वायु प्रदूषण से क्या हानियां हैं? - vaayu pradooshan se kya haaniyaan hain?

वायु प्रदूषण बेहद भयावह है और इसके दुष्प्रभावों के बारे में काफी कुछ लिखा-सुना जाता रहा है-दीवाली से लेकर नए साल तक, परंतु अभी तक इसे कम करने या इससे बचाव के लिए किसी भी सरकार में गम्भीर पग उठाने की इच्छा शक्ति दिखाई नहीं दी है। वैज्ञानिक कहते रहे हैं कि प्रदूषित इलाकों में रहने वाले लोगों में श्वास तथा अन्य रोगों का जोखिम बहुत ज्यादा होता है परंतु एक नया अंतर्राष्ट्रीय शोध बेहद ङ्क्षचताजनक नतीजों के बारे में आगाह कर रहा है। 

इसके अनुसार वायु प्रदूषण मानव शरीर के प्रत्येक अंग और प्रत्येक कोशिका (सैल) को हानि पहुंचा सकता है। दूषित वायु से शरीर को सिर से पैरों तक हानि पहुंचती है। यह दिल व फेफड़ों की बीमारियों, डायबिटीज, डिमेंशिया, यकृत की समस्याओं एवं मूत्राशय के कैंसर, हड्डियों के शिथिल पडऩे और त्वचा तक को पहुंचने वाली हानि के लिए जिम्मेदार हो सकता है। प्रजनन क्षमता, भ्रूण और बच्चे भी विषाक्त हवा से प्रभावित हो रहे हैं। 

वायु प्रदूषण का अर्थ है किसी भी अनचाहे तत्व का सांस लेने वाली हवा में घुल जाना। सांस के साथ ये अनचाहे तत्व भी हमारे फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर जाते हैं तथा शरीर को पहुंचने वाली क्षति उन ‘अल्ट्राफाइन पाॢटकल्स’ यानी बेहद महीन कण रूपी प्रदूषकों का नतीजा है जो शरीर में सूजन का कारण बनते हैं व रक्त के माध्यम से सारे शरीर में फैल जाते हैं। 

अध्ययन के अनुसार ‘अल्ट्राफाइन पाॢटकल्स’ फेफड़ों से गुजर कर आसानी से शरीर की कोशिकाओं में घुस जाते हैं। इसके बाद रक्त प्रवाह के माध्यम से वे शरीर के सभी अंगों की कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं। इसी लिए वैज्ञानिकों को लगता है कि वायु प्रदूषण शरीर के हर अंग को प्रभावित कर सकता है और ऐसे-ऐसे रोगों की वजह भी हो सकता है जिनके साथ संबंध स्थापित करने के बारे में अभी हमारे पास कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वायु प्रदूषण एक ‘पब्लिक हैल्थ एमरजैंसी’ यानी ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल’ है क्योंकि दुनिया की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी जहरीली हवा में सांस ले रही है। इसकी वजह से प्रतिवर्ष 88 लाख असमय मौतें हो सकती हैं।

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वायु प्रदूषण की मुख्य हानियां लिखिए हमें वायु प्रदूषण की मुख्य हानियां लिखनी है तो वायु प्रदूषण के कारण बहुत सारी परेशानियां सामने समस्याएं हैं पहला पहला वायु प्रदूषण के सामान्य तापमान में वृद्धि हो जाती है और कितने सालों से यह देखा जा रहा है कि हमें लगातार घटती जा रही है ग्रीन हाउस गैस के कारण घटती जा रही है बहुत

हानिकारक होगा बहुत हानिकारक जाएगा पढ़ो फैक्ट्री जाएगा तो उससे भी जा वातावरण में मौजूद प्रदूषण के कारण मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीरता और लोगों को स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों में जाने से सांस लेने में तकलीफ होती है

सीने में जकड़न हो सकता है आंखों में जलन आदि समस्याएं होने लगती है समस्या

प्रदूषण की समस्या पर निबंध : इस लेख के जरिये हम आपको प्रदूषण कारण और निवारण पर निबंध (short essay on pollution) से सब कुछ प्रदुषण को लेकर हो रहे घातक कार्यों से अवगत कराने वाले है जैसे ये क्या है, क्या इसका निवारण है....

वायु प्रदूषण से क्या हानियां हैं? - vaayu pradooshan se kya haaniyaan hain?

प्रदूषण क्या है?

वर्तमान समय में सन्तुलित वातावरण में ही जीवन का विकास सम्भव है। पर्यावरण का निर्माण प्रकृति के द्वारा किया गया है। प्रकृति के द्वारा प्रदान किया गया पर्यावरण जीवधारियों के अनुकूल होता है जब वातावरण में कुछ हनिकारक घटक आ जाते हैं तो वे वातावरण का सन्तुलन बिगाड़कर उसको दूषित कर देते हैं। यह गन्दा वातावरण जीवधारियों के लिए अनेक प्रकार से हनिकारक होता है। इस प्रकार वातावरण के दूषित हो जाने को ही प्रदूषण कहते हैं।

आपको बता दे की प्रदूषण (essay on pollution in 150 words) का अर्थ है - प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। न शुद्ध वायु मिलना, न शुद्ध जल मिलना, न शुद्ध खाद्य मिलना, न शांत वातावरण मिलना।

प्रदूषण के प्रकार (Types of pollution) :

यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको प्रदूषण के प्रकारों (pollution essay) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...

वायु प्रदूषण :

वायु जीवन का अनिवार्य स्त्रोत है। प्रत्येक प्राणी को स्वस्थ रूप से जीने के लिए शुद्ध वायु अर्थात् ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है जिस कारण वायुमण्डल में इसकी विशेष अनुपात में उपस्थिति आवश्यक है। जीवधारी साँस द्वारा ऑक्सीजन ग्रहण करता है और कार्बन डाई-ऑक्साइड ग्रहण कर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। इससे वायुमण्डल में शुद्धता बनी रहती है। आजकल वायुमण्डल में ऑक्सीजन गैस का सन्तुलन बिगड़ गया है और वायु अनेक हानिकारक गैसों से प्रदूषित हो गयी है।

वायु प्रदूषण से होने वाले रोग :

जब हम सांस लेते है तो हवा में फैले हुए जहरीले सूक्ष्म कण शरीर में घुस जाते हैं जिससे अलग-अलग तरह की खतरनाक बीमारियाँ हो सकती है, जो इस प्रकार है...

  • कैंसर
  • पार्किंसंस रोग
  • दिल का दौरा
  • सांस की तकलीफ
  • खांसी
  • आंखों की जलन
  • एलर्जी
  • जल प्रदूषण :

    जल को जीवन कहा जाता है और यह भी माना जाता है कि जल में ही सभी देवता निवास करते हैं। इसके बिना जीव-जन्तु और पेड़-पौधों का भी अस्तित्व नहीं है। फिर भी बड़-बड़े नगरों के गन्दे नाले और सीवर नदियों के जल में आकर मिला दिये जाते हैं। कारखानों का सारा मैला बहकर नदियों के जल में आकर मिलता है। इससे जल प्रदूषित हो गया है और उससे भयानक बीमारियाँ उत्पन्न हो रही हैं जिससे लोगों का जीवन ही खतरे में पड़ गया है।

    ध्वनि प्रदुषण :

    ध्वनि प्रदूषण भी आज की नयी समस्या है। इसे वैज्ञानिक प्रगति ने पैदा किया है। मोटर¸कार¸ट्रैक्टर¸जेट विमान¸कारखानों के सायरन¸मशीनें तथा लाउडस्पीकर ध्वनि के सन्तुलन को बिगाड़कर ध्वनि-प्रदूषण उत्पन्न करते हैं। अत्यधिक ध्वनि-प्रदुषण से मानसिक विकृति¸तीव्र क्रोध¸ अनिद्रा एवं चिड़चिड़ापन जैसी मानसिक समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।

    रेडियोधर्मी प्रदुषण :

