उत्तराखंड में लोकसभा सीटों की संख्या कितनी है? - uttaraakhand mein lokasabha seeton kee sankhya kitanee hai?

उत्तराखण्ड में लोकसभा के पाँच निर्वाचन क्षेत्र हैं, अर्थात इस राज्य से पाँच सांसद चुनकर भारतीय संसद में जाते हैं।

आवलोकन[संपादित करें]

आकार की दृष्टि से उत्तराखण्ड भारत का उन्नीसवां सबसे बड़ा राज्य है जिसका क्षेत्रफल ५३,५६६ वर्ग किमी है। यह आकार की दृष्टि से देश की राजधानी दिल्ली से लगभग सैंतीस गुणा बड़ा है लेकिन यहाँ की जनसंख्या कुल ८५ लाख (२००१) है जो दिल्ली की जनसंख्या का लगभग ६०% है। इसलिए यहाँ जनसंख्या घनत्व को देखते हुए पाँच लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • अल्मोड़ा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
  • गढ़वाल लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
  • टिहरी गढ़वाल लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
  • नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
  • हरिद्वार लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

Source : विधान सभा, उत्तराखण्ड , Last Updated on 01-11-2022

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उत्तराखंड में लोकसभा सीटों की संख्या कितनी है? - uttaraakhand mein lokasabha seeton kee sankhya kitanee hai?
उत्तराखंड में लोकसभा सीटों की संख्या कितनी है? - uttaraakhand mein lokasabha seeton kee sankhya kitanee hai?

उत्तराखंड के बारे में

उत्तराखंड (Uttarakhand Lok Sabha Elections Results 2019) में पिछले यानी 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पांचों सीटों पर जीत का परचम लहराया था. वहीं, 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने जबरदस्‍त प्रदर्शन किया था. लेकिन इस बार उत्तराखंड लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को कड़ी टक्‍कर देने के लिए कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी कोई कसर नहीं छोड़ी हैं. आपका बता दें कि उत्तराखंड चुनाव 2019 (Uttarakhand elections 2019) के लिए राज्य की सभी सीटों के लिए 11 अप्रैल को मतदान हो चुका है. 

पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की सभी पांच सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल हुई थी. बीजेपी ने चार सीटें कांग्रेस से छीन ली थीं और अपनी एक सीट बरकरार रखी थी. नैनीताल-ऊधमसिंहनगर सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी जीते. हरिद्वार में हरीश रावत की पत्नी कांग्रेस प्रत्याशी रेणुका रावत बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से हार गई थीं. पौड़ी में जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी ने जीत हासिल की. टिहरी में बीजेपी की माला राज्यलक्ष्मी शाह और अल्मोड़ा सुरक्षित संसदीय क्षेत्र में बीजेपी के अजय टम्टा जीते थे.

उत्तराखंड में अल्मोड़ा, गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, नैनीताल-ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं. उत्तराखंड की इन पांच लोकसभा सीटों में से चार अनारक्षित हैं और एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस राज्य में राज्यसभा की तीन सीटें हैं. उत्तराखंड विधानसभा में 70 सीटें हैं. इसके अलावा एक एंग्लो-इंडियन सदस्य नामांकित किया जाता है. राज्य में कुल 77 लाख 17 हजार 126 मतदाता हैं.

राज्य में साल 2017 में हुए चुनावों के बाद वर्तमान विधानसभा में 57 विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ा दल है. त्रिवेंद्र सिंह रावत सीएम हैं. उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच ही हमेशा चुनावी मुकाबला होता रहा है. हालांकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और उत्तराखंड क्रांति दल के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) भी यहां उपस्थित दर्ज कराती रही हैं.

उत्तराखंड में नित्यानन्द स्वामी, भगत सिंह कोश्यारी, नारायण दत्त तिवारी, भुवन चन्द्र खंडूरी, रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा  और हरीश रावत पूर्व में मुख्यमंत्री रहे हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत यहां के मौजूदा मुख्यमंत्री हैं.

