13वीं और 14वीं शताब्दी में पंजाब में कौन सी जनजाति प्रभावशाली थी? - 13veen aur 14veen shataabdee mein panjaab mein kaun see janajaati prabhaavashaalee thee?

यह विषय निम्न पर आधारित एक श्रृंखला का हिस्सा हैं:

पंजाब का इतिहास
13वीं और 14वीं शताब्दी में पंजाब में कौन सी जनजाति प्रभावशाली थी? - 13veen aur 14veen shataabdee mein panjaab mein kaun see janajaati prabhaavashaalee thee?

प्रागैतिहासिक

  • रिवातियन संस्कृति
    c. 1,900,000 ईसापूर्व

प्राचीन

  • Early Harappan Period
    c. 3300 – c. 2600 ईसापूर्व
  • Mature Harappan Period
    c. 2600 – c. 1900 ईसापूर्व
  • Late Harappan Period
    c. 1900 – c. 1500 ईसापूर्व
  • Madra & Bahlika Kingdoms
    (Vedic Civilization)
    c. 1500 – c. 500 ईसापूर्व
  • Arachosia & Hindush
    (Achaemenid Empire)
    c. 518 – c. 330 ईसापूर्व
  • Porus & Taxiles
    (Macedonian Empire)
    c. 323 – c. 312 ईसापूर्व
  • Mauryan Empire
    c. 322 – c. 200 ईसापूर्व
  • Greco-Bactrian Kingdom
    c. 190 - c. 140 ईसापूर्व
  • Indo-Greek Kingdom
    c. 170 - c. 50 ईसापूर्व
  • Indo-Scythian Kingdom
    c. 110 ईसापूर्व - c. 95 ईसवी

शास्त्रीय

  • भारत-पार्थियन साम्राज्य
    c. 25 - c. 80 ईसवी
  • कुषाण राजवंश
    c. 60 - 345 ईसवी
  • गुप्त साम्राज्य
    c. 345 - c. 455 ईसवी
  • राय वंश
    c. 415 - 644 ईसवी
  • हख़ामनी साम्राज्य
    c. 450 - 560 ईसवी
  • हर्ष का साम्राज्य
    c. 606 - 647 ईसवी
  • काबुल शाही
    c. 870 - 1010 ईसवी

मध्यकालीन

  • ग़ज़नवी साम्राज्य
    c. 999 - 1186 ईसवी
  • ग़ोरी राजवंश
    c. 1170 - 1215 ईसवी
  • दिल्ली सल्तनत
    c. 1206 - c. 1526 ईसवी
  • लाहौर और मुल्तान सुबा
    (मुगल साम्राज्य)
    c. 1627 - c. 1707 ईसवी
  • दुर्रानी साम्राज्य
    c. 1747 - c. 1826 ईसवी
  • मराठा साम्राज्य
    c. 1758 - c. 1761 ईसवी
  • मिसलें
    c. 1716 - c. 1799 ईसवी
  • सिख साम्राज्य
    c. 1799 - c. 1849 ईसवी

औपनिवेशिक

  • बहावलपुर रियासत
    c. 1802 - c. 1947 ईसवी
  • पंजाब प्रांत
    c. 1849 - c. 1947 ईसवी

स्वतंत्रता के बाद

  • पंजाब राज्य (भारत)
    c. 1947 ईसवी - वर्तमान
  • पंजाब प्रांत (पाकिस्तान)
    c. 1947 ईसवी - वर्तमान

पाकिस्तान का इतिहास

  • दे
  • वा
  • सं

  • दक्षिण एशिया तथा
भारतीय उपमहाद्वीप का इतिहास
13वीं और 14वीं शताब्दी में पंजाब में कौन सी जनजाति प्रभावशाली थी? - 13veen aur 14veen shataabdee mein panjaab mein kaun see janajaati prabhaavashaalee thee?

पाषाण युग (७०००–३००० ई.पू.)

  • निम्न पुरापाषाण (२० लाख वर्ष पूर्व)
  • मध्य पुरापाषाण (८० हजार वर्ष पूर्व)
  • मध्य पाषाण (१२ हजार वर्ष पूर्व)
  • (नवपाषाण)
  •  – मेहरगढ़ संस्कृति (७०००–३३०० ई.पू.)
  • ताम्रपाषाण (६००० ई.पू.)

