श्रीकृष्ण के मथुरा चले जाने पर गोपियाँ पहले से विरहाग्नि में जल रही थीं। वे श्रीकृष्ण के प्रेम-संदेश और उनके आने की प्रतीक्षा कर रही थीं। ऐसे में श्रीकृष्ण ने उन्हें योग साधना का संदेश भेज दिया जिससे उनकी व्यथा कम होने के बजाय और भी बढ़ गई । इस तरह उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेशों ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम किया। Show उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम कैसे किया? गोपियाँ इसी दिन के इंतज़ार में अपने जीवन की एक-एक घड़ी को काट रही हैं कि श्री कृष्ण हमसे मिलने का वादा करके गए हैं। वे इसी इंतजार में बैठी हैं कि श्री कृष्ण उनके विरह को समझेंगे, उनके प्रेम को समझेंगे और उनके अतृप्त मन को अपने दर्शन से तृप्त करेंगे। परन्तु यहाँ सब उल्टा होता है। श्री कृष्ण तो द्वारका जाकर उन्हें भूल ही गए हैं। उन्हें न तो उनकी पीड़ा का ज्ञान है और न ही उनके विरह के दु:ख का। बल्कि उद्धव को और उन्हें समझाने के लिए भेज दिया है, जो उन्हें श्री कृष्ण के प्रेम को छोड़कर योग साधना करने का भाषण दे रहा है। यह उनके दु:ख को कम नहीं कर रहा अपितु उनके हृदय में जल रही विरहाग्नि में घी का काम कर उसे और प्रज्वलित कर रहा है। Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A) Is there an error in this question or solution? उद्धव के द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गोपियों की विरह अग्नि में घी का काम कैसे किया?उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम कैसे किया? Solution : ब्रज की गोपियाँ इस प्रतीक्षा में बैठी थीं कि देर-सवेर कृष्ण उनसे मिलने अवश्य आएंगे, या अपना प्रेम-संदेश भेजेंगे। इसी से वे तृप्त हो जाएंगी। इसी आशा के बल पर वे वियोग की वेदना सह रही थीं।
गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम कैसे किया?उत्तर: गोपियाँ कृष्ण के जाने के बाद विरह की अग्नि में जल रही हैं। वे कृष्ण के आने का इंतजार कर रही थीं कि उनके बदले में उद्धव आ गए। उद्धव उनके पास अपने मन पर नियंत्रण रखने की सलाह लेकर पहुँचे हैं। कृष्ण के बदले में उद्धव का आना और उनके द्वारा मन पर नियंत्रण रखने की बात ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम किया है।
उद्धव ने गोपियों को प्रेम का संदेश न देकर योग का सींदेश क्यों हदया?(कृष्ण / उद्धव) 8.
गोपियों ने उद्धव को योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है?उत्तर 1-7: गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा ऐसे लोगों को देने की बात कही है जिनका मन चंचल है और इधर-उधर भटकता है। उद्धव अपने योग के संदेश में मन की एकाग्रता का उपदेश देतें हैं, परन्तु गोपियों का मन तो कृष्ण के अनन्य प्रेम में पहले से ही एकाग्र है। इस प्रकार योग-साधना का उपदेश उनके लिए निरर्थक है।
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