26 जनवरी पर भाषण कैसे दे? - 26 janavaree par bhaashan kaise de?

गणतंत्र दिवस पर भाषण- हमारे देश भारत में तीन राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं। 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गाँधी जयंती) भारत के राष्ट्रीय पर्व हैं। ये ऐसे पर्व हैं जो किसी जाति या समुदाय विशेष के न होकर हर देशवासी के लिए समान महत्व रखते हैं। हर भारतीय हर्ष और उल्लास के साथ इन राष्ट्रीय पर्वों को मनाते हैं।
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26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू कर भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। इसी की याद में हर वर्ष 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। भारत देश आजाद तो 15 अगस्त, 1947 को हुआ लेकिन 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू कर गणतांत्रिक व्यवस्था को स्वीकार किया गया।

देश में लोकतांत्रिक प्रणाली की राह तैयार करने वाला संविधान 26 जनवरी को लागू किए जाने के यह तारीख भारतीय इतिहास में विशेष महत्व रखती है। सभी सरकारी संस्थानों में यह पर्व मनाया जाता है। मुख्य आयोजन देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के रूप में आयोजित किया जाता है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में देश की उपलब्धियों की झलक देखने को मिलती है। विद्यालयों में इस अवसर पर विशेष आयोजन होते हैं, प्रभातफेरियां निकाली जाती हैं, तिरंगा फहराया जाता है, राष्ट्रगान गाया जाता है, गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech), देशभक्ति के गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाते हैं और मिठाइयां वितरित की जाती हैं।

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गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

गणतंत्र दिवस पर भाषण आसानी से कैसे (easy republic day speech) तैयार किया जा सकता है, इस लेख में उसके बारे में जानकारी दी गई है। कई बार गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day nibandh/lekh) लिखने की भी जरूरत पड़ जाती है, गणतंत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने के लिए भी इस लेख में दी गई जानकारी से लाभ मिलेगा। यदि Gantantra Diwas par Bhashan देने जा रहे हैं तो सबसे पहले मंच पर पहुंचकर खुद को सामान्य बनाएं, घबराएं नहीं, यदि जरूरत हो तो गहरी-गहरी दो-तीन सांस लेकर खुद को संयत करें और फिर गणतंत्र दिवस भाषण शुरू करने से पहले उपस्थित लोगों को संबोधित करें। स्कूलों के गणतंत्र दिवस सभाओं के लिए मोटे तौर पर कुछ इस तरह का संबोधन रखा जा सकता है-

“आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, सभाध्यक्ष महोदय, उपस्थित सज्जन वृंद, गुरुजन वृंद, मेरे सहपाठी भाइयों एवं बहनों! आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

जैसा कि पूर्वविदित है हम सभी यहां इस पावन तिरंगे झंडे के नीचे भारतीय गणतंत्र दिवस का महोत्सव मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह केवल एक पर्व नहीं बल्कि हर भारतवासी के लिए गर्व और सम्मान की बात है।“

संबोधन वाला भाग समाप्त होने के बाद गणतंत्र दिवस पर भाषण में इस दिवस का परिचय दें (What is Republic Day), गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है (Why do we celebrate Republic Day)। भारतीय संविधान की कुछ मुख्य बातों पर प्रकाश डालें। इसके बाद भारतीय गणतंत्र की स्थिति, इससे जुड़ी मुख्य समस्याओं पर प्रकाश डालें और इनके संभावित समाधान की बात करते हुए अपनी वाणी (republic day speech for students) को विराम दें। गणतंत्र दिवस पर हिंदी में भाषण के लिए जरूरी जानकारी आगे दी जा रही है इसका अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार लाभ उठाएं।

गणतंत्र दिवस पर भाषण- भारतीय संविधान का निर्माण (history of republic day)