कांस्य युग (३०००–१३०० ई.पू.)

  • सिन्धु घाटी सभ्यता (३३००–१३०० ई.पू.)
  •  – प्रारंभिक हड़प्पा संस्कृति (३३००–२६०० ई.पू.)
  •  – परिपक्व हड़प्पा संस्कृति (२६००–१९०० ई.पू.)
  •  – गत हड़प्पा संस्कृति (१७००–१३०० ई.पू.)
  • गेरूए रंग के मिट्टी के बर्तनों संस्कृति (२००० ई.पू. से)
  • गांधार कब्र संस्कृति (१६००–५०० ई.पू.)

लौह युग (१२००–२६ ई.पू.)

  • वैदिक सभ्यता (२०००–५०० ई.पू.)
  •  – जनपद (१५००-६०० ई.पू.)
  •  – काले और लाल बर्तन की संस्कृति (१३००–१००० ई.पू.)
  •  – धूसर रंग के बर्तन की संस्कृति (१२००–६०० ई.पू.)
  •  – उत्तरी काले रंग के तराशे बर्तन (७००–२०० ई.पू.)
  •  – मगध महाजनपद (५००–३२१ ई.पू.)
  • प्रद्योत वंश (७९९–६८४ ई.पू.)
  • हर्यक राज्य (६८४–४२४ ई.पू.)
  • तीन अभिषिक्त साम्राज्य (६०० ई.पू.-१६०० ई.)
  • महाजनपद (६००–३०० ई.पू.)
  • रोर राज्य (४५० ई.पू.–४८९ ईसवी)
  • शिशुनागा राज्य (४१३–३४५ ई.पू.)
  • नंद साम्राज्य (४२४–३२१ ई.पू.)
  • मौर्य साम्राज्य (३२१–१८४ ई.पू.)
  • पाण्ड्य साम्राज्य (३०० ई.पू.–१३४५ ईसवी)
  • चेर राज्य (३०० ई.पू.–११०२ ईसवी)
  • चोल साम्राज्य (३०० ई.पू.–१२७९ ईसवी)
  • पल्लव साम्राज्य (२५० ई.पू.–८०० ईसवी)
  • महा-मेघा-वाहन राजवंश (२५० ई.पू.–४०० ईसवी)

मध्य साम्राज्य (२३० ई.पू.–१२०६ ईसवी)

  • सातवाहन साम्राज्य (२३० ई.पू.–२२० ईसवी)
  • कूनिंदा राज्य (२०० ई.पू.–३०० ईसवी)
  • मित्रा राजवंश (१५० ई.पू.-५० ई.पू.)
  • शुंग साम्राज्य (१८५–७३ ई.पू.)
  • हिन्द-यवन राज्य (१८० ई.पू.–१० ईसवी)
  • कानवा राजवंश (७५–२६ ई.पू.)
  • हिन्द-स्क्य्थिंस राज्य (२०० ई.पू.–४०० ईसवी)
  • हिंद-पार्थियन राज्य (२१–१३० ईसवी)
  • पश्चिमी क्षत्रप साम्राज्य (३५–४०५ ईसवी)
  • कुषाण साम्राज्य (६०–२४० ईसवी)
  • भारशिव राजवंश (१७०-३५० ईसवी)
  • पद्मावती के नागवंश (२१०-३४० ईसवी)
  • हिंद-सासनिद् राज्य (२३०–३६० ईसवी)
  • वाकाटक साम्राज्य (२५०–५०० ईसवी)
  • कालाब्रा राज्य (२५०–६०० ईसवी)
  • गुप्त साम्राज्य (२८०–५५० ईसवी)
  • कदंब राज्य (३४५–५२५ ईसवी)
  • पश्चिम गंग राज्य (३५०–१००० ईसवी)
  • कामरूप राज्य (३५०–११०० ईसवी)
  • विष्णुकुंड राज्य (४२०–६२४ ईसवी)
  • मैत्रक राजवंश (४७५–७६७ ईसवी)
  • हुन राज्य (४७५–५७६ ईसवी)
  • राय राज्य (४८९–६३२ ईसवी)
  • चालुक्य साम्राज्य (५४३–७५३ ईसवी)
  • शाही साम्राज्य (५००–१०२६ ईसवी)
  • मौखरी राज्य (५५०–७०० ईसवी)
  • हर्षवर्धन साम्राज्य (५९०–६४७ ईसवी)
  • तिब्बती साम्राज्य (६१८-८४१ ईसवी)
  • पूर्वी चालुक्यों राज्य (६२४–१०७५ ईसवी)
  • गुर्जर-प्रतिहार राज्य (६५०–१०३६ ईसवी)
  • पाल साम्राज्य (७५०–११७४ ईसवी)
  • राष्ट्रकूट साम्राज्य (७५३–९८२ ईसवी)
  • परमार राज्य (८००–१३२७ ईसवी)
  • यादवों राज्य (८५०–१३३४ ईसवी)
  • सोलंकी राज्य (९४२–१२४४ ईसवी)
  • प्रतीच्य चालुक्य राज्य (९७३–११८९ ईसवी)
  • लोहारा राज्य (१००३-१३२० ईसवी)
  • होयसल राज्य (१०४०–१३४६ ईसवी)
  • सेन राज्य (१०७०–१२३० ईसवी)
  • पूर्वी गंगा राज्य (१०७८–१४३४ ईसवी)
  • काकतीय राज्य (१०८३–१३२३ ईसवी)
  • ज़मोरीन राज्य (११०२-१७६६ ईसवी)
  • कलचुरी राज्य (११३०–११८४ ईसवी)
  • शुतीया राजवंश (११८७-१६७३ ईसवी)
  • देव राजवंश (१२००-१३०० ईसवी)

