इफ़्फ़न की दादी के देहान्त के बाद टोपी को उसका घर खाली सा क्यों लगा? Show Solutionइफ़्फ़न की दादी जितना प्यार इफ़्फ़न को करती उतना ही टोपी को भी करती थीं, टोपी से अपनत्व रखती थीं। उसे भी कहानियाँ सुनाती थीं, उसकी माँ का हाल चाल पूछती। उनकी मृत्यु के बाद टोपी को ऐसा लगा मानो उस पर से दादी की छत्रछाया ही खत्म हो गई है। इसलिए टोपी को दादी की मृत्यु के बाद इफ़्फ़न का घर खाली सा लगा। Concept: गद्य (Prose) (Class 10 B) Is there an error in this question or solution? APPEARS INदादी के देहांत के बाद टोपी को उसका घर खाली सा क्यों लगा?टोपी को वह घर खाली लगने लगा क्योंकि इफ्फ़न के घर का केवल एक आकर्षण था जो टोपी के लिए खत्म हो चुका था। इसी कारण टोपी को इफ्फन की दादी का देहांत के बाद उसका घर खाली-खाली-सा लगने लगा।
इफ्फन की दादी के मायके का घर कस्टोडियन में क्यों चला गया टोपी शुक्ला पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए?इफ्फ़न की दादी पीहर इसलिए जाना चाहती थीं क्योकि वे जमींदार परिवार की बेटी थीं। उनके पीहर में घी, दूध व दही की भरमार थी। उन्होंने शादी से पहले पीहर में खूब दूध-दही खाया था। बाद में वे लखनऊ के मौलवी से ब्याही गई थीं जहाँ उन्हें अपनी मौलवी पति के नियंत्रण में रहना पड़ता था।
टोपी और इफ़्फ़न की दादी एक अनजान अटूट रिश्ते से बँधे थे क्योंकि?दादी पहले अम्मा का हाल चाल पूछतीं। दादी उसे रोज़ कुछ न कुछ खाने को देती परन्तु टोपी खाता नहीं था। अत: दोनों का रिश्ता जाति और धर्म से परे प्यार के धागे से बँधा था। यहाँ पर लेखक ने यह समझाने का प्रयास किया है कि जब रिश्ते प्रेम से बँधे होते है तो तब धर्म, मजहब सभी बेमानी हो जाते हैं।
पूरे घर में इफ्फ़न को अपनी दादी से ही विशेष स्नेह क्यों था?पूरे घर में इफ़्फ़न को अपनी दादी से विशेष स्नेह क्यों था? पूरे घर में इफ़्फ़न को अपनी दादी से विशेष स्नेह इसलिए था क्योंकि पूरे घर में कभी-न-कभी उसे कोई डाँट देता ही था, कभी अब्बू अम्मी उसे डाँटते थे, उसकी बाजी औरनुज़हत भी उसको परेशान करती थी। परन्तु उसकी दादी उसे कभी डाँटती नहीं थी।
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