भारतीय संविधान के निर्माण के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान प्रारूप समिति गठित की गई। 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन की मेहनत के बाद प्रारूप समिति द्वारा 26 नवंबर, 1949 को संविधान बनाकर तैयार किया गया, इस दिन (26 नवंबर, 1949) को भारतीय इतिहास में संविधान दिवस, राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसे संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सौंप दिया गया। यह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसमें 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं। 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को स्वीकार किया गया पर इसे 26 जनवरी, 1950 से लागू करने का निर्णय लिया गया। इसका कारण यह है कि 26 जनवरी, 1930 को भारत को पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया गया और इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। इसके बाद हर वर्ष 26 जनवरी को भारत में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा। देश को आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी की यादों को बनाए रखने के लिए इसी दिन भारतीय संविधान को लागू करने का फैसला किया गया।

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गणतंत्र दिवस पर भाषण- संविधान की मुख्य बातें (Republic day Speech/Essay-Main features)

यह लिखित और निर्मित होने के साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। इसमें विश्व के विभिन्न देशों के संविधानों की अच्छी बातों को जगह दी गई है। संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से ली गई है तो मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से और मौलिक कर्तव्य पूर्व सोवियत संघ से, राज्य के नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड से तो सशोधन प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से। वयस्क मताधिकार की व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है। संविधान देश में एकीकृत और स्वतंत्र न्यायप्रणाली की व्यवस्था करता है। ऐसी बहुत सी खूबियां हैं जिनको नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भारतीय संविधान में जगह दी गई है। यह अपने आप में संपूर्ण है।

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गणतंत्र दिवस पर भाषण- देश के सामने मौजूद चुनौतियां (Republic day Speech/Essay- Challenges before nation)

इसके बावजूद भारतीय गणतंत्र के समक्ष बहुत सी चुनौतियां मुंह फैलाए आज हमारे सामने खड़ी हैं।

  1. भ्रष्टाचार- देश में आजादी के बाद से ही भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है, स्थिति बेहद निराशाजनक होती जा रही है। जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। अधिकांश नेता, मंत्री, सरकारी अफसर, कर्मचारी जिनके पास जिम्मेदारियां हैं वे उनका ईमानदारी से निर्वाह नहीं कर रहे हैं। हर कोई गलत तरीके से पैसे कमाने को लालायित है। जनता की सेवा से जुड़े राजनीति के क्षेत्र में अपराधियों और भ्रष्ट लोगों का जमावड़ा है। अपराधियों और भ्रष्ट नेताओं से न देश और समाज का कभी भला हुआ है और न ही होगा।

  2. सांप्रदायिकता- भारतीय संविधान में देश को धर्मनिरपेक्ष रखा गया ताकि देश के सब नागरिक समान हों, किसी के साथ भेदभाव न हो, लेकिन राजनैतिक दलों ने इसके ताने-बाने को उधेड़कर रख दिया है। राजनैतिक दल सत्ता के लालच में समाज को धर्म और जातियों में बांटने की नीति चलाते हैं। जिसके चलते विभिन्न धर्मों और जातियों के बीच मनमुटाब बढ़ रहा है जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है।

  3. खराब स्वास्थ्य सेवा- तेजी अपने पैर पसारती कोरोना महामारी के कारण लाखों लोग असमय काल के गाल में समा गए। रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे विषयों की सरकारों द्वारा अनदेखी का नतीजा यह है कि मरीजों के लिए अस्पताल में बेड तक नहीं हैं। ऑक्सीजन की कमी के चलते लोग दम तोड़ रहे हैं। लोगों को समुचित इलाज तक नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया है। लोकतंत्र की आत्मा, जनता रामभरोसे है।

  4. बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा, आतंकवाद, नक्सलवाद, राजनीति का अपराधीकरण, निर्माण क्षेत्र की अनदेखी, किसानों को फसलों का उचित मूल्य न मिलना ऐसी बहुत सी समस्याएं हैं जो हमारे आस-पास नजर आ जाएंगी। समस्याओं का समाधान करने की दिशा में शासन-प्रशासन तंत्र नाकाम रहा है।