    आज के .युग में वैज्ञानिक परीक्षणों का जोर है। परमाणु परीक्षण निरन्तर होते ही रहते हैं। इसके विस्फोट से रेडियोधर्मी पदार्थ सम्पूर्ण वायुमण्डल फैल जाते हैं और अनेक प्रकार से जीवन को क्षति पहुँचाते हैं।

    रासायनिक प्रदुषण :

    कारखानों से बहते हुए अपशिष्ट द्रव्यों के अलावा रोगनाशक तथा कीटनाशक दवाइयों से और रासायनिक खादों से भी स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ये पदार्थ पानी के साथ बहकर जीवन को अनेक प्रकार से हानि पहुँचाते हैं।

    प्रदूषण का मानव जीवन पर प्रभाव :

    जैसा की दोस्तों आपने ऊपर पढ़ा प्रदुषण के प्रकारों के बारें में ये सभी प्रकार हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव डाल रहे है। क्योंकि - जब हम सांस लेते है तो हवा में फैले हुए जहरीले सूक्ष्म कण शरीर में घुस जाते हैं जिससे अलग-अलग तरह की खतरनाक बीमारियाँ जैसे कि कैंसर, पार्किंसंस रोग, दिल का दौरा, सांस की तकलीफ, खांसी, आंखों की जलन, और एलर्जी आदि होने का खतरा पैदा हो जाता है।

    इसके अलावा पक्षयुक्त पदार्थ (पीएम) सांस लेने के माध्यम से शरीर में घुस दिल, फेफड़े, और मस्तिष्क कोशिकाओं में पहुँच कर उन्हें बीमारियों से पीड़ित कर देते है। इसलिए आज नही तो कल अगर प्रदुषण ऐसा ही रहा तो धरती पर मनुष्य अस्तित्व रहना मुश्किल सा हो जाएगा।

    प्रदूषण का निवारण (Pollution effects) :

    यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको प्रदुषण के निवारण के उपायों से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...

  • वक्षों की कटाई पर नियंत्रण करके।
  • औद्योगिक प्रतिष्ठानों को नगरों से दूर स्थापित करके।
  • अधिक वृक्ष लगाकर।
  • प्रदूषित मल को नष्ट करने के उपाय करके।
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    वायु प्रदूषण से क्या हानियां है?

    दूषित वायु से शरीर को सिर से पैरों तक हानि पहुंचती है। यह दिल व फेफड़ों की बीमारियों, डायबिटीज, डिमेंशिया, यकृत की समस्याओं एवं मूत्राशय के कैंसर, हड्डियों के शिथिल पडऩे और त्वचा तक को पहुंचने वाली हानि के लिए जिम्मेदार हो सकता है। प्रजनन क्षमता, भ्रूण और बच्चे भी विषाक्त हवा से प्रभावित हो रहे हैं।

    वायु प्रदूषण क्यों हानिकारक है?

    वायु प्रदूषण का पर्यावरण के ऊपर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। यह प्रदूषण ओजोन की परत को पतला करने में मुख्य भूमिका निभा रहा है, जिसकी वजह से जैसे ही आप घर के बाहर कदम रखेंगे,आप महसूस करेंगे कि हवा किस कदर प्रदूषित हो चुकी है। धुएं के बादलों को बसों, स्कूटरों, कारों, कारखानों की चिमनियों से निकलता हुआ देख सकते हैं।

    वायु प्रदूषण क्या है इसके हानिकारक प्रभाव का उल्लेख करें?

    इसके हानिकारक प्रभावों का उल्लेख करें। Solution : वायु प्रदूषण : वायुमंडल में अवांछित तथा विषैली तत्व की अधिकता वायु प्रदूषण कहलाता है । वायु प्रदूषण का मुख्य स्रोत कार्बन डाइऑक्साइड है । इसके अलावे बहुत ऐसी गैस है जो मोटरगाड़ी, कल-कारखाने ज्वालामुखी से निकलती हैं वायुमंडल को प्रदूषित करती है ।