पेट में गैस बनने से क्या क्या दर्द होता है? - pet mein gais banane se kya kya dard hota hai?

गैस का दर्द - Gas Pain in HIndi

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August 11, 2020

कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है!

परिचय

गैस हर किसी को होती है। यह स्थिति काफी परेशान कर देने वाली तथा कभी-कभी शर्मिंदगी का कारण बन सकती है। लेकिन यह जीवन के लिए घातक या गंभीर स्थिति नहीं होती है। शरीर के अंदर की गैस डकार के साथ या गुदा से होते हुऐ शरीर से बाहर निकलती है। ऐसी कोई भी समस्या जिससे कब्ज या दस्त होती है अथवा गैस बनती है तो ये समस्या गैस से होने वाले दर्द का कारण बन सकती है।

ज्यादातर लोग दिन में कम से कम 10 बार गैस पास करते हैं। गैस के दर्द की जांच करने के लिए डॉक्टर आपके स्वास्थ्य इतिहास के बारे में जानकारी लेते हैं और आपका शारीरिक परीक्षण करते हैं। शारीरिक परीक्षण के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट जैसे पेट का एक्स रे, कोलोनोस्कोपी और बेरियम स्वालो (बेरियम पिलाना) आदि कर सकते हैं।

गैस का दर्द काफी गंभीर व तीव्र हो सकता है, जो कई गंभीर बीमारियों से होने वाले दर्द के जैसा प्रतीत होता है, जैसे अपेंडिक्स, पित्त की पथरी और यहां तक की हृदय रोग आदि। यदि आपको गैस की समस्या है, तो आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे भोजन धीरे-धीरे खाना, चुइंगम ना चबाना और सिगरेट आदि ना पीना। इसके अलावा कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थ भी हैं, जो गैस की समस्या से ग्रस्त लोगों को नहीं खाने चाहिएं जैसे प्याज, लहसुन, बीन्स और दूध से बने उत्पाद आदि।

अक्सर खाने-पीने की आदतों में थोड़ा बहुत बदलाव करने से परेशान कर देने वाले गैस के दर्द को कम किया जा सकता है। भोजन को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में करके कई बार खाना, दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पीना, खूब मात्रा में फल व सब्जियां खाना और नियमित रूप से एक्सरसाइज करना आदि इसके कुछ उदाहरण हैं। 

(और पढ़ें - दस्त में क्या खाना चाहिए​)

  1. गैस का दर्द क्या है - Gas ka dard kya hai
  2. गैस का दर्द के लक्षण और कहाँ कैसे होता है - Gas ke dard ke lakshan aur kaise kahan hota hai
  3. गैस के दर्द का कारण व जोखिम कारक - Gas ke dard ka karan aur jokhim karak
  4. गैस के दर्द से बचाव - gas ka dard se bachav
  5. गैस के दर्द का परीक्षण - gas ka dard ka parikshan
  6. गैस के दर्द का इलाज - Gas ke dard ka ilaj
  7. गैस के दर्द की जटिलताएं - Gas ke dard ki jatiltayen

गैस का दर्द क्या है - Gas ka dard kya hai

गैस का दर्द क्या है?

गैस बनना सामान्य पाचन प्रक्रिया का एक हिस्सा होता है। लेकिन यदि गैस आपकी आंतों में बन रही है और आप उसे निकाल नहीं पा रहे हैं, तो आपको उससे दर्द व अन्य तकलीफें होने लग जाती हैं।

(औंर पढ़ें - आंत में सूजन होने का कारण​)

गैस का दर्द के लक्षण और कहाँ कैसे होता है - Gas ke dard ke lakshan aur kaise kahan hota hai

गैस का दर्द कहां होता है और इसके लक्षण क्या हैं?

