विफलता को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं - viphalata ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun se hain

विफलता लक्ष्य की प्राप्ति न होने की स्थिति है। असफलता राज्य या वांछनीय या इच्छित उद्देश्य को पूरा करने की स्थिति नहीं है, और इसे सफलता के विपरीत माना जा सकता है। उत्पाद की विफलता उत्पाद की फ्रैक्चर को बेचने में असफलता से होती है, सबसे खराब मामलों में व्यक्तिगत चोट, फॉरेंसिक इंजीनियरिंग प्रान्त। असफलता के मानदंड भारी उपयोग के संदर्भ पर निर्भर हैं, और किसी विशेष पर्यवेक्षक या विश्वास प्रणाली के सापेक्ष हो सकते हैं। किसी एक को विफलता माना जाने वाला एक स्थान दूसरे की सफलता, विशेष रूप से प्रत्यक्ष प्रतिस्पर्धा या शून्य-योग गेम के मामलों में माना जा सकता है इसी तरह, किसी स्थिति में सफलता या असफलता की डिग्री अलग-अलग पर्यवेक्षक या प्रतिभागियों द्वारा अलग-अलग देखे जा सकते हैं, ऐसी स्थिति जिसे एक विफलता मानता है, दूसरा एक सफल, एक योग्यता या तटस्थ स्थिति का विचार करता है। यह पता लगाना भी मुश्किल या असंभव हो सकता है कि क्या स्थिति उन मापदंडों की अस्पष्ट या बीमार परिभाषा के कारण विफलता या सफलता के लिए मानदंडों को पूरा करती है या नहीं। किसी स्थिति की सफलता या विफलता का न्याय करने के लिए उपयोगी और प्रभावी मानदंड, या सिद्धांतों का पता लगाना, एक महत्वपूर्ण कार्य हो सकता है। मूल्यांकनकर्ताओं के दृष्टिकोण से असफलता को अलग-अलग माना जा सकता है एक व्यक्ति जो केवल किसी गतिविधि के अंतिम परिणाम में दिलचस्पी लेता है, यह मूल निष्कर्ष विफल होने पर विचार करेगा, यदि मुख्य मुद्दे का समाधान नहीं किया गया है या मुख्य आवश्यकता पूरी नहीं हुई है। एक असफलता एक प्रक्रिया विफलता भी हो सकती है, हालांकि गतिविधि सफलतापूर्वक पूरी हो जाती है, अगर कोई व्यक्ति अपेक्षाकृत मानक या बेंचमार्क से कम माना जाता है तो एक व्यक्ति अभी भी असंतुष्ट महसूस कर सकता है। १)पूर्वानुमान करने में विफलता २)समझने में विफलता ३)एक कार्य करने में विफलता हारने वाला व्यक्ति ऐसे व्यक्ति के लिए अपमानजनक शब्द है जो (पर्यवेक्षक के मानकों के अनुसार) आम तौर पर असफल या अवांछनीय है।[1] एक वाणिज्यिक विफलता एक उत्पाद है जो सफलता की अपेक्षाओं तक नहीं पहुंचता है। नीचे सूचीबद्ध अधिकांश मदों में उच्च उम्मीदें, महत्वपूर्ण वित्तीय निवेश, और / या व्यापक प्रचार था, लेकिन सफलता से बहुत कम गिर गया "सफलता" और "बैठक की उम्मीदों" की व्यक्तिपरक प्रकृति के कारण, "प्रमुख फ्लॉप" का गठन करने वाले के बारे में असहमति हो सकती है।

Show
  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 12 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मई 2017.

वैसे तो असफलता के कारण कई हो सकते हैं। जिनमे से 20 वजह ऐसी है जो हमें असफल बना सकती हैं। इन वजहों को दूर कर हम अपनी सफलता की राह में बांधा बनने वाले ब्रेको को हटा सकते हैं। सफलता और असफलता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं अगर आज खुशियां है तो आने वाले कल में दुख के लिए भी तैयार रहिए, क्योंकि जीवन इसी का नाम है।

विफलता को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं - viphalata ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun se hain
असफलता के कारण

