जन्मपत्रिका में ग्रहों की स्थिति जानने के लिए लोग विशेषज्ञ की तलाश करते हैं। ऐसे विशेषज्ञों को
ज्योतिषी कहते हैं। ज्योतिष से ब्रह्मांड के कई ऐसे राज भी पता चलते हैं जहां तक अभी विज्ञान नहीं पहुंच पाया है परंतु ज्यादातर लोग ज्योतिषी और मंदिर के पुजारी के बीच अंतर नहीं कर पाते। कई विद्वान आपकी मासूमियत का फायदा उठाते हैं और मंगल के नाम पर आपको डरा देते हैं। मोटी दक्षिणा के लालच में आपको अनावश्यक पूजा पाठ और अनुष्ठानों में उलझा दिया जाता है। आइए खुद पता लगाते हैं कि पत्रिका में मंगल ग्रह शुभ है या अशुभ और यदि अशुभ है तो उसके प्रभाव को कम करने के क्या उपाय हैं। Show ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह को सभी ग्रहों का सेनापति कहा गया है। जिस जातक की कुंडली में मंगल की प्रधानता होती है वह साहसी, पराक्रमी स्वस्थ और आकर्षक होता है। साथ ही जब व्यक्ति मंगल के अशुभ प्रभाव में होता है तो व्यक्ति शारीरिक रूप से अत्यंत निर्बल हो जाता है। उसके भीतर साहस और पराक्रम का अभाव हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह शुभ या अशुभ प्रभाव देने वाला होता है तो उससे पहले ही वह कुछ संकेत देने लगता है। यदि मनुष्य इस संकेतों को पहले जान लेता है तो इसके अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह होता है। मंगल के अशुभ होने पर मिलते हैं ये संकेत मंगल के अशुभ होने पर घर-मकान का कोई भाग टूट जाता है। घर के किसी स्थान पर आग लग जाती है। मंगल का कारक लाल रंग की कोई कीमती वास्तु खो जाती है। पूजा के दौरान हवन की अग्नि अचानक बुझ जाती है। अग्नी प्रज्जवलित करने पर भी ना होना। शरीर में वात रोग का लक्षण दिखना। कोई छोटी दुर्घटना होना या दुर्घटना का शिकार होना। मंगल दोष के उपाय मंगालवार को हनुमान जी को बूंदी का लड्डू का प्रसाद अर्पित करें। हनुमान चालीसा का 108 आवृति पाठ करें। माता-पिता से नियमित आशीर्वाद लें। उनकी सेवा करें। पानी में लाल रक्त चंदन और लाल कनेर के फूल डालकर स्नान करें। मंगलवार के दिन मूंगा, मसूर की दाल, ताम्र, स्वर्ण, गुड़, घी, जायफल आदि वस्तुओं का दान करें। एक समय बिना नमक के भोजन का सेवन करें। मीठी रोटी (गुड़ व गेंहू की), तांबे के बर्तन, लाल चंदन, केसर, लाल गाय आदि का दान करें। मंगल का मंत्र "ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाया नम:" इस मंत्र का किसी योग्य पंडित से 44000 जप करवाएं अथवा खुद भी कर सकते हैं। मंगलवार के दिन इस मंत्र से हनुमानजी की आराधना करें। मंत्र- "ॐ अंगारकाय नम:" अन्य उपाय लाल रूमाल को सदैव हमेशा अपने पास रखें। बाएं हाथ में चांदी की अंगूठी धारण करें। कन्याओं की पूजा करें और स्वर्ण न पहनें, मीठी तंदूरी रोटियां कुत्ते को खिलाएं। घर में दूध उबालने के क्रम में दूध बाहर न निकले इस बात का विशेष ध्यान रखें।
मंगल अशुभ कब होता है?जन्मकुंडली में कब अशुभ फलदाई होता है: –
यदि सूर्य 5 या 9 में केतु के साथ हो तो मंगल अशुभ हो जाता है। यदि सूर्य 6 या 12 में राहु के साथ सातवें हो। यदि सूर्य, शुक्र के साथ सातवें घर में हो। यदि सूर्य 10वें भाव में शनि के साथ हो।
मंगल अशुभ हो तो क्या होता है?वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक का मंगल खराब हो, तो उसे नेत्र रोग की समस्या आए दिन परेशान करती करती रहती है। इसके अलावा उच्च रक्तचाप, गठिया रोग, फोड़े-फुंसी या फिर गुर्दे में पथरी की समस्या होती है। इसके अलावा कोर्ट-कचेहरी संबंधी मामलों में भी फंस जाते हैं।
मंगल कैसे खराब होता है?ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कई बार जातकों के अनुचित व्यवहार और कार्य से भी मंगल खराब हो जाता है। कहा जाता है कि अत्यधिक क्रोध करने, मांस-मदिरा का सेवन करने, पवनपुत्र हनुमानजी का अपमान करने वाले जातकों का मंगल खराब हो जाता है। वहीं मित्रों और भाईयों के साथ छल करने वाले जातकों का भी मंगल खराब हो जाता है।
मंगल दोष के लक्षण क्या है?मंगल दोष के लक्षण. मंगल की स्थिति खराब होने के कारण जातक को अधिक गुस्सा आता है। ... . जब मंगल कुंडली में द्वादश भाव में होता है तो व्यक्ति की विवाह में कई तरह की मुश्किल आती हैं।. मंगल दोष के कारण संतान प्राप्ति में दिक्कत आने लगती हैं।. कुंडली में मंगल दोष होने से बड़े भाई से किसी न किसी कारण लड़ाई होती रहती है।. |