गैस व गैस दर्द के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:

  • डकार लेना
  • बार-बार गैस आना
  • पेट दर्द
  • पेट में मरोड़ या पेट में गांठ बनने जैसा महसूस होना
  • पेट फूलना
  • पेट में तीव्र दर्द या पेट में ऐंठन जैसा महसूस होना। पेट में होने वाला दर्द पेट के इधर-उधर घूम सकता है।
  • पेट का आकार सामान्य से अधिक बड़ा हो जाना

डकार लेना एक आम स्थिति होती है, जो आमतौर पर खाना खाने के दौरान और बाद में महसूस होती है। ज्यादातर लोग दिन में 10 से भी अधिक बार गैस पास करते हैं। 

इसलिए गैस पास करने के दौरान थोड़ा असुविधाजनक और शर्मिंदगी महसूस होने वाली स्थिति पैदा हो जाती है। डकार या गैस आना बहुत ही कम मामलों में स्वास्थ्य संबंधी किसी समस्या का संकेत होते हैं। 

(और पढ़ें - गैस के लिए योग)

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यदि गैस के दर्द के साथ-साथ आपको निम्नलिखित स्थितियां हैं, तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए, जैसे:

  • पेट को छूने पर दर्द होना
  • पेट सख्त व कठोर हो जाना
  • सांस लेने में दिक्कत होना
  • मल त्याग न कर पाना (खासकर यदि आपको साथ में उल्टी भी आ रही है)
  • उल्टी में खून आना या मल के साथ खून आना (खासकर लाल, काले या टार जैसे रंग का मल आना)
  • पेट में दर्द होना जो 24 से 48 घंटों तक भी ठीक ना हो या बार बार हो रहा हो 
  • पेट दर्द के साथ-साथ मतली और उल्टी आना
  • लगातार 5 दिन तक दस्त की समस्या होना (और पढ़ें - नवजात शिशु के दस्त का इलाज)
  • लंबे समय कम भूख ना लगना या कम भूख लगना (और पढ़ें - भूख ना लगने का इलाज)
  • शरीर का वजन घटना जिसके कारण का पता ना हो
  • गर्दन, कंधे या सीने में दर्द होना (और पढ़ें - छाती में दर्द होने पर क्या करें)
  • अचानक से पेट में तीव्र दर्द होना
  • कंधे की हड्डियों या उसके बीच में दर्द होने के साथ-साथ जी मिचलाना
  • गर्भवती होने की संभावना या गर्भवती होना
  • हाल ही में या कुछ ही समय पहले पेट में चोट लगी होना
  • हाल ही में कैंसर का इलाज हुआ हो, इत्यादि। 

(और पढ़ें - गुदा कैंसर के लक्षण)

गैस के दर्द का कारण व जोखिम कारक - Gas ke dard ka karan aur jokhim karak

गैस का दर्द क्यों होता है?

खाना खाने या पेय पदार्थ पीने के दौरान हवा निगलना ही पेट में गैस होने का सबसे मुख्य कारण होता है। कब्ज या दस्त का कारण बनने वाली किसी भी स्थिति के कारण पेट फूलने या गैस का दर्द होने की समस्या बढ़ सकती है। 

गैस शरीर से निकालने के तीन मुख्य तरीके होते हैं डकार लेना, पेट में जमा करना और गुदा से गैस निकालना आदि। मुंह के द्वारा निगली गई हवा जो पेट के अंदर कुछ समय तक रहती है उसको आमतौर पर डकार के साथ निकाला जाता है। पेट फूलने की समस्या तब होती है, जब गैस छोटी या बड़ी आंत में फंस जाती है। आंतों के अंदर की हवा आमतौर पर गुदा से होते हुऐ ही बाहर निकल पाती है। 

(और पढ़ें - बदहजमी के घरेलू उपाय)

जब बैक्टीरिया छोटी आंत से बिना पचे बड़ी आंत में आए कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर, कुछ प्रकार के स्टार्च और कुछ प्रकार के शुगर को फर्मेंट (खमीर उठाना) करते हैं, तो गैस बनने लग जाती है। ये बैक्टीरिया थोड़ी बहुत गैस को भी खा जाते हैं, लेकिन बची हुई गैस गुदा से होते हुऐ शरीर से बाहर निकलती है। 

कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थ भी हैं, जो गैस बने का कारण बनते हैं, जैसे:

  • कुछ प्रकार की सब्जियां जैसे, ब्रोकोली, बंद गोभी और फूलगोभी
  • सूखा आलूबुखारा व सूखा बेर या फिर इनके जूस
  • तले हुऐ भोजन
  • फाइबर के पेय व सप्लीमेंट्स
  • दूध से बने उत्पाद
  • मसालेदार भोजन
  • अधिक वसा वाले भोजन
  • फलियां (इनमें बीन्स व दाल आदि शामिल हैं)
  • कृत्रिम मीठे पदार्थ जैसे एस्पार्टेम और सोर्बिटोल
  • लहसुन और प्याज