देर मध्ययुगीन युग (१२०६–१५९६ ईसवी)

  • दिल्ली सल्तनत (१२०६–१५२६ ईसवी)
  •  – ग़ुलाम सल्तनत (१२०६–१२९० ईसवी)
  •  – ख़िलजी सल्तनत (१२९०–१३२० ईसवी)
  •  – तुग़लक़ सल्तनत (१३२०–१४१४ ईसवी)
  •  – सय्यद सल्तनत (१४१४–१४५१ ईसवी)
  •  – लोदी सल्तनत (१४५१–१५२६ ईसवी)
  • आहोम राज्य (१२२८–१८२६ ईसवी)
  • चित्रदुर्ग राज्य (१३००-१७७९ ईसवी)
  • रेड्डी राज्य (१३२५–१४४८ ईसवी)
  • विजयनगर साम्राज्य (१३३६–१६४६ ईसवी)
  • बंगाल सल्तनत (१३५२-१५७६ ईसवी)
  • गढ़वाल राज्य (१३५८-१८०३ ईसवी)
  • मैसूर राज्य (१३९९–१९४७ ईसवी)
  • गजपति राज्य (१४३४–१५४१ ईसवी)
  • दक्खिन के सल्तनत (१४९०–१५९६ ईसवी)
  •  – अहमदनगर सल्तनत (१४९०-१६३६ ईसवी)
  •  – बेरार सल्तनत (१४९०-१५७४ ईसवी)
  •  – बीदर सल्तनत (१४९२-१६९९ ईसवी)
  •  – बीजापुर सल्तनत (१४९२-१६८६ ईसवी)
  •  – गोलकुंडा सल्तनत (१५१८-१६८७ ईसवी)
  • केलाड़ी राज्य (१४९९–१७६३)
  • कोच राजवंश (१५१५–१९४७ ईसवी)

प्रारंभिक आधुनिक काल (१५२६–१८५८ ईसवी)

  • मुग़ल साम्राज्य (१५२६–१८५८ ईसवी)
  • सूरी साम्राज्य (१५४०–१५५६ ईसवी)
  • मदुरै नायक राजवंश (१५५९–१७३६ ईसवी)
  • तंजावुर राज्य (१५७२–१९१८ ईसवी)
  • बंगाल सूबा (१५७६-१७५७ ईसवी)
  • मारवा राज्य (१६००-१७५० ईसवी)
  • तोंडाइमन राज्य (१६५०-१९४८ ईसवी)
  • मराठा साम्राज्य (१६७४–१८१८ ईसवी)
  • सिक्खों की मिसलें (१७०७-१७९९ ईसवी)
  • दुर्रानी साम्राज्य (१७४७–१८२३ ईसवी)
  • त्रवनकोर राज्य (१७२९–१९४७ ईसवी)
  • सिख साम्राज्य (१७९९–१८४९ ईसवी)