Contents

  • असफलता के कारण
    • 1. खतरे उठाने से बचना
    • 2. लगातार कोशिश की कमी
    • 3. इच्छा फौरन पूरी करने की चाह
    • 4. प्राथमिकताएं तय न करना
    • 5. शॉर्टकट की तलाश
    • 6. स्वार्थ और लालच
    • 7. दृढ़ विश्वास की कमी
    • 8. कुदरत के नियमों को ना समझना
    • 9. योजना बनाने और तैयारी करने की अनिच्छा
    • 10. बहाने बनाना
    • 11. पिछली गलतियों से सीख न लेना
    • 12. अवसर को ना पहचान पाना
    • 13. डर
    • 14. प्रतिभा का उपयोग ना कर पाना
    • 15. अनुशासन की कमी
    • 16. आत्मसम्मान की कमी
    • 17. ज्ञान की कमी
    • 18. भाग्यवादी नजरिया
    • 19. उद्देश्य की कमी
    • 20. साहस की कमी
  • सफलता हासिल करने के लिए कुछ सबक

असफलता के कारण

1. खतरे उठाने से बचना

सफलता पाने के लिए सोच समझ कर खतरे भी उठाने पड़ते हैं। खतरे उठाने का मतलब बेवकूफी भरा जुआ खेलना और गैर जिम्मेदारी बरतना नहीं होता कई बार लोग गैर जिम्मेदारी पूर्ण और उटपटांग कामों को करना भी खतरे उठाना मान लेते हैं। इस वजह से जब बुरे नतीजे मिलते हैं तो वे अपनी किस्मत को दोष देते हैं। जो असफलता के कारण में से एक है।

विफलता को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं - viphalata ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun se hain
असफलता के कारण

खतरे का मतलब अलग-अलग इंसान के लिए अलग-अलग हो सकता है और जहां ट्रेनिंग का नतीजा भी होती है। पहाड़ पर चढ़ना किसी प्रशिक्षित व्यक्ति और किसी ने सीखने वाले दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। लेकिन प्रशिक्षित व्यक्ति के लिए इसे गैर जिम्मेदारी भरा खतरा नहीं माना जा सकता। जिम्मेदारी ढंग से खतरे उठाने के लिए ज्ञान, शिक्षण, ध्यान पूर्वक अध्ययन, आत्मविश्वास और काबिलियत की जरूरत होती है।

खतरा सामने होने पर यह चीजें हमको उसका सामना करने की हिम्मत देती है। खतरा ना उठाने वाला आदमी कोई गलती भी नहीं करता लेकिन कोशिश ना करना कोशिश करके असफल होने से भी बड़ी गलती है। कई लोगों में फैसला ना ले ले पाने की आदत बन जाती है और यह छुआछूत बीमारी की तरह फैलती है। ऐसे लोग फैसला ना ले पाने के कारण कई अवसरों से हाथ धो बैठते हैं। खतरे उठाइए पर जुआ मत खेलिए, खतरे उठाने वाले अपने आंखें खुली करके आगे बढ़ते हैं, जबकि जुआ खेलने वाले अंधेरे में तीर चलाते हैं। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

2. लगातार कोशिश की कमी

विफलता को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं - viphalata ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun se hain
असफलता के कारण

यह असफलता के कारण में द्वितीय स्थान पर है। जब मुश्किलों पर काबू पाना नामुमकिन लगता है, तो भागना सबसे आसान तरीका नजर आता है। यह बात हर शादी नौकरी और रिश्ते पर लागू होती है। जीतने वाले चोट भले ही खाएं लेकिन मैदान नहीं छोड़ते हम सबको जिंदगी में ठोकर लगती हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम असफल है।

ज्यादातर लोग जानकारियां प्रतिभा की कमी की वजह से नहीं बल्कि कोशिश बंद कर देने की वजह से असफल होते हैं। सफलता का पूरा राज इन दो खूबियों में छिपा हुआ है- आत्मविश्वास और प्रतिरोध। जिन कामों को करना चाहिए उनके बारे में आत्मविश्वास दिखाएं और जिन्हें नहीं करना चाहिए उनका प्रतिरोध करें।

3. इच्छा फौरन पूरी करने की चाह

असफलता के कारण में से एक यह भी है जिसमे कई लोग रातों-रात लाखों, करोड़ों कमाना चाहते हैं। इस वजह से आजकल लाटरी का धंधा काफी फल-फूल रहा है। हम इच्छाएं झटपट पूरी करने के दौर में जी रहे हैं। आजकल हम को जगाने से लेकर सुलाने तक के लिए यानी हर काम के लिए एक गोली मौजूद है। लोग एक गोली खाकर अपनी दिक्कतों से छुटकारा पाना चाहते हैं। इसी तरह करोड़पति बनने के लिए लोग अपनी ईमानदारी का गला घोट कर शॉर्टकट अपनाने से नहीं हिचकते। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

इच्छा फौरन पूरी करने की चाह रखने वाले उसके नतीजों के बारे में नहीं सोचते। आज की पीढ़ी अच्छी खुराक उसे मानती है। जिसके खाने से वजन 5 पाउंड घट जाए ऐसे लोग हैं। जो और ज्यादा जन्मदिन मनाने के बजाय और ज्यादा तो फिर चाहते हैं। अगर आप कल के बारे में सोचने के बजाय केवल आज के बारे में सोचते हैं तो यह दौर देसी नहीं है। सीमित सोच के सारे आप कोई लक्ष्य कायम नहीं कर सकते। जल्दबाज़ी असफलता का बहुत ख़तरनाक कारण है। इसपर ध्यान दो लेकिन एक लिमिट तक ।

4. प्राथमिकताएं तय न करना

लोग प्राथमिकताओं की अदला बदली करते हैं जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर रिश्ते निभाने के लिए वह समय और स्नेह का मुआवजा पैसों और तोहफा से चुकाना चाहते हैं। कुछ लोगों को अपने बीवी बच्चों के साथ हिल मिलकर वक्त गुजारने के बजाय अपनी गैर हाजरी का हर्जाना चीजें खरीद कर चुकाना अधिक आसान लगता है। असफलता के कारण

अपनी प्राथमिकताएं तय ना कर पाने के कारण हम वक्त बर्बाद करते हैं। हम यह नहीं समझ पाते कि वक्त की बर्बादी का मतलब जीवन की बर्बादी है। प्राथमिकताएं तय करने के लिए खुद को अनुशासित करना पड़ता है। इससे हम वह कर पाएंगे जो जरूरी है, वनस्पति वह जिसे हम करना चाहते हैं या जो हमें अच्छा लगता है। हम किसी काम को दिल से करने के बजाय उसकी हार जीत को ज्यादा वजन देते हैं।

5. शॉर्टकट की तलाश

विफलता को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं - viphalata ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun se hain
असफलता के कारण

अपने बगीचे से घास फूस की सफाई करने के दो तरीके हैं। आसान तरीका यह है कि- घास काटने वाली मशीन का इस्तेमाल किया जाए इससे बगीचे कुछ देर के लिए अच्छा दिखेगा। लेकिन यह समस्या का स्थाई हल है जल्द ही घास फिर आएगी। दूसरा थोड़ा मुश्किल तरीका यह है कि- घुटनों के बल झुक कर अपने हाथ से घास को जड़ से निकाले यह तरीका समय लेने वाला और तकलीफ देय है। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

लेकिन इसे अपनाने से घास लंबे समय तक नहीं उगेगी। पहला तरीका आसान लगता है लेकिन उसे अपनाने से समस्या बनी रहती है। दूसरा तरीका उतना आसान नहीं है, लेकिन वह समस्या को जड़ से खत्म करता है। महत्वपूर्ण बात यह है, कि समस्या को जड़ से मिटाया जाए जिंदगी में हमारे नजरिए के बारे में भी यही बात लागू होती है। कुछ लोग अपने अंदर की कड़वाहट और नाराजगी का इजहार करते रहते हैं और यह नजरिया उनकी जिंदगी में बार-बार जाहिर होता रहता है।

आज लोगों की समस्या यह है कि वह हर मसले का हल फौरन करना चाहते हैं, वे हर चीज का समाधान 1 मिनट में चाहते हैं। तुरंत हासिल होने वाली काफी की तरह वह फौरन हासिल होने वाली खुशियां भी चाहते हैं लेकिन ऐसा कोई फार्मूला नहीं है इस तरह का नजरिया बाद में निराशा को जन्म देता है। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

6. स्वार्थ और लालच

स्वार्थी नजरिया रखने वाले लोगों और संगठनों को पनपने का कोई हक नहीं है। वह दूसरों के हितों की परवाह किए बिना आगे बढ़ने की सोचते हैं। लालची आदमी हमेशा और अधिक पाने की चाह रखता है। जरूरतें पूरी की जा सकती है, लेकिन लालच नहीं। यह मन का कैंसर होती है। लालच रिश्तो को नष्ट कर देता है। लालच आत्मसम्मान की कमी की वजह से पैदा होता है। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