(और पढ़ें - खाली पेट लहसुन खाने के फायदे)

कुछ आदतें भी हैं, जिनके कारण गैस अधिक मात्रा में बनने लग जाती है:

  • धूम्रपान करना या तंबाकू चबाना (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय)
  • पेय पदार्थ पीने के लिए स्ट्रा (पाइप) का इस्तेमाल करना या स्पोर्ट्स बोतल से पेय पदार्थ पीना
  • खाना खाते समय बोलना
  • जब परेशान हो तब  खाना खाना
  • झरने से पानी पीना
  • टाइट फिटिंग वाले कपड़े पहनना
  • अधिक पेट भर जाना
  • गहरी सांस लेना
  • जुकाम के लक्षणों से राहत पाने के लिए लंबे समय तक दवाएं लेना
  • अधिक ठंडा या बहुत अधिक गर्म पानी पीना
  • चुइंगम चबाना या टॉफी आदि चूसना

(और पढ़ें - तंबाकू छोड़ने के उपाय)

गैस के दर्द का खतरा कब बढ़ता है?

यदि आपको निम्नलिखित में से कोई समस्या है, तो आपको गैस का दर्द होने का खतरा बढ़ सकता है:

  • यदि आपकी पाचन प्रणाली किसी विशेष प्रकार के भोजन को छोटे टुकड़ों में तोड़ या अवशोषित ना कर पाए तो गैस बनने और पेट फूलने जैसी समस्याएं होने लग जाती हैं। (और पढ़ें - पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय)
  • कब्ज होने के कारण भी गैस पास करने में परेशानी हो सकती है। (और पढ़ें - कब्ज के लिए योग)
  • यदि अत्यधिक गैस बन रही है, तो यह स्वास्थ्य संबंधी किसी समस्या का संकेत हो सकती है जैसे अल्सरेटिव कोलाइटिस, क्रोन रोग या फिर आंतों संबंधी कोई दीर्घकालिक समस्या आदि।
  • छोटी आंत में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ना या बैक्टीरिया में किसी प्रकार का बदलाव होने के कारण अधिक गैस बनना, दस्त व शरीर का वजन कम होने जैसी समस्याएं होने लग जाती हैं

(और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण का इलाज)

गैस के दर्द से बचाव - gas ka dard se bachav

गैस के दर्द की रोकथाम कैसे करें?

निम्नलिखित कुछ स्टेप हैं जिनकी मदद से गैस के दर्द से बचाव किया जा सकता है:

  • पानी पिएं:
    रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए (और पढ़ें - रोजाना कितना पानी पीना चाहिए)
     
  • पेय पदार्थों को सामान्य तापमान में पीना:
    पेय पदार्थों को बहुत अधिक ठंडा करके या अधिक गर्म करके नहीं पीना चाहिए। 
     
  • चुइंगम ना चबाना:
    चुइंगम चबाने के दौरान व्यक्ति के हवा निकलने की संभावना अधिक होती है। हवा निगलने से पेट के अंदर हवा फंस जाती है और गैस का दर्द होने का खतरा बढ़ जाता है। बिना शुगर की कैंडी में भी कृत्रिम मीठा होता है, जिससे पेट में गैस व पेट फूलने की समस्याएं होने लग जाती हैं। (और पढ़ें - च्युइंग गम के नुकसान)
     
  • स्ट्रॉ का इस्तेमाल ना करें:
    अक्सर स्ट्रॉ के साथ पेय पदार्थ पीने से व्यक्ति के अंदर हवा चली जाती है। बोतल से पानी या अन्य पेय पदार्थ पीने से भी पेट के अंदर हवा जाती है, हालांकि यह बोतल के आकार व आकृति पर निर्भर करता है। यदि आप गैस के दर्द या पेट फूलने से बचना चाहते हैं, तो गिलास से पानी व अन्य पेय पदार्थ पिएं।
     
  • धूम्रपान ना करें:
    सिगरेट आदि पीने के दौरान हवा पाचन प्रणाली के अंदर चली जाती है। धूम्रपान करने से स्वास्थ्य संबंधी बहुत सारी समस्याएं पैदा हो जाती है, इसलिए इसे पूरी तरह से छोड़ देना ही सबसे बेहतर है।
     
