शिवसेना की सरकार कब बनी थी? - shivasena kee sarakaar kab banee thee?

हिंदी न्यूज़ देश1972 में शिवसेना के पास केवल एक विधायक, 2014 में 63, जानिए अब तक राजनीतिक ग्राफ

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में एक मात्र दो दिन का समय बचा हुआ हैं। राज्य की 288 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर को वोटिंग होगी। लेकिन वोटिंग से पहले आइए जान लेते हैं 1972 से लेकर...

शिवसेना की सरकार कब बनी थी? - shivasena kee sarakaar kab banee thee?

Ashutoshलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 18 Oct 2019 07:35 PM

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में एक मात्र दो दिन का समय बचा हुआ हैं। राज्य की 288 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर को वोटिंग होगी। लेकिन वोटिंग से पहले आइए जान लेते हैं 1972 से लेकर अभी तक के विधानसभा चुनाव में शिवसेना की क्या स्थिति रही हैं और उसका राजनीतिक ग्राफ कब कितना बढ़ा और कब घटा हैं। आंकड़ों पर नजर डाले तो 1972 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना राज्य की 270 (जो अब बढ़कर 288 हो गई है) सीटों में से केवल 26 पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इसमें से केवल एक उम्मीदवार को जीत मिली थी।

इसके बाद 1978 में हुए विधानसभा के चुनाव में शिवसेना ने 288 में से 35 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। लेकिन इस बार शिवसेना को निराशा हाथ लगी और खाते में एक भी सीट नहीं आई। इसके बाद 1990 में हुए विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने राज्य की 183 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए। इसमें 52 सीटों पर जीत मिली। शिवसेना के ग्राफ में अचानक उछाल आया। इसके बाद 1995 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 169 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे जिसमें से 69 सीटों पर जीत मिली। 

फिर 1999 में विधानसभा चुनाव हुए। इस बार शिवसेना 161 सीटों पर चुनाव लड़ी। जिसमें से 69 सीटों पर जीत मिली। मतलब राज्य में शिवसेना का दबदबा अभी तक बरकरार था। इसके बाद साल 2004 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 163 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे लेकिन जीत 62 सीटों पर ही मिली, मतलब पहले से 7 सीट कम। ये वो दौर था जब शिवसेना का ग्राफ नीचे गिर रहा था। इसके बाद 2009 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 160 सीट पर चुनाव लड़ा जिसमें से केवल 44 सीट पर ही जीत मिली और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी। 

लेकिन 2014 के चुनाव में शिवसेना ने राज्य की 282 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से 63 सीट पर जीत मिली। इस चुनाव में शिवसेना का वोट शेयर 19.35 प्रतिशत था। इस तरह से आप आंकड़ों पर एक नजर डालकर गौर कर सकते हैं कि महाराष्ट्र में शिवसेना का राजनीतिक ग्राफ कब बढ़ा है और कब कम गिरा हैं। फिलहाल 2019 के चुनाव में शिवसेना-बीजेपी के साथ चुनाव मैदान में हैं। बीजेपी 162 तो शिवसेना 126 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

एक नजर अब तक के आंकड़ों पर डाल लें

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना
1972 (कुल सीटें 270)
सीटों पर चुनाव लड़ा - 26
सीटों पर जीत मिली - 1
वोट% - 1.84

1978 (कुल सीटें 288)
सीटों पर चुनाव लड़ा - 35
सीटों पर जीत मिली- ०

1990 का विधानसभा चुनाव
सीटों पर चुनाव लड़ा - 183
सीटों पर जीत मिली- 52

1995 का विधानसभा चुनाव
सीटों पर चुनाव लड़ा - 169
सीटों पर जीत मिली - 69

1999 का विधानसभा चुनाव
सीटों पर चुनाव लड़ा - 161
सीटों पर जीत मिली- 69

2004
सीटों पर चुनाव लड़ा - 163
सीटों पर जीत मिली- 62

2009
सीटों पर चुनाव लड़ा - 160
सीटों पर जीत मिली - 44

2014
सीटों पर चुनाव लड़ा - 282
सीटों पर जीत मिली - 63
वोट प्रतिशत - 19.35

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शिवसेना की सरकार कब बनी थी? - shivasena kee sarakaar kab banee thee?

नई दिल्ली
महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार बनाने को लेकर पिछले कई दिनों से कांग्रेस और एनसीपी में बैठकें चल रही हैं। अबतक भले ही औपचारिक तौर पर ऐलान न हुआ हो पर गुरुवार शाम राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण के बयान से साफ हो गया कि अगले 24 घंटों में महाराष्ट्र में जारी अनिश्चितता खत्म हो सकती है। अभी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन है। जनता को भी इस बात का इंतजार है कि किसकी और कैसे सरकार बनेगी। शिवसेना के अलग राह पकड़ने से बीजेपी चुप्पी साधे है। इधर, मुंबई से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस और एनसीपी नेताओं की बैठकों का दौर जारी है। गुरुवार शाम में जब कांग्रेस नेता चव्हाण मीडिया के सामने आए तो उन्होंने साफ कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के तौर-तरीकों पर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के बीच सहमति बन चुकी है। सूत्रों के मुताबिक तीनों ही पार्टियां विधानसभा में अपने सीटों के हिसाब से मंत्रालयों के बंटवारे पर भी सैद्धांतिक तौर पर एकमत हो चुकी हैं। आइए समझते हैं कि अब तक क्या कुछ फाइनल हो चुका है और ऐलान में देरी की वजह क्या है।