इस सफलता को पाने की कोशिश में वह कितनी बार असफल हुआ है, यह कोई जानना नहीं चाहता। जबकि असफलता का सामना करे बिना शायद ही कोई सफल होता है।

7. दृढ़ विश्वास की कमी

जिन लोगों में दृढ़ विश्वास की कमी होती है वे बीच का रास्ता अपनाते हैं। जरा अंदाज लगाइए कि सड़क के बीच में चलने वालों का क्या हश्र होता है। लोग उन्हें को कुचलते हुए आगे बढ़ जाते हैं। दृढ़ विश्वास ना रखने वाले लोग किसी बात पर अड़ नहीं पाते हैं। आत्मविश्वास और साहस की कमी की वजह से वे लोगों के साथ में बने रहने के लिए उनका साथ निभाते हैं वे उनकी सोहबत यह जानते हुए भी कबूल कर लेते हैं कि वह गलत कर रहे हैं।

कुछ लोग खुद को यह सोचकर बेहतर मानते हैं कि वह गलत काम का समर्थन नहीं करते। पर उनमें विरोध करने का साहस नहीं होता। किसी काम के गलत होने के अहसास के बावजूद उनका विरोध ना करना, दरअसल उस काम का समर्थन करना ही है। सिर्फ़ इसी एक कारण से असफलता को सफलता में बदला है। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

8. कुदरत के नियमों को ना समझना

सफलता उसूलों का नाम है, और यह उसूल कुदरत के हैं। बदलाव कुदरत का उसूल है। हम या तो आगे बढ़ रहे हैं या पीछे हट रहे हैं। हम या तो काम बना रहे हैं या काम बिगाड़ रहे हैं। स्थाई की कोई गुंजाइश नहीं होती। अगर हम किसी बीज को पेड़ बनने के लिए नहीं बोलेंगे तो वह सड़ जाएगा। आप चाहे या ना चाहे बदलाव तो होना ही है और होकर रहेगा।

हर तरक्की बदलाव का नतीजा होता है पर जरूरी नहीं कि हर बदलाव की वजह से तरक्की हो। हमें बदलाव का जायजा लेना चाहिए और उन्हें तभी कबूल करना चाहिए। जब वह वाजिब लगे इसी चीज को जांचे बिना कबूल कर लेना आदमी के ढला स्वभाव को दर्शाता है। ऐसा करना आत्मविश्वास और आत्मसम्मान की कमी की निशानी है।

परंपरा के बारे में काफी कुछ कहा जा सकता है। केवल तरक्की के लिए तरक्की करना एक तरह की कैंसर ग्रस्त सोच है। यह चारों ओर फैल रही नकारात्मकता है, यह तरक्की नहीं बर्बादी है। सही मायने में तरक्की के लिए उसका सकारात्मक होना जरूरी है। सफलता किस्मत से नहीं कुछ नियमों का पालन करने से मिलती है। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

9. योजना बनाने और तैयारी करने की अनिच्छा

आत्मविश्वास तैयारी से ही पैदा होती है। तैयारी का मतलब है, योजनाबद्ध ढंग से अभ्यास करना। जीतने वाले खुद पर दबाव बनाए रखते हैं। यह तैयारी दबाव जीत की चिंता किए बिना की जाने वाली तैयारी का होता है। अगर हमारी तैयारी खराब है, तो हमारा खेल भी खराब होगा, क्योंकि हम वैसा ही खेलते हैं, जैसी हमारी तैयारी होती है। सफलता और असफलता के बीच उतना ही अंतर होता है जितना कि सही और लगभग सही के बीच होता है।

तैयारी ना होने से ही दबाव महसूस होता है। तैयारी अभ्यास और कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है। केवल मन की इच्छाओं और अभिलाषा से कोई नतीजा नहीं निकलता, हमको मुकाबले में बढ़त तैयारी ही दिला सकती है। अगर हमने तैयारी नहीं की है तो खुद को लाचार महसूस करेंगे। जैसे पानी अपना रास्ता खुद तलाश लेता है। वैसे ही सफलता उन लोगों तक पहुंचने का रास्ता तलाश लेती है जिन्होंने तैयारी की होती है। कमजोर कोशिशों से कमजोर नतीजे मिलते हैं। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