  • शारीरिक गतिविधियां करें:
    दिन के समय में शरीर को थोड़ा एक्टिव रखने की कोशिश करें।
     
  • एक्सरसाइज करें:
    नियमित रूप से एक्सरसाइज करते रहें। (और पढ़ें - कीगल एक्सरसाइज क्या है)
     
  • डेंचर की देखभाल रखें:
    यदि आप नकली दांतों (डेंचर) का इस्तेमाल करते हैं, तो ध्यान रखें कि वे आपके मुंह में ठीक से फिट आ रहे हैं या नहीं। क्योंकि यदि आपके दांत मुंह से ठीक से फिट नहीं बैठ रहे हैं, तो इनके कारण भी आप हवा की अधिक मात्रा निगल सकते हैं। (और पढ़ें - नकली दांत कैसे लगाये)
     
  • तेजी से ना खाएं और ना ही खाते समय कोई गतिविधि करें:
    तेजी से भोजन खाने से या खाने के साथ-साथ कुछ और काम करने से आप भोजन के साथ-साथ हवा भी निगल लेते हैं, जिससे गैस का दर्द होने लगता है। जो लोग भोजन को तेजी से खाते हैं उनको अपनी गति को कम करना चाहिए और एक निवाले को कम से कम 30 बार चबाना चाहिए। भोजन को अच्छे से तोड़कर (चबाकर) खाने से वह आसानी से पच जाता है और इससे पेट फूलना व अपच होने जैसी समस्याएं नहीं हो पाती हैं।
     
  • खाने के बाद सीधे रहें
     खाना खाने के तुरंत बाद सोना या लेटना नहीं चाहिए।
     
  • खाने के बाद चलें:
    खाना खाने के बाद आपको बैठने या लेटने की बजाए थोड़ा बहुत चलना चाहिए।
     
  • गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थों को ना खाएं:
    यदि आपको गैस का दर्द होता है, तो ऐसे खाद्य पदार्थ ना खाएं जिनसे गैस की दिक्कत होती है।
     
  • थोड़ी-थोड़ी मात्रा में करके खाएं:
    भोजन को धीरे-धीरे खाएं और एक बार अधिक खाने की बजाए थोड़ी-थोड़ी मात्रा में करके कई बार खाएं।
     
  • अच्छी तरह से चबा कर खाएं:
    भोजन को निगलने से पहले उसे अच्छी तरह से चबा कर छोटे कणों में तोड़ लें ऐसा करने से भोजन को पचाने में आसानी हो जाती है।

(और पढ़ें - कब्ज दूर करने के घरेलू उपाय)

गैस के दर्द का परीक्षण - gas ka dard ka parikshan

गैस के दर्द का परीक्षण कैसे किया जाता है?

डॉक्टर आपके स्वास्थ्य संबंधी पिछली जानकारी, आपके लक्षणों, खाने-पीने की आदतों व आपका शारीरिक परीक्षण करके गैस के दर्द व उसके कारण का पता लगाते हैं।

शारीरिक परिक्षण के दौरान डॉक्टर आपके पेट को छूकर देखते हैं और यह पता लगाते हैं कहीं आपको छूने पर दर्द तो नहीं हो रहा है। इसके अलावा पेट को छू कर देखने से पेट संबंधी असामान्यताओं का पता भी लगाया जा सकता है। (और पढ़ें - यूरिन टेस्ट क्या है)

स्टेथोस्कोप उपकरण की मदद से आपके पेट के अंदर की आवाज को सुना जाता है। इससे डॉक्टर को यह पता लगाने में मदद मिलती है कि आपकी पाचन प्रणाली कितने अच्छे से काम कर रही है। 

शारीरिक परीक्षण के साथ-साथ कुछ अन्य टेस्ट भी किए जाते हैं, जिनसे यह पता लगाया जाता है कि कहीं यह दर्द गैस की जगह किसी अन्य खतरनाक बीमारी के कारण तो नहीं हो रहा है। (और पढ़ें - एसजीपीटी टेस्ट क्या है) 

आपके शारीरिक व कुछ लक्षणों (जैसे मल में खून, दस्त या वजन घटना) के आधार पर कुछ अन्य टेस्ट करवाने का सुझाव भी दिया जा सकता है, जैसे:

