1 Crore+ students have signed up on EduRev. Have you? Show लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 2: द्वारपाल ने श्री कृष्ण को सुदामा के बारे में क्या
बताया? प्रश्न 3: श्री कृष्ण ने सुदामा के दुख को महादुख क्यों कहा है? प्रश्न 4: सुदामा अपने साथ लाए उपहार को श्री कृष्ण को देने में संकोच क्यों कर रहे थे? प्रश्न 5: कृष्ण ने सुदामा से अपनी पिछली आदत न छोड़ पाने की बात क्यों कही? प्रश्न 6: ‘कछू न जानी जात’ के माध्यम से सुदामा ने क्या कहना चाहा है? प्रश्न 7: सुदामा को कृष्ण के बचपन की कौन-सी घटना याद आ गई? प्रश्न 8: कविता में आए अतिशयोक्ति अलंकार से युक्त पंक्ति को लिखकर उसका अर्थ लिखिए। दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 2: श्रीकृष्ण ने सुदामा के साथ सच्चे मित्र का कर्तव्य किस तरह निभाया? प्रश्न 3: ‘प्रभु के परताप तें दाख न भावत’ कहकर कवि ने किस ओर संके त किया है? प्रश्न 4: अपने गाँव आकर सुदामा यह सोचने पर विवश क्यों हो रहे थे कि कहीं वे मार्ग भूलकर द्वारका वापस तो नहीं आ गए हैं? प्रश्न 5: गुरुमाता कौन थीं? उन्होंने चने किसे दिए थे और कब? मूल्यपरक
प्रश्न The document Important Questions: सुदामा चरित Notes | Study Hindi Class 8 - Class 8 is a part of the Class 8 Course Hindi Class 8. All you need of Class 8 at this link: Class 8 द्वारपाल ने कृष्ण को सुदामा के बारे में क्या बताया?उत्तर: द्वारपाल ने श्री कृष्ण से सुदामा के बारे में बताते हुए कहा, ”प्रभु! दरवाजे पर एक गरीब तथा दुर्बल ब्राह्मण खड़ा है। वह आपसे मिलना चाहता है। वह अपना नाम सुदामा बता रहा है।
द्वारपाल ने श्रीकृष्ण को जाकर क्या बताया *?द्वारपाल ने श्रीकृष्ण को जाकर क्या बताया? Answer: द्वारपाल ने अंदर जाकर बताया कि दरवाजे पर एक फटेहाल गरीब-दुबले पतले ब्राह्मण खड़े हैं और आपके धाम का पता पूछ रहे हैं और वे अपना नाम सुदामा बता रहे हैं।
द्वारपाल ने श्रीकृष्ण को क्या कहकर सुदामा के आने का समाचार दिया?उत्तर: द्वारपाल ने सुदामा के आने की सूचना अपने स्वामी श्रीकृष्ण को दी। उसने कहा कि द्वार पर एक गरीब ब्राह्मण आया हुआ है। उसके सिर पर न तो पगड़ी है और न शरीर पर कोई कुरता या अंगरखा है।
सुदामा ने द्वारपाल से क्या कहा?वे प्रवेश द्वार पर द्वारपाल से भगवान कृष्ण से मिलने की इच्छा बताते हैं, द्वारपाल कृष्ण जी से सुदामा का परिचय इन मार्मिक पंक्तियों से देते हैं" ! धोती फटी सी लट्टी दुपट्टी और पाँव उपानऊ की नहीं सामा ! पूछत दीन दयाल को धाम बटावत आफ्नो नाम सुदामा " ! विप्र सुदामा बसत हैं, सदा आपने धाम।
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