यूएनडीपी की मानव विकास रिपोर्ट 2022 के संबंध में कौन सा कथन असत्य है - yooenadeepee kee maanav vikaas riport 2022 ke sambandh mein kaun sa kathan asaty hai

विषयसूची

  • 1 घरेलू साधन आय के घटक बताइए राष्ट्रीय आय ज्ञात करने के लिए इसमें क्या जोड़ा जाता है और क्यों?
  • 2 पूर्ण प्रतियोगिता से आप क्या समझते हैं पूर्ण प्रतियोगिता में कीमत निर्धारण कैसे होता है?
  • 3 सकल घरेलू उत्पाद की परिभाषा क्या है?
  • 4 यूएनडीपी के अनुसार किसी देश के विकास को आंकने का आधार निम्नलिखित में से कौन सा है?
  • 5 विश्व बैंक और UNDP के अनुसार विकास के मापदंड कौन कौन से है?
  • 6 जीडीपी को कैसे मापते हैं?

घरेलू साधन आय के घटक बताइए राष्ट्रीय आय ज्ञात करने के लिए इसमें क्या जोड़ा जाता है और क्यों?

इसे सुनेंरोकेंवैयक्तिक आय को ज्ञात करने के लिए राष्ट्रीय आय (साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद) में से निगम करों तथा सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों के लिए किए गए भुगतानों को घटाते हैं तथा सरकारी हस्तान्तरण भुगतानों, व्यापारिक हस्तान्तरण भुगतानों तथा सरकार से प्राप्त शुद्ध ब्याज को जोड़ देते हैं।

पूर्ण प्रतियोगिता से आप क्या समझते हैं पूर्ण प्रतियोगिता में कीमत निर्धारण कैसे होता है?

इसे सुनेंरोकेंपूर्ण प्रतियोगिता में कीमत व उत्पादन का निर्धारण पूर्ण प्रतियोगिता की स्थिति में फर्म की अपनी कोई कीमत-नीति नहीं होती। वह केवल उत्पादन का समायोजन करने वाली होती है। अतः पूर्ण प्रतियोगिता की दशा में फर्म ‘कीमत ग्रहण करने वाली’ (Price taker) होती है, कीमत-निर्धारण करने वाली’ (Price maker) नहीं।

राष्ट्रीय आय लेखांकन से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रीय आय लेखांकन का तात्पर्य उन विधियों या तकनीकों से है जिनका उपयोग किसी भी अर्थव्यवस्था में समग्र रूप से आर्थिक गतिविधियों के मापन के लिए होता है। जिस प्रकार एक व्यक्ति या एक संस्था की आय की गणना की जा सकती है, ठीक उसी प्रकार एक देश की आय की भी गणना की जा सकती है।

राष्ट्रीय आय का साधन लागत पर राष्ट्रीय आय क्यों कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकिसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था द्वारा पूरे वर्ष में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के शुद्ध मूल्य के योग को राष्ट्रीय आय कहते हैं। इसे NNP(FC) (Net national [email protected] Factor Cost या साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद) से भी दर्शाया जाता है।

सकल घरेलू उत्पाद की परिभाषा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकिसी देश की सीमा में एक निर्धारित समय के भीतर तैयार सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहते हैं. यह किसी देश के घरेलू उत्पादन का व्यापक मापन होता है और इससे किसी देश की अर्थव्यवस्था की सेहत पता चलती है.

यूएनडीपी के अनुसार किसी देश के विकास को आंकने का आधार निम्नलिखित में से कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंयूएनडीपी (संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम) देशों की तुलना उस देश के लोगों के शैक्षिक स्तर, उनके स्वास्थ्य और प्रति व्यक्ति आय प्रति वर्ष के आधार पर करता हैं।

UNDP की मानव विकास रिपोर्ट 2020 के संबंध में कौन सा कथन असत्य है?

इसे सुनेंरोकेंइस रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 में 189 देशों में मानव विकास सूचकांक (HDI) की सूची में भारत 131वें स्थान पर रहा, वहीं भूटान 129वें स्थान पर, बांग्लादेश 133वें स्थान पर, नेपाल 142वें स्थान पर और पाकिस्तान 154वें स्थान पर रहा.

सकल घरेलू उत्पाद से क्या तात्पर्य है?`?

इसे सुनेंरोकेंसकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक विशिष्ट समय अवधि में देश की सीमाओं के भीतर उत्पादित सभी तैयार वस्तुओं और सेवाओं का मौद्रिक मूल्य है। किसी देश को मापने का सबसे अच्छा तरीका सकल घरेलू उत्पाद हैअर्थव्यवस्था. जीडीपी देश में सभी लोगों और कंपनियों द्वारा उत्पादित हर चीज का कुल मूल्य है।

विश्व बैंक और UNDP के अनुसार विकास के मापदंड कौन कौन से है?

इसे सुनेंरोकें✎… विश्व बैंक और यूएनडीपी के मानव विकास के मापदंड थोड़े-थोड़े भिन्न हैं। जहाँ विश्व बैंक मानव विकास के मापदंड के लिए प्रति व्यक्ति अथवा औसत आय का प्रयोग करता है, वहीं यूएनडीपी मानव विकास के मापदंड के लिए उस देश के लोगों के शैक्षिक स्तर उनके स्वास्थ्य और इसके अतिरिक्त प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष आय के अनुसार करता है।

जीडीपी को कैसे मापते हैं?

इसे सुनेंरोकेंजीडीपी को मापने के दो तरीके हैं. पहला पैमाना है कांस्‍टैंट प्राइस. इसके तहत जीडीपी की दर व उत्पादन का मूल्य एक आधार वर्ष में उत्पादन की कीमत पर तय किया जाता है. दूसरा पैमाना करेंट प्राइस है जिसमें उत्पादन वर्ष की महंगाई दर इसमें शामिल होती है.

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा जारी वैश्विक मानव‌ विकास सूचकांक या ग्लोबल ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार, 191 देशों की इस सूची में भारत 132वें पायदान पर है. रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका, चीन, भूटान और बांग्लादेश सूचकांक में भारत से ऊपर हैं. इससे पहले 2020 में जारी रिपोर्ट में भारत 131वें स्थान पर था. वहीं 2019 में भारत 129वें स्थान पर रहा था यानी 2019 से अब तक, भारत इस सूची में 3 पायदान नीचे खिसक गया.

मानव विकास सूचकांक एक सांख्यिकीय तरीका है, जिसका उपयोग किसी देश में रहने वाले लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास को मापने में किया जाता है. यह एक देश की शिक्षा, स्वास्थ्य, आय और जीवन स्तर की स्थिति को बताता है.

30 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब भारत ने लगातार दो वर्षों में मानव विकास सूचकांक में गिरावट दर्ज कराई है. सूचकांक में इस गिरावट के कारण भारत को मानव विकास की मध्यम श्रेणी में रखा गया है. इस साल की रिपोर्ट में स्विट्जरलैंड पहले स्थान पर रहा.

आज के एनएल सारांश में हम मानव विकास सूचकांक की रिपोर्ट पर बात करेंगे, और जानेंगे कि भारत के संदर्भ में इस रिपोर्ट के क्या मायने हैं. साथ ही यह भी देखेंगे कि वैश्विक स्तर पर मानव विकास की क्या स्थिति है.

मानव विकास सूचकांक 2022 में भारत की रैंक क्या है?

नई दिल्ली: गुरुवार (8 सितंबर) को जारी मानव विकास रिपोर्ट 2021/2022 में भारत 191 देशों और क्षेत्रों में से 132वें स्थान पर है.

मानव विकास सूचकांक 2022 कौन जारी करता है?

यूएनडीपी द्वारा 2022 में प्रकाशित मानव विकास सूचकांक, 2021 में भारत का स्थान 132वां है।

मानव विकास सूचकांक 2022में प्रथम स्थान किसका है?

स्विट्ज़रलैंड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. नोर्वे ने दूसरा स्थान लाया और आइसलैंड ने तीसरा. COVID-19 महामारी, रूस के यूक्रेन पर आक्रमण और जलवायु संकट के कारण 90 प्रतिशत देशों में मानव विकास का स्कोर नीचे चला गया है.

यूएनडीपी की मानव विकास रिपोर्ट क्या दर्शाती है?

यूएनडीपी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, मानव विकास सूचकांक की हालिया गिरावट में बड़ा योगदान जीवन प्रत्याशा में वैश्विक गिरावट का भी है। जीवन प्रत्याशा में गिरावट, साल 2019 में 72.8 साल से घटकर 2021 में 71.4 साल हो गई है।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग