जब मनप्रीत सिंह 24 जुलाई को टोक्यो 2020 में न्यूजीलैंड के खिलाफ मुक़ाबले के लिए मैदान पर उतरे, तो वो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम की कप्तानी करने वाले 21वें कप्तान बन गए।
मनप्रीत सिंह उन दिग्गज खिलाड़ियों की सूची में शामिल होंगे जिसमें ध्यानचंद, कुंवर दिग्विजय सिंह और बलबीर सिंह सीनियर जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल हैं, जिन्हें समर खेलों में भारतीय टीम का नेतृत्व करने का सम्मान मिला है।
जयपाल सिंह मुंडा ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के पहले कप्तान थे। उन्होंने एम्सटर्डम 1928 खेलों में भारत की कप्तानी की थी और देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था।
सैयद लाल शाह बुखारी ने लॉस एंजिल्स 1932 खेलों में भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व किया, इस टीम ने भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। भारत की स्वतंत्रता और विभाजन के बाद सैयद लाल शाह बुखारी पाकिस्तान के लिए एक राजदूत बन गए।
The legendary Dhyan Chand (bottom, right) led the Indian hockey team at the 1936 Berlin Games.
फोटो क्रेडिट Getty Images
ध्यानचंद (एम्सटर्डम 1928, लॉस एंजिल्स 1932, बर्लिन 1936) और बलबीर सिंह दोसांझ (लंदन 1948, हेलसिंकी 1952, मेलबर्न 1956) तीन स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय राष्ट्रीय हॉकी टीम का हिस्सा थे।
1936 के संस्करण के लिए ध्यानचंद हॉकी टीम के कप्तान थे, जबकि बलबीर सिंह सीनियर ने 1956 के मेलबर्न खेलों में टीम की कमान संभाली थी।
हालांकि, एक खिलाड़ी के तौर पर लेस्ली क्लॉडियस का सबसे शानदार रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने ओलंपिक में चार हॉकी पदक जीते, जिसमें तीन स्वर्ण और एक रजत (रोम 1960) शामिल थे। रोम 1960 ओलंपिक खेलों में वो खुद टीम के कप्तान थे और फाइनल में टीम को रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।
1968 मैक्सिको सिटी ओलंपिक के लिए भारतीय टीम के लिए दो कप्तानों का चयन किया गया था, तब गुरबक्स सिंह और पृथ्वीपाल सिंह को टीम की कमान सौंपी गई थी और उन्होंने टीम को कांस्य पदक दिलाया था।
परगट सिंह दो ओलंपिक खेलों में भारत का नेतृत्व करने वाले एकमात्र भारतीय कप्तान हैं। उन्होंने बार्सिलोना 1992 और अटलांटा 1996 में भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी की थी।
तमिलनाडु के वासुदेवन भास्करन, मॉस्को 1980 खेलों में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान थे। वो भारतीय टीम को आखिरी बार स्वर्ण पदक दिलाने वाले कप्तान भी हैं।
भारतीय महिला हॉकी टीम की पहली कप्तान रूपा सैनी थीं, जिन्होंने मॉस्को 1980 में टीम की कमान संभाली थी, जहां पहली बार महिला हॉकी को ओलंपिक में भाग लेने का अवसर मिला था।
सुशीला चानू पुखरामबम ने 36 साल के लंबे अंतराल को खत्म किया और रियो 2016 ओलंपिक के लिए टीम को क्वालीफाई कराया और भारतीय महिला हॉकी टीम की कमान संभाली।
टोक्यो 2020 में फॉरवर्ड खिलाड़ी रानी रामपाल ने भारतीय महिला हॉकी टीम के कमान संभाली।
ओलंपिक में भारतीय हॉकी कप्तानों की पूरी सूची
पुरुष
जयपाल सिंह मुंडा | 1928 | एम्स्टर्डम | स्वर्ण |
सैयद लाला शाह बुखारी | 1932 | लॉस एंजेलिस | स्वर्ण |
ध्यानचंद | 1936 | बर्लिन | स्वर्ण |
किशन लाल | 1948 | लंदन | स्वर्ण |
केडी सिंह बाबू | 1952 | हेलसिंकी | स्वर्ण |
बलबीर सिंह सीनियर | 1956 | मेलबर्न | स्वर्ण |
लेस्ली क्लॉडियस | 1960 | रोम | रजत |
चरणजीत सिंह | 1964 | टोक्यो | स्वर्ण |
गुरबक्स सिंह और पृथ्वीपाल सिंह | 1968 | मैक्सिको सिटी | कांस्य |
हारमिक सिंह | 1972 | म्युनिख | कांस्य |
अजीत पाल सिंह | 1976 | मॉनट्रियल | सातवां स्थान |
वासुदेवन भास्करन | 1980 | मॉस्को | स्वर्ण |
ज़फर इक़बाल | 1984 | लॉस एंजेलिस | पांचवां स्थान |
एमएम सौम्य | 1988 | सियोल | छठा स्थान |
परगट सिंह | 1992 | बार्सिलोना | सातवां स्थान |
परगट सिंह | 1996 | अटलांटा | आठवां स्थान |
रमनदीप सिंह ग्रेवाल | 2000 | सिडनी | सातवां स्थान |
दिलीप टिर्की | 2004 | एथेंस | सातवां स्थान |
भरत छेत्री | 2012 | लंदन | 12वां स्थान |
पीआर श्रीजेश | 2016 | रियो | आठवां स्थान |
मनप्रीत सिंह | 2020 | टोक्यो | ब्रॉन्ज़ |
महिला
रूपा सैनी | 1980 | मॉस्को | चौथा स्थान |
सुशीला चानू | 2016 | रियो | 12वां स्थान |
रानी रामपाल | 2020 | टोक्यो | चौथा स्थान |
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