  • यदि डॉक्टर को लगता है कि आपको लैक्टोज इनटॉलेरेंस हो गई है, तो डॉक्टर आपको ब्रिथ टेस्ट (Breath test) करवाने का सुझाव दे सकते हैं।
  • गैस के दर्द के कुछ संभावित कारणों के आधार पर डॉक्टर कुछ अन्य टेस्ट करवाने का सुझाव दे सकते हैं, जैसे खून टेस्ट, एक्स रे, सीटी स्कैन और एंडोस्कोपी आदि।

(और पढ़ें - लैब टेस्ट क्या है)

गैस के दर्द का इलाज - Gas ke dard ka ilaj

गैस के दर्द का इलाज कैसे किया जाता है?

गैस के दर्द के लिए दवाएं:

  • प्रोबायोटिक्स:
    प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स की मदद से आंतों में अच्छे बैक्टीरिया आ जाते हैं। ये बैक्टीरिया पाचन संबंधी कई समस्याओं को ठीक कर देते हैं जिनमें संक्रामक दस्त भी शामिल है। (और पढ़ें - पाचन तंत्र क्या है)
     
  • सिमेथिकोन:
    मेडिकल स्टोर पर बिना डॉक्टर की पर्ची के कुछ सिमेथिकोन दवाएं मिल जाती हैं। ये दवाएं गैस के बुलबुलों को तोड़ने का काम करती हैं। (और पढ़ें - दवाओं की जानकारी)
     
  • लैक्टेज सप्लीमेंट्स:
    लैक्टेज एंजाइम के सप्लीमेंट्स लैक्टोज को पचाने में मदद करते हैं। यदि आपको लैक्टोज इनटॉलेरेंस है तो ये सप्लीमेंट्स आपके लिए काफी लाभदायक हो सकते हैं। आप कुछ ऐसे डेयरी उत्पादों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जिन में लैक्टोज नहीं होता या कम मात्रा में होता है।

(और पढ़ें - लैक्टोज असहिष्णुता के आयुर्वेदिक इलाज)

गैस से दर्द के घरेलू उपचार: 

निम्नलिखित कुछ घरेलू उपाय हैं, जिनकी मदद से अधिक गैस बनने से रोकथाम की जाती है और जो गैस बन गई है उसको बाहर निकाला जाता है: 

  • यदि गैस शरीर से बाहर ना जा पाए तो उससे पेट फूलना, दर्द व अन्य तकलीफ होने लग जाती हैं। इन सभी समस्याओं से बचने का सबसे आसान तरीका यही है कि गैस को निकलने दें।
  • कुछ हल्के व्यायामों की मदद से आंतों की मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे पाचन प्रणाली में रुकी हुई गैस इधर-उधर हिल पाती है। खाना खाने के बाद चलना व कुछ प्रकार के योग करना काफी लाभदायक हो सकता है।
  • मल त्याग करने से भी गैस पास हो सकती है। मल के साथ-साथ आंतों में फंसी हुई गैस भी मल त्याग करने के दौरान गुदा से होते हुऐ शरीर से बाहर निकल जाती है।
  • कार्बोनेटेड पेय पदार्थ जैसे सोडा वॉटर आदि पीने से पेट के अंदर काफी मात्रा में गैस जाती है, जिस से पेट फूलना व गैस का दर्द आदि जैसी समस्याएं होने लग जाती हैं। इन पेय पदार्थों को नहीं पीना चाहिए।
  • पुदीना, आयरन को अवशोषित होने से रोकता है। इसलिए आयरन सप्लीमेंट्स के साथ पेपरमिंट कैप्सूल नहीं लेने चाहिए। यदि आपको एनीमिया है तो भी आपको ये कैप्सूल नहीं लेने चाहिए।
  • पाचन संबंधी समस्याओं का इलाज करने के लिए लौंग के तेल का इस्तेमाल भी किया जाता है, इन समस्याओं में मुख्य रूप से पेट फूलना, गैस बनना और अपच आदि शामिल है। लौंग में अल्सर से लड़ने के गुण भी होते हैं। खाना खाने के बाद थोड़ा लोंग का तेल लेने से पाचन प्रणाली मजबूत होती है और आंतों में गैस की मात्रा भी कम होती है।
  • कुछ लोग मानते हैं कि लंबी सांसे लेने से गैस के दर्द व उससे संबंधित अन्य तकलीफ को कम किया जा सकता है।
  • समस्या पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों को ना खाएं। कुछ प्रकार के भोजन खाने से गैस बनने लग जाती है। इसलिए कुछ लोगों में ये भोजन गैस का दर्द का कारण बनते हैं।
  • गैस की समस्या के लिए सौंफ काफी पुराना घरेलू उपाय है। एक छोटी चम्मच सौंफ की चबा लेने से गैस संबंधी कई समस्याएं ठीक की जा सकती हैं।
  • सेब का सिरका पेट के अम्ल और पाचन तंत्र के एंजाइम बनाने में मदद करता है। यह गैस के दर्द से भी तुरंत आराम देता है।
  • एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच सिरका मिलाएं और खाना खाने से पहले उसे पी लें। पीने के बाद तुरंत साफ पानी से कुल्ला कर लेना चाहिए, क्योंकि सिरका दांतों के एनेमल (सुरक्षात्मक परत) को नष्ट कर देता है।
  • पेपरमिंट सप्लीमेंट्स या पुदीने के तेल के कैप्सूल लंबे समय तक लेने से पेट फूलना, कब्ज और गैस का दर्द आदि जैसी समस्याएं ठीक हो जाती हैं।
  • जब गैस का दर्द हो रहा हो तो बोतल में गर्म पानी डालकर या हीटिंग पैड को पेट पर रखें। गर्म सिकाई से आंतों की मांसपेशियां शांत हो जाती हैं जिससे गैस निकलने की जगह मिल पाती है। गर्म सिकाई से दर्द भी कम हो जाता है।
  • लैक्टोज इनटॉलेरेंस से ग्रस्त जिन लोगों को बार-बार गैस के दर्द की समस्या होती है, उनको लैक्टोज के पदार्थों का सेवन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए या फिर लैक्टोज के सप्लीमेंट्स लेने चाहिए।

(और पढ़ें - बर्फ की सिकाई के फायदे)

गैस के दर्द की जटिलताएं - Gas ke dard ki jatiltayen

गैस के दर्द से क्या समस्याएं हो सकती हैं?

गैस का दर्द लंबे समय तक नहीं रहता है। कोई भी प्राकृतिक या घरेलू उपचार करने से यह 30 से 45 मिनट में ठीक हो जाता है। 

गैस का दर्द अन्य कई खतरनाक समस्याओं से भी जुड़ा हो सकता है, जैसे वजन कम होना, एनोरेक्सिया, गंभीर दस्त, और गंभीर पेट दर्द आदि। यह निम्नलिखित कई अन्य जठरांत्र संबंधी व पाचन संबंधी समस्याओं का संकेत भी दे सकता है, जिनका इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है:

  • अल्सर
  • सीलिएक रोग
  • इरीटेबल बाउल सिंड्रोम
  • लैक्टोज इनटॉलेरेंस
  • अग्नाशयशोथ
  • अपेंडिक्स
  • पित्त की पथरी

(और पढ़ें - पित्त का कैंसर के लक्षण)

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पेट में गैस का दर्द कहाँ होता है?

गैस का दर्द चेस्‍ट के बिल्कुल बीच में होता है और हार्ट अटैक के दौरान चेस्‍ट में लेफ्ट साइ़ड तेज दर्द व दबाव होता है..
गैस के दर्द में चेस्‍ट में दर्द और जलन अधिक होती है. ... .
गैस की दिक्‍कत खाली पेट या अधिक खाने की वजह से हो सकती है..

पेट में गैस बनने से क्या क्या प्रॉब्लम होती है?

हालांकि कुछ खास स्थिति में गैस समस्या भी बन सकती है. जैसे कि गैस की वजह से पेट में तेज दर्द होना, बहुत बेचैनी या सूजन महसूस होना, दस्त या कब्ज, मितली, वजन कम हो जाना और शौच में खून जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.

गैस का दर्द कितने दिनों तक रहता है?

यदि तकलीफ छह सप्ताह से अधिक है तो उसकी जांच और विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। जिससे पता चल जाए कि पेट की बीमारी है या फिर कोई अन्य। इसके अलावा भूख की कमी, वजन घटना, उल्टी, बुखार, शौच का रंग काला या लाल हो तो तुरंत जांच करा लेनी चाहिए। यह गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।

गैस से सीने में दर्द होता है क्या?

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