दृष्टि दोष क्या है: इनके प्रकार,कारण तथा निवारण Show आप जानते ही होंगे कि जब हम अपनी आँखों से साफ़ नहीं देख पाते हैं तो इसका मतलब उसमें कोई न कोई दोष उत्पन्न हो गया है गया है। आज हम इन्ही दोषों के बारेम जानेंगे कि यह कितने प्रकार के होते हैं और इन्हें कैसे दूर किया जा सकता है-: दृष्टि दोष क्या है (Visual impairment)
निकट दृष्टि दोष (Myopia or Short-sightedness) इस दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति के नेत्र निकट की वस्तुओं को तो स्पष्ट रूप से देख पाते हैं परंतु अधिक दूरी पर रखी हुई वस्तु स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती है अर्थात नेत्र का दूर बिंदु अनंत पर ना होकर कम दूरी पर आ जाता है। यह दोष 10 से 16 वर्ष की आयु में होता है अतः समंजन छमता पूर्ण होने के कारण नेत्र का निकट बिंदु भी
सामान्य नेत्र के निकट बिंदु से कम दूरी पर आ जाता है जो कि 25 सेंटीमीटर होता है। अतः दूर दृष्टि दोष के कारण व्यक्ति को दूरस्थ चीजों को स्पष्ट देखने में कठिनाई होती है। दोष के कारण : निकट दृष्टि दोष के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-
निकट
दृष्टि दोष के निवारण का उपाय अतः इस दोष को दूर करने के लिए ऐसे अवतल लेंस के चश्मे का प्रयोग किया जाता है कि अनंत पर रखी वस्तु से चलने वाली किरणें इस लेंस से निकलने पर नेत्र के दूर-बिंदु F से चली हुई प्रतीत हो। तब यह किरणें नेत्र में अपवर्तित होकर रेटिना R पर मिलती हैं जहां वस्तु का स्पष्ट प्रतिबिंब बन जाता है। इस प्रकार नेत्र को वस्तु स्पष्ट दिखाई देने लगती है। दूर दृष्टि दोष (Hypermetropia or Long-sightedness) इस
दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति के नेत्र को दूर की वस्तुएं तो स्पष्ट दिखाई देती हैं परंतु पास की वस्तुएं स्पष्ट नहीं दिखाई देती है अर्थात नेत्र का निकट बिंदु 25 सेंटीमीटर से अधिक दूर हो जाता है। अतः जिस मनुष्य के नेत्र में यह दोष होता है उसे पढ़ते समय पुस्तक को 25 सेंटीमीटर से अधिक दूर रखना पड़ता है। इस दोष के निम्नलिखित दो कारण हो सकते हैं- चूँकि अब समंजन क्षमता अनंत अथवा दूरी की वस्तुओं को देखने के लिए भी लगाई जा रही है, अतः वस्तु के नेत्र से 25 सेंटीमीटर तक आने से पहले ही व समाप्त हो जाती है। इस प्रकार दोषित नेत्र का निकट बिंदु N, सामान्य नेत्र के निकट बिंदु O(25 cm) से अधिक दूरी पर होता है (चित्र a)। इस स्थिति में N पर रखी वस्तु का प्रतिबिंब तो रेटीना R पर बन जाता है, परंतु नेत्र के और समीप जैसे O पर रखी वस्तु का प्रतिबिंब रेटिना के पीछे किसी बिंदु जैसे C पर बनता है (चित्र b)। अतः O पर रखी वस्तु स्पष्ट दिखाई नहीं देती है।दूर दृष्टि दोष के निवारण के उपाय : इस दोष को दूर करने के लिए ऐसे उत्तल लेंस के चश्मे का प्रयोग किया जाता है जो दोषित नेत्र से 25 सेंटीमीटर की दूरी पर रखी वस्तु से चलने वाली किरणें इस लेंस से निकलने पर नेत्र के निकट बिंदु N से आती हुई प्रतीत हो (चित्र c)। तब यह किरणें नेत्र में अपवर्तित होकर रेटिना पर मिल जाती हैं जिससे नेत्रों को वस्तु स्पष्ट दिखाई देने लगती है। जरा दूरदर्शिता (A little foresight) : जैसे जैसे व्यक्ति की आयु बढ़ने लगती है वैसे वैसे उसके नेत्रों की समंजन क्षमता भी घटती जाती है। अधिकांश व्यक्तियों का निकट बिंदु दूर हट जाता है जिससे इन व्यक्तियों को पास की वस्तुओं को देखने में कठिनाई होती है। इस दोष को जरा दूरदर्शिता कहते हैं। यह दोष मांस-पेशियों के दुर्बल होने
तथा नेत्र लेंस के लचीलेपन में कमी आ जाने के कारण उत्पन्न होता है। कभी-कभी व्यक्ति के नेत्र में दोनों ही प्रकार के दोष (निकट दृष्टि दोष तथा दूर दृष्टि दोष) उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसे व्यक्तियों को वस्तु को देखने के लिए द्विफोकसी लेंसों का प्रयोग करना होता है। इन द्विफोकसी लेंसों में अवतल तथा उत्तर दोनों प्रकार के लेंस होते हैं। चश्मे का ऊपरी भाग अवतल लेंस होता है जो दूर की वस्तु को स्पष्ट देखने में सहायता करता है वही नीचे का भाग उत्तल लेंस होता है जो पास की वस्तुओं को
स्पष्ट देखने में सहायता करता है। दृष्टि दोष क्या है और यह कितने प्रकार के होते हैं?मोटे तौर पर दृष्टिदोष के कारणों को दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है : (१) क्रमिक उद्भव (gradual onset) के दृष्टिदोष और (२) अचानक उद्भव (sudden onset) के दृष्टिदोष।
3 दूर दृष्टि दोष क्या है ?`?आँखों के चक्षु लेंस के फोकस दूरी के अधिक हो जाने या नेत्र लेंस के छोटे हो जाने के कारण यह दोष उत्पन्न होता है। पूरी कोशिश करने पर भी आँखें इस फोकस दूरी को कम नहीं कर पातीं। इस दोष का संशोधन आँखों के आगे उत्तल लेंस युक्त चश्मे के प्रयोग से किया जाता है।
दृष्टि दोष क्या है यह कितने प्रकार के होते हैं इसे कैसे ठीक किया जा सकता है?संबंधित वीडियो. 223423806. 27.4 K. 24.7 K. 2:47.. 223424634. 21.4 K. 13.0 K. 1:21.. 225674714. 34.1 K. 29.2 K. 2:21.. 94837538. 2.0 K. 5.6 K. 2:20. प्रकाश-संश्लेषण ऑक्सीजन चक्र में 2 -कार्बन और 3 -कार्बन के ` युक्त माध्यमिक उत्पाद का अनुपात क्या होता है -. 306960486. 21.0 K. 12.1 K. 2:12.. 223424645. 17.5 K. 12.5 K. 2:54.. दोष कितने प्रकार के होते हैं?कुंडली में होते हैं ये 9 तरह के दोष, 1 भी होने पर शुरू हो जाता है.... ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में कई तरह के दोष होते हैं। कुंडली में अशुभ दोष होने पर व्यक्ति को तमाम तरह की परेशानियों से दो चार होना पड़ता है। ... . शनि दोष ... . मांगलिक दोष ... . कालसर्प दोष ... . प्रेत दोष. |