10. बहाने बनाना

जीतने वाले बारीकी से जांच फर्क तो करते हैं, पर बहाने नहीं बनाते हैं। बहाने बनाना हारने वालों की आदत होती है। हारने वालों के पास अपनी नाकामयाबी की वजह बताने वाले वाहनों की पूरी किताब होती है। किसी आदमी का सफल होना इन दो बातों पर निर्भर होता है- वजह और नतीजे वजह पर को ध्यान नहीं देता, पर नतीजे मायने रखते हैं। बहाने बनाने से इंसान असफलता की ओर बढ़ता जाता है। कई बार व्यक्ति को कार्य को करने में बहुत मेहनत करता है लेकिन उसे सफलता नहीं मिलती। असफलता के कारण

सफल लोग बहाने नहीं बनाते।अगर हम असफल होना चाहते हैं, तो हमारे लिए सबसे अच्छी सलाह है कि “ना तो सोचिए, ना कुछ पूछिए, और ना ही कुछ सुनिए।”

11. पिछली गलतियों से सीख न लेना

विफलता को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं - viphalata ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun se hain
असफलता के कारण

इतिहास से सबक ना लेने वाले लोग नष्ट हो जाते हैं। अगर हमारा नजरिया सही हो तो हम अपनी गलतियों से सीखते हैं। असफलता सफर का अंत नहीं महज भटकाव होती है। यह देर की वजह बन सकती है, हार कि नहीं। सच बात तो यह है कि अपनी गलतियों से हमें तजुर्बा हासिल होता है।

कुछ लोग सीखते हुए जीते हैं और कुछ लोग केवल जीते हैं। अक्लमंद लोग अपनी गलतियों से सीखते हैं, अधिक अक्लमंद लोग दूसरों की गलतियों से सीखते हैं। हमारी जिंदगी इतनी लंबी नहीं होती कि हम केवल अपनी गलतियां से सीखते हैं।

12. अवसर को ना पहचान पाना

अवसर बाधाओं का रूप धर कर भी आ सकते हैं। इसलिए बहुत सारे लोग उन्हें पहचान नहीं पाते। याद रखिए, बाधा जितनी बड़ी होगी अवसर भी उतना ही बड़ा होगा। अवसर को ना पहचान पाना असफलता का एक कारण हो सकता है। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

असफलता  से ही मिलती है सफलता 
असफलता ही सफलता की पहली सीढ़ी हैं।
Failure is the first step to success

13. डर

विफलता को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं - viphalata ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun se hain
असफलता के कारण

डर वास्तविक हो सकता है, और काल्पनिक भी। डरा हुआ इंसान अटपटे काम करता है। डर की बुनियादी वजह नासमझी होती है। डर कर जीना भावनाओं की कैद में जीने के समान है।

डर असुरक्षा की भावना आत्मविश्वास की कमी और बहानेबाजी की आदत को जन्म देता है, या हमारी क्षमता और योग्यता को नष्ट कर देता है। डरा हुआ इंसान स्पष्ट ढंग से सोच नहीं पाता डर तो और सेहत को नष्ट कर देता है। असफलता से भी अधिक बुरा असफलता का डर होता है आदमी के साथ घटित होने वाली सबसे बुरी चीज असफलता नहीं होती।

कोशिश ना करने वाले लोग प्रयत्न करने से पहले ही असफल हो जाते हैं. बच्चे जब चलना सीखते हैं, तो बार-बार गिरते हैं। लेकिन उनके लिए वह असफलता नहीं बल्कि सीख होती है। असफलता के कारण, अगर वह मायूस हो जाए तो कभी चल नहीं पाएंगे, घुटनों के बल बैठकर डरी हुई जिंदगी जीने से अपने पैरों पर खड़ा होकर मरना ज्यादा बेहतर होता है। डरने से असफलता और अधिक बढ़ती चली जाती है। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

14. प्रतिभा का उपयोग ना कर पाना

अल्बर्ट आइंस्टीन का कहना था,” मुझे लगता है कि मैंने जिंदगी में अपनी केवल 25% बौद्धिक क्षमता का उपयोग किया।” ज्यादातर लोगों की जिंदगी का सबसे दुखद पहलू या होता है कि वह अपने मन में कुछ करने की इच्छा लिए हुए ही मर जाते हैं। असफलता के कारण

