1 सागर और बूँद से कवि का क्या आशय है ?`? - 1 saagar aur boond se kavi ka kya aashay hai ?`?

'सागर' और 'बूँद' से कवि का क्या आशय है?

Solution

'सागर' से कवि का आशय समाज से है तथा 'बूँद' का आशय एक मनुष्य से है। अनगिनत बूँदों के कारण सागर का निर्माण होता है। यहाँ सागर समाज है और बूँद एक मनुष्य है। मनुष्य इस समाज में रहकर अस्तित्व पाता है और समाज उसे अपनी देख-रेख में एक सभ्य मनुष्य बनाता है। दोनों का संबंध परस्पर संयोग से बनाता है। दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। कवि इनका संबंध सागर और बूँद के रूप में स्पष्ट करके उनकी संबंध की प्रगाढ़ता को दर्शाता है।

Concept: काव्य भाग

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1 सागर और बूँद से कवि का क्या आशय है?

'सागर' से कवि का आशय समाज से है तथा 'बूँद' का आशय एक मनुष्य से है। अनगिनत बूँदों के कारण सागर का निर्माण होता है। यहाँ सागर समाज है और बूँद एक मनुष्य है। मनुष्य इस समाज में रहकर अस्तित्व पाता है और समाज उसे अपनी देख-रेख में एक सभ्य मनुष्य बनाता है।

2 यह दीप अकेला है पर इसको भी पंक्ति को दे दो के आधार पर व्यष्टि का समष्टि में विलय क्यों और कैसे संभव है?

2. एक दीपक अकेला है 'पर इसको भी पत्नी को दे दो' के आधार पर व्यष्टि का समिष्ट में विलय क्यों और कैसे संभव है? उत्तर: प्रस्तुत कविता में दीपकों मनुष्य के तथा पंक्ति शब्द को समाज प्रतीक के रूप में दर्शाया गया है। दीपकों पंक्ति में रखने का तात्पर्य है मनुष्य को समाज में सम्मिलित करना।

1 दीप अकेला के प्रतीकार्थ को स्पष्ट करते हुए यह बताइए कि उसे कवि ने स्नेह भरा गर्व भरा एवं मदमाता क्यों कहा है?

जलते हुए दीप की लौ इधर-उधर हिलती रहती है। कवि ने इसे ही मदमाती कहा है। मनुष्य भी मस्ती में इधर-उधर मदमाता रहता है। यही कारण है कि कवि ने उसे स्नेह भरा, गर्व भरा एव मदमाता कहा है।

मैंने देखा एक बूंद कविता में क्या व्याख्यायित किया गया है?

मैंने देखा एक बूँद कविता में कवि सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' ने बूँद के माध्यम से मानव-जीवन के एक-एक क्षण को महत्त्वपूर्ण एक सार्थक बताया है। इस कविता में अज्ञेय जी ने समुद्र से अलग प्रतीत होती बूँद की क्षणभंगुरता को व्याख्यायित किया है। कवि देखते हैं कि बूँद क्षणभर के लिए ढलते सूरज की आग से रंग जाती है।

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