औपनिवेशिक काल (१५०५–१९६१ ईसवी)

  • पुर्तगाली भारत (१५१०–१९६१ ईसवी)
  • डच भारत (१६०५–१८२५ ईसवी)
  • डेनिश भारत (१६२०–१८६९ ईसवी)
  • फ्रांसीसी भारत (१७५९–१९५४ ईसवी)
  • कंपनी राज (१७५७–१८५८ ईसवी)
  • ब्रिटिश राज (१८५८–१९४७ ईसवी)
  • भारत का विभाजन (१९४७ ईसवी)

श्रीलंका के राज्य

  • टैमबापन्नी के राज्य (५४३–५०५ ई.पू.)
  • उपाटिस्सा नुवारा का साम्राज्य (५०५–३७७ ई.पू.)
  • अनुराधापुरा के राज्य (३७७ ई.पू.–१०१७ ईसवी)
  • रोहुन के राज्य (२०० ईसवी)
  • पोलोनारोहवा राज्य (३००–१३१० ईसवी)
  • दम्बदेनिय के राज्य (१२२०–१२७२ ईसवी)
  • यपहुव के राज्य (१२७२–१२९३ ईसवी)
  • कुरुनेगाल के राज्य (१२९३–१३४१ ईसवी)
  • गामपोला के राज्य (१३४१–१३४७ ईसवी)
  • रायगामा के राज्य (१३४७–१४१२ ईसवी)
  • कोटि के राज्य (१४१२–१५९७ ईसवी)
  • सीतावाखा के राज्य (१५२१–१५९४ ईसवी)
  • कैंडी के राज्य (१४६९–१८१५ ईसवी)
  • पुर्तगाली सीलोन (१५०५–१६५८ ईसवी)
  • डच सीलोन (१६५६–१७९६ ईसवी)
  • ब्रिटिश सीलोन (१८१५–१९४८ ईसवी)

राष्ट्र इतिहास

  • अफ़्गानिस्तान
  • बांग्लादेश
  • भूटान
  • भारत
  • मालदीव
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्रीलंका

क्षेत्रीय इतिहास

  • असम
  • बिहार
  • बलूचिस्तान
  • बंगाल
  • हिमाचल प्रदेश
  • महाराष्ट्र
  • मध्य भारत
  • उत्तर प्रदेश
  • पंजाब
  • ओड़िशा
  • सिंध
  • दक्षिण भारत
  • तिब्बत

विशेष इतिहास

  • सिक्का
  • राजवंशों
  • आर्थिक
  • इंडोलॉजी
  • भाषाई
  • साहित्य
  • सेना
  • विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी
  • समयचक्र

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  • सं

श्रृंखला का भाग
पंजाब की संस्कृति

13वीं और 14वीं शताब्दी में पंजाब में कौन सी जनजाति प्रभावशाली थी? - 13veen aur 14veen shataabdee mein panjaab mein kaun see janajaati prabhaavashaalee thee?

इतिहास
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13वीं और 14वीं शताब्दी में पंजाब में कौन सी जनजाति प्रभावशाली थी? - 13veen aur 14veen shataabdee mein panjaab mein kaun see janajaati prabhaavashaalee thee?

पंजाब प्रवेशद्वार

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13वीं और 14वीं शताब्दी में पंजाब में कौन सी जनजाति प्रभावशाली थी? - 13veen aur 14veen shataabdee mein panjaab mein kaun see janajaati prabhaavashaalee thee?