उत्तराखंड, जिसे पूर्व में उत्तरांचल नाम दिया गया था, उत्तर भारत में स्थित है. इसका निर्माण 9 नवम्बर 2000 को कई वर्षों के आन्दोलन के बाद हुआ था. यह भारत गणराज्य का सत्ताइसवां राज्य बना. इसे सन 2000 से 2006 तक उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था. जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की मांग पर राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया. इस राज्य की सीमाएं उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं. पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से सटे राज्य हैं. सन 2000 में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था. पारम्परिक हिन्दू ग्रंथों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखंड के रूप में किया गया है. हिंदू धर्म की पवित्रतम नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल गंगोत्री और यमुनोत्री यहां हैं. इसके अलावा केदारनाथ, बद्रीनाथ समेत कई धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल उत्तराखंड में हैं.  

उत्तराखंड में देहरादून राज्य का सबसे बड़ा शहर और राजधानी है. राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है. सन 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तराखंड की जनसंख्या 1,01,16,752 थी. शहरों में सर्वाधिक जनसंख्या राजधानी देहरादून की है. मैदानी क्षेत्रों के जिले पर्वतीय जिलों की अपेक्षा अधिक जनसंख्या घनत्व वाले हैं. राज्य के मात्र चार सर्वाधिक जनसंख्या वाले जिलों में राज्य की आधी से अधिक जनसंख्या निवास करती है. जिलों में जनसंख्या का आकार दो लाख से लेकर अधिकतम 14 लाख तक है.

प्रदेश में दो मंडल कुमाऊं और गढ़वाल हैं. राज्य में प्रमुख रूप से दो बोलियां कुमाऊंनी और गढ़वाली बोली जाती हैं. इसके अलावा जौनसारी और भोटिया नाम की दो अन्य बोलियां जनजातीय समुदायों द्वारा राज्य के पश्चिम और उत्तर में बोली जाती हैं.

उत्तराखंड हिन्दू बहुल्य है. यहां की कुल जनसंख्या के 85 प्रतिशत हिंदू हैं. इसके बाद मुसलमान 12, सिख 2.5 और अन्य धर्मावलम्बी 0.5 फीसदी हैं. राज्य में देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रुड़की और रुद्रपुर प्रमुख शहर हैं.  कुमाऊं मंडल में छह जिले अल्मोड़ा, उधम सिंह नगर, चम्पावत, नैनीताल, पिथौरागढ़ और बागेश्वर हैं. गढ़वाल मंडल में सात जिले उत्तरकाशी, चमोली गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, रूद्रप्रयाग और हरिद्वार हैं.

उत्तराखंड में लोकसभा और विधानसभा की कितनी सीटें हैं?

राज्य गठन के समय अनन्तिम विधान सभा में 30 सदस्य थे। जिसमें से 22 सदस्य उत्तर प्रदेश विधान सभा से तथा 8 सदस्य उत्तर प्रदेश विधान परिषद् से थे। उत्तराखण्ड विधान सभा की 70 सीटों के लिए प्रथम आम चुनाव फरवरी 2002 में हुआ तथा एक सदस्य आंग्लभारतीय समुदाय से नामित किया गया। इस प्रकार विधान सभा की कुल सदस्य संख्या 71 हो गयी।

उत्तराखंड में लोकसभा की 5 सीटें कौन कौन सी है?

यहाँ लोकसभा की पाँच सीटें है:.
अल्मोड़ा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र.
गढ़वाल लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र.
टिहरी गढ़वाल लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र.
नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र.
हरिद्वार लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र.

उत्तराखंड में लोकसभा के लिए कितने सदस्य चुने जाते हैं?

कुल सदस्य : 524.

किस राज्य में कितनी लोकसभा सीटें हैं?

लोकसभा सीटों के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूची.