वस्तु विनिमय प्रणाली क्या है और वस्तु विनिमय प्रणाली की समस्या को समझाइए? - vastu vinimay pranaalee kya hai aur vastu vinimay pranaalee kee samasya ko samajhaie?

जब किसी एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु का लेना या देना होता है वह वस्तु विनिमय (Bartering) कहलाते हैं। जैसे एक गाय लेकर 10 बकरियाँ देना। इस पद्धति में विनिमय की सार्वजनिक (सर्वमान्य) इकाई अर्थात मुद्रा (रूपये-पैसे) का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

मुद्रा के प्रादुर्भाव के पहले सारा लेन-देन (विनिमय) वस्तु-विनिमय के रूप में ही होता था। आजकल भी मौद्रिक संकट की स्थितियों में (जब मुद्रा का मान बहुत परिवर्तनशील हो; महंगाई के कारण मुद्रा का बहुत ही अवमूल्यन हो गया हो) वस्तु-विनिमय का सहारा लिया जाता है। कुछ अन्तरजालीय स्थलों जैसे क्रैग्स्लिस्ट (Craigslist) आदि पर भी वस्तु-विनिमय ही चलता है।

वस्तु विनिमय प्रणाली क्या है इस प्रणाली की समस्याओं को वर्णित कीजिए?

जब किसी एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु का लेना या देना होता है वह वस्तु विनिमय (Bartering) कहलाते हैं। जैसे एक गाय लेकर 10 बकरियाँ देना। इस पद्धति में विनिमय की सार्वजनिक (सर्वमान्य) इकाई अर्थात मुद्रा (रूपये-पैसे) का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

वस्तु विनिमय प्रणाली की क्या कठिनाइयां है स्पष्ट करें कि मुद्रा ने इन कठिनाइयों को कैसे दूर किया है?

मुद्रा सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकता है तथा सर्वमान्य है। मुद्रा के प्रयोग से दोहरे संयोग होने की कोई आवश्यकता नहीं रह गई। <br> (ii) विभाजन की कठिनाई-वस्तु विनिमय की दूसरी कठिनाई यह है कि इसके अन्तर्गत उन वस्तुओं से विनिमय करना कठिन हो जाता है जिनको गर्य विभाजित नहीं किया जा सकता।

वस्तु विनिमय से आप क्या समझते हैं वस्तु विनिमय की मुख्य कठिनाइयां बताइए?

वस्तु विनिमय प्रणाली में, मूल्य को संग्रहीत करने के लिए सुविधा की कमी एक बड़ी असुविधा है; यहां एक सामान्यीकृत क्रय शक्ति के अस्तित्व की कमी है; यह खराब होने वाले सामान के मामले में विशेष रूप से कठिन है; सिस्टम के तहत धन संग्रह करना बहुत मुश्किल और महंगा है; सिस्टम के तहत भंडारण में बहुत जोखिम होता है।

वस्तु विनिमय क्या है और विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है?

विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है? उत्तर : वस्तु विनिमय से तात्पर्य लेन-देन के लिए रूपए-पैसों के स्थान पर एक वस्तु का दूसरी वस्तु से क्रय-विक्रय करना है। जिस तरह से बदलू लाख की चूड़ियों के स्थान पर अनाज व कपड़े लिया करता था। वस्तु विनिमय की पद्धति गावों में प्रचलित है।

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