11 अगस्त को क्या मनाया जाता है? - 11 agast ko kya manaaya jaata hai?

होम /न्यूज /धर्म /आज का पंचांग, 11 अगस्त 2022: रक्षाबंधन और श्रावण पूर्णिमा आज, जानें शुभ-अशुभ समय

11 अगस्त को क्या मनाया जाता है? - 11 agast ko kya manaaya jaata hai?

आज का पंचांग, 11 अगस्त 2022

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang): आज 11 अगस्त दिन गुरुवार है. सुबह 09:34 बजे से पूर्णिमा तिथि लग जाएगी. ऐसे में आज रक्षाब ...अधिक पढ़ें

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  • Last Updated : August 11, 2022, 06:00 IST

हाइलाइट्स

आज श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर श्रावणी पर्व मनाया जाता है.
आज के दिन बहनें भाइयों को राखी बांधती हैं और उनकी कुशलता की मंगल कामना करती हैं.

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang): आज 11 अगस्त दिन गुरुवार है. आज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है. सुबह 09:34 बजे से पूर्णिमा तिथि लग जाएगी. ऐसे में आज रक्षाबंधन (Rakshabandhan) और श्रावण पूर्णिमा (Sawan Purnima) है. आज के दिन बहनें भाइयों को राखी बांधती हैं और उनकी कुशलता की मंगल कामना करती हैं. इस दिन भाई भी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं. आज श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर श्रावणी पर्व मनाया जाता है. इस दौरान प्रात:काल के समय में पुराने जनेऊ को बदलकर नया जनेऊ या यज्ञोपवीत पहना जाता है. आज रक्षाबंधन पर भद्रा का साया है. ऐसे में आज शाम 04:26 बजे के बाद ही राखी बांधने का शुभ मुहूर्त हैं. आज सावन का अंतिम दिन भी है. आप चाहें तो इस दिन भगवान भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजा करें और उनका अशीर्वाद प्राप्त करें.

आज गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की आराधना के लिए है. आज पूर्णिमा ति​थि होने के कारण आप भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करते हैं. उनकी कृपा से आपके धन-धान्य में वृद्धि होगी. आपकी कुंडली में गुरु दोष है तो इससे मुक्ति के लिए आपको गुरुवार व्रत रखना चाहिए और भगवान विष्णु के साथ बृह​स्पति की पूजा करनी चाहिए. व्रत वाले दिन हल्दी, पीले वस्त्र, केला, पीतल के बर्तन आदि का दान करने से भी गुरु दोष दूर होता है. आइए पंचांग से जानें आज का शुभ और अशुभ मुहूर्त और जानें कैसी होगी आज ग्रहों की

11 अगस्त 2022 का पंचांग
आज की तिथि – श्रावण शुक्ल चतुर्दशी
आज का करण – वणिज
आज का नक्षत्र – उत्तराषाढा
आज का योग – आयुष्यमान
आज का पक्ष – शुक्ल
आज का वार – गुरुवार

सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय – 06:14:00 AM
सूर्यास्त – 07:15:00 PM
चन्द्रोदय – 18:55:00
चन्द्रास्त – 29:41:59
चन्द्र राशि– मकर

हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत – 1944 शुभकृत
विक्रम सम्वत – 2079
काली सम्वत – 5123
दिन काल – 13:16:51
मास अमांत – श्रावण
मास पूर्णिमांत – श्रावण
शुभ समय – 11:59:34 से 12:52:42 तक

अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
दुष्टमुहूर्त– 10:13:19 से 11:06:27 तक, 15:32:04 से 16:25:11 तक
कुलिक– 10:13:19 से 11:06:27 तक
कंटक– 15:32:04 से 16:25:11 तक
राहु काल– 14:22 से 15:59 तक
कालवेला/अर्द्धयाम– 17:18:19 से 18:11:26 तक
यमघण्ट– 06:40:50 से 07:33:57 तक
यमगण्ड– 05:47:43 से 07:27:19 तक
गुलिक काल– 09:29 से 11:06 तक

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Tags: Dharma Aastha, Raksha bandhan, Rakshabandhan

FIRST PUBLISHED : August 11, 2022, 06:00 IST

पंडित देव शर्मा ने बताया कि 11 तारीख गुरुवार को पूर्णिमा तिथि सुबह 1039 से लगेगी। इससे पूर्व चतुर्दशी है चतुर्दशी में रक्षा बंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता। इसके साथ ही इस रक्षाबंधन पर पूर्णिमा के प्रारंभ समय 1039 से रात्रि 851 तक पाताल की भद्रा व्याप्त रहेगी।

जागरण संवाददाता, हिसार : रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को है अथवा 12 अगस्त को। इस बारे भ्रांति का निवारण करते हुए व सनातन संस्कृति का ह्रास न हो इस बारे विद्वानों के विचार विमर्श के बाद कैलाश पंचांग के ज्योतिर्विद् व धर्मगुरु पंडित देव शर्मा ने बताया कि 11 तारीख गुरुवार को पूर्णिमा तिथि सुबह 10:39 से लगेगी। इससे पूर्व चतुर्दशी है, चतुर्दशी में रक्षा बंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता। इसके साथ ही इस रक्षाबंधन पर पूर्णिमा के प्रारंभ समय 10:39 से रात्रि 8:51 तक पाताल की भद्रा व्याप्त रहेगी।

भद्रा समाप्त होने के बाद ही रक्षाबंधन किया जाना चाहिए। क्योंकि भद्रा रहित समय में रक्षाबंधन मनाने की शास्त्रज्ञा है और दूसरे दिन 12 अगस्त शुक्रवार को सुबह 7:06 तक पूर्णिमा रहेगी। भद्रा काल में रक्षाबंधन के कार्य नहीं होते हैं इसलिए दूसरे दिन 12 अगस्त शुक्रवार को ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाना श्रेष्ठ रहेगा। यदि कोई व्यक्ति 11 अगस्त को रात्रि 8:51 पर भद्रा समाप्त होने के उपरांत प्रदोष काल में रात्रि 9:14 तक रक्षाबंधन करता है तो कर सकता है।

शुक्रवार, 12 अगस्त को उदय-व्यापिनी पूर्णिमा भले ही सुबह 7:06 बजे तक ही है लेकिन शुक्रवार, 12 अगस्त को उद्या तिथि के हिसाब से दिनभर रक्षाबंधन का कार्य हो सकता है क्योंकि शास्त्रों में यही कहा गया है कि जो उद्या तिथि है उसी का मान दिनभर रहता है। इसलिए रक्षाबंधन का त्यौहार शुक्रवार, 12 तारीख को ही मनाएं जोकि पूरा दिन शुद्ध रहेगा।

भद्राकाल में क्यों नहीं बांधी जाती राखी

रक्षाबंधन पर भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। इसके पीछे एक पौराणिक कथा बारे बताते हुए पंडित देव शर्मा ने कहा कि लंकापति रावण की बहन ने भद्राकाल में ही उनकी कलाई पर राखी बांधी थी और एक वर्ष के अंदर उसका विनाश हो गया था। भद्रा शनिदेव की बहन है। भद्रा को ब्रह्मा जी से यह श्रप मिला था कि जो भी भद्राकाल में रक्षाबंधन करेगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा इसलिए रक्षाबंधन-पर्व शुक्रवार, 12 अगस्त को उद्यकालीक त्रिमुहूर्त-न्यून पूर्णिमा के दिन ही मनाएं।

उत्तरभारत के अधिकतर परिवारों में सुबह के समय रक्षाबंधन किया जाता है। जो कि भद्रा व्याप्त होने के कारण अशुभ समय भी हो सकता है। इसलिए जब प्रात:काल भद्रा व्याप्त हो तब रक्षाबंधन नहीं करना चाहिए। रक्षाबंधन के लिए अपराह्न (दोपहर बाद का) समय उपयुक्त माना गया है।

किंतु इस वर्ष मध्याह्न काल भद्रा से व्याप्त होने के कारण रात्रि 8:51 पर भद्रा समाप्त होने के उपरांत प्रदोष काल में रात्रि 9:14 तक रक्षाबंधन करना शुभ होगा। किंतु अति आवश्यक परिस्थितिवश परिहार स्वरूप भद्रामुख सायं 6:18 से रात्रि 8:20 तक का समय विशेष रूप से त्याग कर भद्रा पुच्छकाल शाम 5:17 से 6:18 के दौरान भगवान शिव का पूजन करके रक्षाबंधन करना शुभ होगा।

Edited By: Manoj Kumar

11 अगस्त को कौन सा डे मनाया जाता है?

Raksha Bandhan 2022: रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम को दर्शाता है। यह त्योहार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल पूर्णिमा तिथि दो दिन यानी 11 व 12 अगस्त को त्योहार मनाया जाएगा।

13 अगस्त को कौनसा दिवस मनाया जाता है?

हर साल 13 अगस्त को वामपंथी दिवस मनाया जाता है। यह उन समस्याओं और कठिनाइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाता है जिनका सामना बाएं हाथ के लोगों को करना पड़ता है।