आपके विचार से अंग्रेज ने वह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए? - aapake vichaar se angrej ne vah puraana lota kyon khareed liya aapas mein charcha karake vaastavik kaaran kee khoj keejie?

आपके विचार से अंग्रेज़ ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए।

अंग्रेज़ को पुरानी व ऐतिहासिक वस्तुएं खरीदने का चाव था इसलिए उसने इस लोटे को खरीदा जिसका नाम बिलवासी जी ने ‘अकबरी लोटा’ रखा था। ऐसा हम इसलिए कह सकते हैं क्योंकि लालाजी के हाथों से लोटा खरीदने के पूर्व भी वह एक दुकान से पीतल की पुरानी मूर्तियाँ खरीद रहा था।

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“अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया।”
उल्का क्या होती है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होते हैं?

अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया’- ये शब्द लेखक ने लोटे के लिए कहे हैं क्योंकि लोटा उल्का की गति से भी तीव्र गति से नीचे की ओर गिरा था।
उल्का-उल्काओं का निर्माण चट्टानों के छोटे-छोटे कणों से होता है। ये छोटी-बेटी आकृतियाँ मंगल और बृहस्पति ग्रह के मध्य घूमती हैं। ये घूमते-घूमते कई बार पृथ्वी के वायुमंडल में प्रविष्ट हो जाती हैं और घर्षण से जल कर राख हो जाती हैं। उनके जलने पर एक विशेष प्रकार की चमक उत्पन्न होती है। लोग इसे टूटता तारा समझते हैं।

ग्रहों और उल्काओं में समानताएँ-
1. दोनों सूर्य के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते हैं।
2. दोनों में चट्टानों के कणों का मिश्रण पाया जाता है।

असमानताएँ-
1. ग्रह अपनी धुरी पर घूमते हैं जबकि उल्काओं की कोई निश्चित धुरी नहीं होती।
2. ग्रह सूर्य कै इर्द-गिर्द शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण की वज़ह से घूमते हैं जबकि उल्काओं का सूर्य के प्रति गुरुत्वाकर्षण बहुत कम होता है।
3. ग्रहों का आकार बड़ा होता है जबकि उल्काओं का बहुत छोटा।

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“लाला झाऊलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया” आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी?

दो और दो जोड़कर स्थिति समझना-अर्थात् परिस्थिति को भाँप जाना। जब लालाजी के हाथों से लोटा गिरने के बाद आँगन में भीड़ एकत्रित हो गई और एक अंग्रेज़ नखशिख तक भीगा हुआ लोटा हाथ में लिए गालियाँ देता हुआ आ रहा था, तो लाला ने परिस्थिति का अनुमान लगा लिया कि कुछ गड़बड़ हो गई है।
इस प्रकार लालाजी दो प्रमुख बातें समझ गए कि लोटा अंग्रेज़ को लगा है और वह अब उनसे लड़ने आया है।

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अपने घर या कक्षा की किसी पुरानी चीज़ के बारे में ऐसी ही कोई मजेदार कहानी बनाइए।

कहानी बनाने हेतु संकेत बिंदु:

1. नई कक्षा में प्रवेश।
2. बच्चों का खुश होना।
3. कक्षा की अलमारी की सफाई करना।
4. एक चार्ट का मिलना।
5. चार्ट खोलते ही उसमें बने भूत के चित्र की लाल-लाल आँखें चमकना।
6. बच्चों का डर जाना।
7. कक्षा से बाहर भागना।
8. अध्यापक का आना।
9. चार्ट को खोलना।
10. फिर आँखें चमकना।
11. चार्ट को उल्टा करना।
12. विज्ञान का प्रयोग कि तार जोड़ने पर विद्युतपथ का पूरा होना और बल्ब का जलना।
13. अध्यापक का हँसना।
14. बच्चों का लजाना।
15. कक्षा में वापिस आना।

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बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए।

