विज्ञान
प्रश्न 22 : दूर दृष्टि दोष किसे कहते है? इसका कारण लिखिए। नामांकित किरण आरेख द्वारा समझाइये कि इसका निवारण कैसे किया जाता है।
उत्तरः दूर दृष्टि दोषः- जब मनुष्य को दूर की वस्तुएँ तो स्पष्ट दिखाई देती है परंतु पास की वस्तुए स्पष्ट नहीं दिखाई देती इसे दूर दृष्टि दोष कहते है।
दूर दृष्टि दोष के कारणः यह रोग निम्न में से एक कारण से हो सकता है।
(1) लेंस से रेटिना की दूरी कम हो जाए अर्थात् नेत्र के गोले की त्रिज्या कम हो जाए।
(2) लेंस के पृष्ठो की
वक्रता कम हो अर्थात् लेंस पतला हो जाए जिससे उसकी फोकस दूरी बढ़ जाए।
दूर दृष्टि दोष का निवारणः
निवारणः- इस दोष में लेंस की फोकस दूरी अधिक हो जाती है। जिससे लेंस की अभिसारी क्षमता कम हो जाती है। अतः इस दोष के निवारण के लिए ऐसा लेंस प्रयुक्त करना चाहिए जो नेत्र की अभिसारी क्षमता को बढ़ा दे अर्थात् उत्तल लेंस प्रयुक्त किया जाता है।
MP
BOARD CLASS 10 science notes
दूर दृष्टि दोष से क्या तात्पर्य है इसका निवारण कैसे किया जा सकता है?
दूर दृष्टि दोष के कारणः यह रोग निम्न में से एक कारण से हो सकता है। (1) लेंस से रेटिना की दूरी कम हो जाए अर्थात् नेत्र के गोले की त्रिज्या कम हो जाए। (2) लेंस के पृष्ठो की वक्रता कम हो अर्थात् लेंस पतला हो जाए जिससे उसकी फोकस दूरी बढ़ जाए। निवारणः- इस दोष में लेंस की फोकस दूरी अधिक हो जाती है।
दूर दृष्टि दोष से क्या तात्पर्य है इसका निवारण किस प्रकार किया जा सकता है ?` Doubtnut com?
(2) अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी का कम हो जाना। <br> दूर-दृष्टि दोष को दूर करना-इस दोष को दूर करने के लिए उत्तल लेंस का प्रयोग किया जाता है। इस लेंस के प्रयोग से निकट बिंदु से आने वाली प्रकाश किरणें किसी दूर के बिंदु से आती हुई प्रतीत होती हैं तथा निकट पड़ी वस्तुएँ स्पष्ट दिखाई देने लगती हैं।
दूर दृष्टिदोष क्या है इसे कैसे सुधार किया जा सकता है?
दूरदृष्टि-दोष को चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस से सुधारा जा सकता है जो आँखों में जाते समय प्रकाश किरणों के मुड़ने का तरीका बदल देते हैं। यदि आपके चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस के प्रिसक्रिप्शन की शुरुआत धनात्मक संख्याओं से होती है, जैसे +2.50, तो आपको दूरदृष्टि-दोष है।
निकट दृष्टि दोष और दूर दृष्टि दोष क्या है इन के कारण और निवारण कीजिए?
निकट-दृष्टि दोष में नेत्र का दूर बिन्दु अनन्त से कम दूरी पर हो जाता है। आँख के इस दोष को दूर करने के लिए ऐसे अवतल लेंस का उपयोग किया जाता है कि अनन्त पर रखी वस्तु से चलने वाली किरणें इस लेंस से निकलने पर नेत्र के दूर बिन्दु से चली हुई प्रतीत हो। तब ये किरणें नेत्र लेंस से अपवर्तित होकर दृष्टि पटल पर मिलती हैं।