पंजाब शब्द का सबसे पहला उल्लेख इब्न-बतूता के लेखन में मिलता है, जिसनें 14वीं शताब्दी में इस क्षेत्र की यात्रा की थी।[1] इस शब्द का 16वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में व्यापक उपयोग होने लगा, और इस शब्द का प्रयोग तारिख-ए-शेरशाही सूरी (1580) नामक किताब में किया गया था, जिसमें "पंजाब के शेरखान" द्वारा एक किले के निर्माण का उल्लेख किया गया था। 'पंजाब' के संस्कृत समकक्षों का पहला उल्लेख, ऋग्वेद में "सप्त सिंधु" के रूप में होता है। यह नाम फिर से आईन-ए-अकबरी (भाग 1) में लिखा गया है, जिसे अबुल फजल ने लिखा था, उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि पंजाब का क्षेत्र दो प्रांतों में विभाजित है, लाहौर और मुल्तान। इसी तरह आईन-ए-अकबरी के दूसरे खंड में, एक अध्याय का शीर्षक इसमें 'पंजाद' शब्द भी शामिल है।[2] मुगल राजा जहांगीर ने तुज-ए-जान्हगेरी में भी पंजाब शब्द का उल्लेख किया है।[3] पंजाब, जो फारसी भाषा की उत्पत्ति है और भारत में तुर्की आक्रमणकारियों द्वारा प्रयोग किया जाता था।[4] पंजाब का शाब्दिक अर्थ है "पांच" (पंज) "पानी" (अब), अर्थात पांच नदियों की भूमि, जो इस क्षेत्र में बहने वाली पाँच नदियां का संदर्भ देते हैं। अपनी उपज भूमि के कारण इसे ब्रिटिश भारत का भंडारगृह बनाया गया था। वर्तमान में, तीन नदियाँ पंजाब (पाकिस्तान) में बहती हैं, जबकि शेष दो नदियाँ हिमाचल प्रदेश और पंजाब (भारत) से निकलती है, और अंततः पाकिस्तान में चली जाता है।

पंजाब के इतिहास की घटनाक्रम[संपादित करें]

