचि बड़ों के साथ नहीं होती है। दूसरा कारण मनोवैज्ञानिक भी है-बच्चे को अपने साथियों के बीच सिसकने या रोने में हीनता का अनुभव होता है। यही कारण है कि भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता है।


आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भुल जाते थे?

भोलानाथ को भी जब साथी बालकों की टोली दिखाई देती है तो उनका खेलना-कूदना देखकर, वह गुरु जी की डाँट-फटकार तथा अपना सिसकना भूल जाता है और उनके साथ खेलने में मग्न हो जाता है। बच्चों के साथ उसे लगता है कि अब डर, भय और किसी तरह की चिंता की आवश्यकता नहीं रही। यही कारण है कि भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता है।

भोिानाथ ऄपने साधथयों को देखकर धससकना क्यों भूि जाता था?

उनके साथ वह सबकुछ भुल जाता है। गुरू जी द्वारा गुस्सा करने पर वह अपने पिता की गोद में रोने − बिलखने लगता है परन्तु अपने मित्रों को मजा करते देख वह स्वयं को रोक नहीं पाता। मार की पीड़ा खेल की क्रीड़ा के आगे कुछ नहीं लगती। इसलिए रोना भुलकर वह दुबारा अपनी मित्र मंडली में खेल का मजा उठाने लगता है।

भोलेनाथ का बचपन का नाम क्या था?

भभूत रमाने से हम खासे 'बम भोला' बन जाते थे। पिता जी हमें बड़े प्यार से 'भोलानाथ' कहकर पुकारा करते । पर असल में हमारा नाम था 'तारकेश्वरनाथ'।

आपने देखा होगा कि भोलानाथ और उसके साथी जब तब खेलते खाते समय किसी न किसी प्रकार की तुकबंदी करते हैं?

आपने देखा होगा कि भोलानाथ और उसके साथी जब-तब खेलते-खाते समय किसी न किसी प्रकार की तुकबंदी करते हैंआपको यदि अपने खेलों आदि से जुड़ी तुकबंदी याद हो तो लिखिए। १ अटकन – बटकन दही चटाके। बनफूल बंगाले।