जीवित होते हुए भी वे जिंदगी को जी नहीं सके वे इस्तेमाल होने की वजह से नहीं बल्कि जंग लगने की वजह से मरे मैं खुद में जंग लगवाने के बजाय इस्तेमाल होना ज्यादा पसंद करूंगा। जिंदगी में सबसे दुखद सब यह होते हैं मुझे यह करना चाहिए था। खाली बैठने और इंतजार करने में बहुत फर्क है। खाली बैठने का मतलब है- बेकारी और निकम्मापन, जबकि धैर्य और इंतजार करना एक सोचा समझा फैसला है, यह एक क्रम है और इसमें लगातार कोशिश और दृढ़ता शामिल है। प्रतिभा होना और उपयोग ना कर पाना एक वनोद की बात है।

विफलता को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं - viphalata ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun se hain
असफलता के कारण

15. अनुशासन की कमी

अनुशासन हीन लोग हर काम करने की कोशिश करते हैं। लेकिन उनमें किसी भी काम को करने का संकल्प नहीं होता। कुछ तथाकथित उदार चिंतकों ने अनुशासनहीनता को स्वतंत्रता माना है। लेकिन किसी विमान में बैठते वक्त मैं यही चाहूंगा, कि उसका पायलट अनुशासित हो। वह उन कामों को करें, जिनकी उससे उम्मीद की जाती है।लगातार कोशिश की कमी अनुशासन की कमी का नतीजा होती है।

अनुशासित रहने के लिए आत्म नियंत्रण एवं त्याग की आवश्यकता होती है, तथा भटकना और लालच से बचना पड़ता है। इसका मतलब यह होता है कि हम लक्ष्य पर ध्यान लगाएं। भाप इंजन को तब तक नहीं खींच सकती जब तक उसे एक दायरे में सीमित ना कर दिया जाए। नियाग्रा फॉल से बिजली तब नहीं बनाई जा सकती जब तक कि उसे बांधा ना जाए। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

अनियमित कड़ी मेहनत से कहीं बेहतर है। नियमित रूप से की गई थोड़ी सी भी कोशिश, जो अनुशासन से आती है। अनुशासन और पछतावा दोनों ही दुखदायक हैं। ज्यादातर लोगों को इन दोनों में से किसी एक को चुनना होता है। जरा सोचिए इन दोनों में से कौन ज्यादा तकलीफदेह है। जिन बच्चों को बिना अनुशासन के काफी आजादी देकर पाला जाता है। आमतौर पर बड़े होकर ना तो अपनी इज्जत करते हैं, और ना ही मां-बाप और समाज की परवाह करते हैं। वे जिम्मेदारियां कबूल नहीं करना चाहते। अनुशासन की कमी असफलता की ओर ले जाता है।

16. आत्मसम्मान की कमी

अगर कोई इंसान खुद की इज्जत नहीं करता और अपनी अहमियत महसूस नहीं करता तो उसमें स्वाभाविक रूप से आत्मसम्मान की कमी होती है। ऐसा इंसान ना तो अपनी इज्जत करता है, और ना ही दूसरों की। उसकी शख्सियत की ड्राइविंग सीट पर अहंकार बैठ जाती है। वह फैसले कोई फायदे का काम करने के लिए नहीं बल्कि अपने अहंकार को संतुष्ट करने के लिए लेता है।

विफलता को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं - viphalata ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun se hain
असफलता के कारण

जिन लोगों में आत्मसम्मान की कमी होती है। वह लगातार अपनी पहचान की तलाश करते रहते हैं। वे खुद को ढूंढते रहते हैं। शख्सियत कहीं पढ़ा हुआ नहीं मिलता उसे बनाना पड़ता है। बहानेबाजी की आदत निकम्मामापन और आलसीपन आत्मसम्मान की कमी का ही नतीजा होता है। निकम्मापन उस जंग की तरह है जो बढ़िया से बढ़िया लोहे को भी खा जाता है। इसका असफलता में एक अपना स्थान है। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

17. ज्ञान की कमी

अपने अज्ञानता के दायरों को जानना ही ज्ञान प्राप्त की दिशा में पहला कदम है। इंसान जितना ज्यादा ज्ञान प्राप्त करता है, उसे अपनी अज्ञानता के क्षेत्रों का अनुभव भी उतना ही ज्यादा होता है। अगर कोई इंसान यह समझता है कि उसे सब कुछ मालूम है, तो उसे सीखने की सबसे ज्यादा जरूरत है।