बिलवासी जी के दिमाग में न जाने क्या आया कि उन्होंने लोटे की कथा को समाप्त करने हेतु व अंग्रेज़ काे चुप करवाने के लिए लोटे को ऐतिहासिक लोटा बता दिया। उसका नामकरण भी ‘अकबरी लोटा’ कहकर कर दिया।
अंग्रेज़ पहले से ही पुरानी चीजें खरीदने का शौकीन था। जब उसे यह पता चला कि जब हुमायूँ शेरशाह से हारकर सिंध के रेगिस्तान में मारा-मारा फिर रहा था तो एक दिन उसे प्यास लगने पर एक ब्राह्मण ने इसी लोटे से पानी पिलाया था और बाद में अकबर को जब यह बात मालूम हुई तो उसने इस लोटे को दस सोने के लोटे देकर उस ब्राह्मण से लिया। इसी कारण इसका नाम ‘अकबरी लोटा’ है। यह सुनकर अंग्रेज़ लोटा खरीदने हेतु लालायित हो उठा और उसने पाँच सौ रुपए मैं उसे खरीद लिया। लालाजी को तो अपनी पत्नी को देने के लिए ढाई सौ रुपयों की जरूरत थी जबकि बिलवासी जी ने उन्हें पाँच सौ रुपए थमा दिए।

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“लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।” लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए।

लाला झाऊलाल छत पर टहल रहे थे। कुछ प्यास लगने पर उन्होंने नौकर को पानी के लिए आवाज़ दी। नौकर के न होने पर उनकी पत्नी उनके लिए स्वयं पानी लेकर आई। वह पानी एक बेढंगे से लोटे में लाई जो लाला को जरा भी पसंद न था लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी को कुछ न कहा क्योंकि वे अपनी पत्नी की इज़्ज़त करते थे बिना वजह उसे टोकना नहीं चाहते थे। दूसरा वे पत्नी के तेज़-तर्रार स्वभाव को भी जानते थे वे सोचने लगे कि यदि मैंने लोटे के बारे में कुछ कह दिया तो खाना बाल्टी में ही खाना पड़ेगा। इसलिए वे चुप रहे।

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अंग्रेज ने पुराना लोटा क्यों खरीद लिया था?

Answer: अंग्रेज़ को पुरानी ऐतिहासिक चीज़ें इकट्ठा करने का शौक था। उसके एक मित्र ने 300 रूपए देकर एक जहाँगीरी अंडा खरीदा था। उसे हीन दिखाने के लिए अंग्रेज़ ने यह लोटा, अकबरी लोटा समझकर 500 रूपए में खरीदा

आपके विचार से अंग्रेज ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया आपस मेंचर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए?

प्रश्न 5: आपके विचार से अंग्रेज ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए। उत्तर: अंग्रेज को पुरानी और ऐतिहासिक चीजें संग्रह करने का शौक था। अपने संग्रह के दम पर वह अपने दोस्तों में अपना रसूख बनाना चाहता था।

अंग्रेज़ व्यक्ति ने लोटा कितने में खरीदा और क्यों खरीदा?

उत्तर:- अंग्रेज़ को पुरानी ऐतिहासिक चीज़ें इकट्ठा करने का शौक था। ऐसा इसलिए कह सकते है क्योंकि दुकान से पुरानी पीतल की मूर्तियाँ खरीद रहा था। अंग्रेज़ ने बिलवासी के कहने पर लोटा, अकबरी लोटा समझकर 500 रूपए में खरीदा

अंग्रेज लोटे से इतना प्रभावित क्यों हुआ?

उत्तर- बिलवासी जी के तर्क-वितर्क सुनकर अंग्रेज बेढंगे लोटे को अकबर का लोटा मानने लगा था। उसे ऐतिहासिक वस्तुओं के संग्रह का शौक था। इसलिए अंग्रेज ने लार्ड डगलस को प्रतिस्पर्धा में पछाड़ने के लिए और उसका घमंड तोड़ने के लिए उस अकबरी लोटे को खरीद लिया। (शेष विद्यार्थी स्वयं करें।)

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