हम हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर भाषण सुनने को मिलते हैं, उनमें देश की समस्याओं का जिक्र होता है और गौर करेंगे तो पता चलेगा कि ये समस्याएं आज की नहीं हैं ये कई दशकों से देश में मौजूद हैं और स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों, निबंधों में इनका जिक्र होता रहा है पर समाधान अब तक नहीं हो सका है। नेता, मंत्री, अफसरों के द्वारा गणतंत्र दिवस पर भाषण दिए जाते हैं पर जब देश, समाज और जनता के कल्याण के लिए काम करने की बात आती है तो सब नाकाम नजर आते हैं। आलम यह है कि एक कई वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद जब सरकारें बदलती हैं तो पता लगता है कि देश, प्रदेश, समाज, पंचायत का विकास तो नहीं हुआ पर उनके प्रतिनिधियों की संपत्ति में जरूर कई गुना वृद्धि हो चुकी होती है।

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देश की समस्याओं को दूर करने के लिए वर्तमान व्यवस्था में व्यापक बदलाव की जरूरत होगी। भ्रष्टाचार हर समस्या की एकमात्र जड़ है। इसको अगर खत्म कर दिया जाए तो धीरे-धीरे बाकी सब समस्याएं कम होने लगेंगी। देश की राजनैतिक व्यवस्था में भी सुधार की भारी जरूरत है। इसके लिए राजनैतिक दलों को अपनी कार्यशैली बदलनी होगी और कर्मठ और ईमानदार लोगों को राजनीति में आगे बढ़ाना होगा। लोकतंत्र के सभी स्तंभों- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को अपनी भूमिका का अच्छे से निर्वहन करना होगा। इसके अलावा चौथा स्तंभ माने जाने वाले प्रेस को भी अपनी भूमिका ईमानदारी से निभानी होगी। हर आदमी लोकतंत्र का हिस्सा है और सबको अपनी भूमिका का निर्वहन अच्छे से करना होगा तभी भारतीय लोकतंत्र सच्चे अर्थों में सफल हो पाएगा वरना स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों में इससे जुडे मुद्दे उठेंगे और उसके बाद फिर वर्ष भर लोकतंत्र में जनता पिसती रहेगी और रखवाले सोते रहेंगे। ऐसी स्थिति न आने पाए इसलिए आइए हम सब आज यह प्रण करें कि संविधान के अनुरूप आचरण करेंगे और देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाएंगे।

इसके बाद जय हिंद, जय भारत! के साथ गणतंत्र दिवस भाषण को समाप्त करें।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रतियोगी परीक्षाओं में संविधान से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently asked questions related to constitution)

1. संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष कौन थे?- डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा

2. संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष कौन थे?- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

3. मूल भारतीय संविधान में कितने अनुच्छेद और अनुसूचियाँ थीं?- 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूची

4. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार किस अनुच्छेद में है?- अनुच्छेद 19

5. मौलिक अधिकारों की बात किस हिस्से में की गई है?- भाग 3 (अनुच्छेद 12-35 तक)

6. राज्य सभा का सभापति कौन होता है?-उपराष्ट्रपति

7. भारतीय संविधान को कब अपनाया गया?- 26 नवंबर, 1949

8. भारतीय संविधान कितने समय में बनकर तैयार हुआ?- 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में

9. किस संशोधन के बाद संपत्ति का अधिकार कानूनी अधिकार बन गया?- 44वें

10. किस अनुच्छेद में राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाने की प्रक्रिया की जानकारी दी गई है?- अनुच्छेद 61

26 जनवरी पर क्या बोले?

26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू कर भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। इसी की याद में हर वर्ष 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। भारत देश आजाद तो 15 अगस्त, 1947 को हुआ लेकिन 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू कर गणतांत्रिक व्यवस्था को स्वीकार किया गया।

26 जनवरी पर भाषण कैसे दिया जाता है?

200 वर्ष तक हमारा देश अंग्रेजों के अधीन होने बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था। अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी 1950 को 10 बजकर 18 मिनट पर हमारे देश का संविधान बना था जिसमें नागरिकों के लिए मौलिक अधिकार बनाये गए थे। साथ ही देश को चलाने हेतु अन्य नियम कानून बनाये गए थे।

भारतीय इतिहास में 26 जनवरी का क्या महत्व है?

इस दिन पहली बार भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था। 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था। 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज घोषित करने की तारीख को महत्व देने के लिए 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।

26 जनवरी कैसे लिखा जाता है?

गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, अन्य दो स्‍वतन्त्रता दिवस और गांधी जयंती हैं।

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