  • 3300 - 1300 ईसापूर्व: सिन्धु घाटी सभ्यता
  • 2600–1900 ईसापूर्व: हड़प्पा संस्कृति
  • 1500–1000 ईसापूर्व: वैदिक सभ्यता
  • 599 ईसापूर्व: जैन धर्म
  • 567–487 या 400 ईसापूर्व: बौद्ध धर्म
  • 550–600 ईसापूर्व: बौद्ध धर्म प्रचलित बने रहे
  • 550–515 ईसापूर्व: सिन्धु नदी के पश्चिम में फारसी आक्रमण
  • 326 ईसापूर्व: सिकंदर का आक्रमण
  • 322–185 ईसापूर्व: मौर्य साम्राज्य
  • 45–180 ईसवी: कुषाण साम्राज्य
  • 200–400 ईसवी: हिंद-सासनिद् राज्य
  • 320–550: गुप्त साम्राज्य
  • 500: श्वेत हुणों का आक्रमण
  • 510–650: हर्षवर्धन काल
  • 770-810: पाल साम्राज्य
  • 647–1192: राजपूत काल
  • 711–713: मुहम्मद बिन क़ासिम, अरब जनरल, उमय्यद ख़िलाफ़त के लिए सिंधु नदी (आधुनिक पाकिस्तान) के सिंध और मुल्तान क्षेत्रों पर विजय प्राप्त करना।
  • 713–1300: दिल्ली सल्तनत (तुर्किक साम्राज्य).
    • 1206–1290: ग़ुलाम वंश कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा स्थापित, जिसे मोहम्मद ग़ौरी ने नियुक्त किया था।
    • 1290–1320: ख़िलजी वंश जलालुद्दीन फ़िरोज़ ख़िलजी द्वारा स्थापित।
    • 1320–1413: तुग़लक़ वंश गयासुद्दीन तुग़लक़ द्वारा स्थापित।
    • 1414–1451: सैयद वंश ख़िज्र खाँ द्वारा स्थापित।
    • 1451–1526: लोदी वंश बहलूल खान लोदी द्वारा स्थापित।
  • 1526–1707: मुगल शासन
    • 1526–1530: जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर
    • 1530–1540: नासिरूद्दीन मुहम्मद हुमायूं
    • 1540–1545: शेरशाह सूरी
    • 1545–1554: इस्लाम शाह सूरी
    • 1555–1555: नासिरूद्दीन मुहम्मद हुमायूं
    • 1556–1556: हेमचन्द्र विक्रमादित्य
    • 1556–1605: जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर
    • 1605–1627: नूरुद्दीन मुहम्मद जहांगीर
    • 1627–1658: शाहाबुद्दीन मुहम्मद शाहजहां
    • 1658–1707: मोहिउद्दीन मुहम्मद औरंगजेब आलमगीर
  • 1707: मुगल साम्राज्य का शासन क्षीण पड़ना
  • 1469–1539: गुरु नानक देव (पहलें गुरु) सिख धर्म से
  • 1539–1675: गुरू अंगद देव से गुरु तेग बहादुर तक 8 सिख गुरुओं की अवधि
  • 1675–1708: गुरु गोबिंद सिंह (10वें सिख गुरु)
  • 1708–1715: बन्दा सिंह बहादुर का शासन
  • 1716–1759: सिखों का मुगल राज्यपालों के खिलाफ लड़ाई
  • 1739: मुगल भारत में नादिर शाह का आक्रमण
  • 1748–1769: अहमद शाह दुर्रानी का भारतीय अभियान। क्षेत्र पर नियंत्रण पाने के लिए सिख और दुराणी साम्राज्य के बीच प्रतिस्पर्धा। गोहलवार की लड़ाई (अमृतसर,1757)।
    • 1761 : पानीपत का तृतीय युद्ध, सियालकोट की लड़ाई (1761), गुर्जरवाला की लड़ाई, सियालकोट की लड़ाई (1763)।
    • 1762: 1762 सिख जनसंहार, अहमद शाह के 6वें आक्रमण के समय, सिखों द्वारा इसे "बड़ा घालूघारा" के रूप में संदर्भित किया जाता है।
  • 1764–1799: पंजाब के लिये अफ़गान और सिख मिसले के बीच संघर्ष
  • 1799–1839: महाराजा रणजीत सिंह के नेतृत्व में सिखों द्वारा पंजाब पर शासन
    • महाराजा रणजीत सिंह (जन्म 1780, राज्याभिषेक 12 अप्रैल 1801, मृत्यु 1839)
    • खड़क सिंह (1801–1840), रणजीत सिंह के सबसे बड़े पुत्र।
    • नौनिहाल सिंह (1821–1840), रंजीत सिंह के पोते।
    • शेर सिंह (1807–1843), रणजीत सिंह के बेटे.
    • दलीप सिंह (जन्म 1838, राज्याभिषेक 1843, मृत्यु 1893), रणजीत सिंह के सबसे छोटे पुत्र।
  • 1849: पंजाब का विलय - 1845-1849; प्रथम और द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य ने पंजाब का विलय कर लिया
  • 1849–1947: ब्रिटिश भारत की स्थापना
    • 1911: दिल्ली को पंजाब प्रांत से हटा दिया गया, और कलकत्ता से ब्रिटिश भारत की राजधानी, दिल्ली पर स्थानांतरित कर दिया गया।
    • 1947: ब्रिटिश भारत का विभाजन; इस प्रकार पंजाब को दो हिस्सों, पूर्वी भाग (या दो नदियाँ) पंजाब (भारत) और पश्चिमी भाग (या 3 नदियाँ) पंजाब (पाकिस्तान)
  • 1966: भारत में पंजाब को भाषाई आधार पर तीन भागों में विभाजित किया गया - हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब (वर्तमान पंजाब)
  • 1984: 1984 सिख विरोधी दंगे

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Encyclopedia of Sikhism Archived 2016-09-12 at the Wayback Machine - Punjab
  2. "Ain-i-Akbari". मूल से 14 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 फ़रवरी 2018.
  3. Punjabi Adab De Kahani, Abdul Hafeez Quraishee, Azeez Book Depot, Lahore, 1973.
  4. Canfield, Robert L. (1991). Turko-Persia in Historical Perspective. Cambridge, United Kingdom: Cambridge University Press. पृ॰ 1 ("Origins"). आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-521-52291-9.

आगे की पढ़े[संपादित करें]

  • आर.एम. चोपड़ा, "पंजाब की विरासत",(अंगेजी में "The Legacy of the Punjab") (1997), पंजाबी ब्रैड्री, कलकत्ता से किया है

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • पंजाब के इतिहास पर लेख

पंजाब में 13 वीं और 14 वीं शताब्दी में कौन सी जनजाति प्रभावी थी?

शासकों के रूप में राजपूत गोत्रों के उदय के उदाहरण का जनजातीय लोगों ने अनुसरण किया।

पंजाब में कौन सी जनजाति चौधरी शताब्दी के दौरान प्रभावशाली थी?

पंजाब पिछड़ा वर्ग भूमि विकास एवं वित्त निगम