अज्ञानी लोग नहीं जानते कि वह अज्ञानी है उन्हें अपने अज्ञान का अहसास ही नहीं होता। दरअसल अज्ञान से भी बड़ी समस्या ज्ञानी होने का भ्रम है। इसकी वजह यह है कि अगर हम कोई चीज नहीं जानने के बावजूद उसे जानने का भ्रम पाल लेते हैं, तो गलत फैसले लेने लगते हैं। यह असफलता को 20% सुनिश्चहित कर है। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

विफलता को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं - viphalata ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun se hain
असफलता के कारण

18. भाग्यवादी नजरिया

भाग्यवादी नजरिए वाले लोग उनके हालात की वजह से जन्म लेने वाली जिम्मेदारियों को कबूल करने से कतराते हैं। वह सफलता और असफलता दोनों को भाग्य की देन मानते हैं। वह सब कुछ भाग्य पर छोड़ देते हैं। वह अपनी कुंडली या सितारों द्वारा पहले से ही लिखी गई तकदीर को मंजूर कर लेते हैं। वह मान लेते हैं कि लाख कोशिश करने के बावजूद होगा वही, जो किस्मत में लिखा है।

इसलिए वे कोई कोशिश ही नहीं करते और आत्म संतुष्टि उनकी जिंदगी के जीने का तरीका बन जाती है। बे खुद कुछ कर गुजरने के बजाय कुछ घटित होने का इंतजार करते रहते हैं। किसी भी असफल आदमी से पूछिए तो वह यही कहेगा कि कामयाबी तो किस्मत से मिलती है।

भाग्यवादी लोग अंधविश्वासों के चंगुल में फंस जाते हैं। कुछ लोग खरगोश के पांव को सौभाग्य हिलाने वाला मानते हैं, वे यह नहीं समझ पाते कि वह पाव खुद खरगोश के लिए भाग्यशाली साबित नहीं हुआ। अगर हम असफल होना चाहते हैं, तो भाग्य में विश्वास कीजिए और सफल होना चाहते हो, तो वजह और नतीजे के सिद्धांत में विश्वास कीजिए इस तरह हम अपनी किस्मत खुद बनाएंगे। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

भाग्यवादी नजरिए से उभरने का केवल एक ही तरीका है कि हम जिम्मेदारियां कबूल करें और किस्मत पर यकीन करने के बजाय वजह और नतीजे के सिद्धांत में विश्वास करें। जिंदगी में कोई लक्ष्य, इंतजार, चाहत और अचंभित होकर सोच विचार करते रहने से नहीं बल्कि काम तैयारी और योजना से हासिल होता है। अच्छी किस्मत तभी हासिल होती है, जब तैयारी और अवसर का मेल हो। कोशिश और तैयारी के बिना अच्छे संयोग घटित नहीं होते। यह असफलता को 10% तक और बढ़ा देता है।

मैं जितनी कड़ी मेहनत करता हूं, भाग्य के उतने ही करीब पहुंच जाता हूं।

सैमुअल गोल्ड विन
विफलता को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं - viphalata ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun se hain
असफलता के कारण

19. उद्देश्य की कमी

अगर हम ऐसे लोगों की कहानियां पड़े जिन्होंने अपनी गंभीर किस्म की असमर्थताओं पर विजय प्राप्त की तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि प्रबल इच्छा कि उनकी प्रेरणाशक्ति थी। उनकी जिंदगी में कोई उद्देश्य था वह अपने आप को भरोसा दिलाना चाहते थे कि सफलता सारी बाधाओं के बावजूद हासिल की जा सकती है, और उन्होंने ऐसा कर दिखाया इच्छाशक्ति के बल पर ही लकवे की शिकार विल्मा रूडोल्फ ने 1960 कि ओलिंपिक दौड़ में सबसे तेज दौड़ कर सोने की तीन तमगे हासिल की। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

जब लोग उद्देश्य हिन और दिशाहीन होते हैं, तो उन्हें कोई अवसर नहीं दिखाई देता। जब किसी इंसान में कोई काम पूरा करने की इच्छा लक्ष्य की और बढ़ने की सही दिशा का ज्ञान लक्ष्य के प्रति समर्पण और कड़ी मेहनत करने के लिए अनुशासन की भावना होती है, तो सफलता उसके कदम चुनती है। अगर हमारे पास लक्ष्य और सही दिशा का ज्ञान नहीं है, तो हमारे पास और कोई भी खूबी हो हम सफल नहीं होगे। चरित्र की बुनियाद पर ही हर चीज की होती है। यह टिकाऊ होता है।

20. साहस की कमी

विफलता को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं - viphalata ko prabhaavit karane vaale kaarak kaun se hain
असफलता के कारण

सफल लोग चमत्कार घटित होने या कोई काम आसानी से हो जाने की आशा नहीं करते। वे रुकावट पर काबू पाने की हिम्मत और ताकत हासिल करते हैं। वे इस पर ध्यान नहीं देते कि उन्होंने क्या गवा दिया है, बल्कि इस पर ध्यान देते हैं कि उनके पास क्या बचा हुआ है। इच्छाए साकार नहीं होती, पर दृढ़ विश्वास पर टिके हुए भरोसे और उम्मीदें पूरी हो जाती है। प्रार्थनाएं तभी स्वीकार की जाती है, जब साहस के साथ काम भी किया जाए। साहस और चरित्र, इन दोनों का मेल कामयाबी हासिल करने का एक अहम नुस्खा है। आम और खास लोगों के बीच यही फर्क होता है। आप असफलता के कारण Hindibag पर पढ़ रहे हैं।

हमारा मन जब साहस से बड़ा होता है तो हम अपने डर को भूल जाते हैं और रास्ते की रुकावट पर काबू पा लेते हैं। साहस का मतलब डर का ना होना नहीं बल्कि डर को जीतना है। साहस के बिना चरित्र बेअसर होता है। दूसरी और चरित्र के बिना साहस, जुल्म का रूप ले लेता है।

विफलता

सफलता हासिल करने के लिए कुछ सबक

जीवन में असफलता के कारण पता लगाकर सफलता हासिल करने के लिए निम्न नियम अपनाने चाहिए।

  • हारने के लिए नहीं, बल्कि जीतने के लिए खेलें।
  • दूसरों की गलतियों से सीखे।
  • ऊंचे चरित्र वाले लोगों से संबंध रखें।
  • जितना पाते हैं, उससे अधिक दें।
  • बिना कुछ दिए, कुछ पाने की उम्मीद ना रखे।
  • हमेशा दूर की सोचे।
  • अपने मजबूत पहलुओं को जाने, और उनकी बुनियाद पर अपना विकास करें।
  • फैसला लेते समय हमेशा हालात की व्यापक तस्वीर को ध्यान में रखे।
  • अपनी सच्चाई के साथ कभी समझौता ना करें।

विफलता को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?

असफलता के कारण.
खतरे उठाने से बचना.
लगातार कोशिश की कमी.
इच्छा फौरन पूरी करने की चाह.
प्राथमिकताएं तय न करना.
शॉर्टकट की तलाश.
स्वार्थ और लालच.
दृढ़ विश्वास की कमी.
कुदरत के नियमों को ना समझना.

विफलता क्या है असफलता से सीखने वाले कारकों की व्याख्या कीजिए?

विफलता लक्ष्य की प्राप्ति न होने की स्थिति है। असफलता राज्य या वांछनीय या इच्छित उद्देश्य को पूरा करने की स्थिति नहीं है, और इसे सफलता के विपरीत माना जा सकता है। उत्पाद की विफलता उत्पाद की फ्रैक्चर को बेचने में असफलता से होती है, सबसे खराब मामलों में व्यक्तिगत चोट, फॉरेंसिक इंजीनियरिंग प्रान्त।

विफलता का मतलब क्या होता है?

विफलता का हिंदी अर्थ विफल होने की अवस्था या भाव; असफलता; नाकामयाबी।

लोग असफल क्यों हो जाते हैं?

अधिकांश लोग इसलिए असफल नहीं होते कि उनमें योग्‍यता नहीं होती बल्कि कुछ सामान्‍य बातों का ख्‍याल नहीं रखने के कारण असफल होते हैं। जानेंगे इनके बारे में... असफलता को स्‍वीकारना सफलता की तरफ कदम बढ़ाने की पहली शर्त है। कोई शक नहीं कि असफल होने से अक्‍सर आप टूट जाते हैं, भले ही वह अधिक या फिर कम समय के लिए हो