क्या तय हुआ, क्या बाकी
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच बातचीत की प्रक्रिया गुरुवार को पूरी हो गई। दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस और NCP के बीच सभी मुद्दों पर बातचीत हो गई है और सहमति भी बन गई है। चव्हाण के मुताबिक अब दोनों पार्टियां शुक्रवार को मुंबई में अपने छोटे सहयोगी दलों और शिवसेना के साथ बातचीत करेंगी। कांग्रेस और एनसीपी के नेता अब शिवसेना के साथ बैठक करने से पहले अपने प्री-पोल पार्टनरों यानी पीजेंट्स वर्कर्स पार्टी (PWP), समाजवादी पार्टी, स्वाभिमानी पक्ष, सीपीआई (M) से बात करेंगे।

कांग्रेस और NCP ने सभी मुद्दों पर चर्चा पूरी कर ली है। अब सभी मुद्दों पर एक राय बन गई है। हम मुंबई जा रहे हैं और उन सभी पार्टियों से चर्चा करेंगे जिनके साथ मिलकर चुनाव लड़े थे। फिर कांग्रेस और NCP, शिवसेना के साथ चर्चा करेंगे। शुक्रवार को इस पर फैसला होगा कि नई सरकार का क्या स्वरूप होगा।

पृथ्वीराज चव्हाण, कांग्रेस नेता


सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और NCP के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम (CMP) तैयार हो चुका है और अब इसे शुक्रवार को मुंबई में शिवसेना के साथ साझा किया जाएगा। ऐसे में अगले 24 घंटे किसी ऐलान की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। कांग्रेस और एनसीपी में मंत्रियों को लेकर भी बात बन गई है। शुक्रवार को महाराष्ट्र विधान भवन में कांग्रेस ने अपने विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। शिवसेना और NCP के नेताओं के साथ चर्चा के लिए शुक्रवार को कांग्रेस के नेता केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल और मल्लिकार्जुन खड़गे मुंबई जाएंगे।

पढ़ें:महाराष्ट्र सरकार पर कांग्रेस बोली- सबकुछ ट्रैक पर

शुक्रवार को क्या होगा
महाराष्ट्र में सरकार के ऐलान को लेकर शुक्रवार का दिन अहम है। नई सरकार के गठन एवं इसकी रूपरेखा के बारे में अंतिम निर्णय किया जा सकता है। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि शुक्रवार को मुंबई में ही इस बारे में विचार होगा कि नई सरकार का क्या स्वरूप होगा। सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को ही मुंबई में सरकार गठन तथा इसकी पूरी रूपरेखा के बारे में घोषणा की जा सकती है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और एनसीपी की गुरुवार की बैठक में गठबंधन का नाम भी फाइनल कर लिया गया है। शुक्रवार को कई सहयोगी दलों के साथ बातचीत के बाद शिवसेना के साथ भी मीटिंग तय है।

मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री होंगे। तीनों पार्टियों में अहम मंत्रालयों का बंटवारा बराबर-बराबर होगा। चर्चा है कि उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे को भी मंत्री बनाया जा सकता है।

बैठकें, फोन पर बात, ब्रीफिंग
रिपोर्टों की मानें तो गठबंधन का नाम 'महाविकास अघाड़ी' हो सकता है। इस नए गठबंधन का एक संयोजक भी बनाया जाएगा जिस पर अंतिम सहमति शुक्रवार को मुंबई में बन सकती है। इससे पहले गुरुवार को दिन में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर 10 जनपथ पर कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक हुई। मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल, एके एंटनी और अधीर रंजन चौधरी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने इस बैठक में हिस्सा लिया।

CWC मीटिंग के बाद कांग्रेस के नेता केसी वेणुगोपाल ने बताया, 'लगातार कांग्रेस और एनसीपी के बीच चर्चा जारी रही। मुझे लगता है कि कल मुंबई में फैसला हो सकता है।' इससे पहले बुधवार को कांग्रेस के दिग्गज नेताओं अहमद पटेल, जयराम रमेश और मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को एनसीपी चीफ शरद पवार के साथ हुई अपनी बैठक के बारे में जानकारी दी थी। गांधी को ब्रीफ करने के बाद तीनों कांग्रेस नेता दोबारा पवार के घर आ गए थे।

सूत्रों का कहना है कि बुधवाई को हुई बैठकों के दौरान कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने शिवसेना के नेताओं से भी फोन पर बात की थी और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। सूत्रों का यह भी कहना है कि गठबंधन सरकार के तहत शिवसेना और एनसीपी के बीच ढाई-ढाई साल के लिए सीएम का पद शेयर करने पर सहमति बन गई है जबकि कांग्रेस को डेप्युटी सीएम का पद दिया जा सकता है।

कांग्रेस और NCP के शीर्ष नेता शिवसेना के साथ गठबंधन को अंतिम रूप देने के लिए बैठक करेंगे। इस बैठक के दौरान शुक्रवार को गठबंधन का नाम तय करने और साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर चर्चा होगी।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 12 नवंबर से ही राष्ट्रपति शासन लागू है क्योंकि कोई भी पार्टी राज्य में सरकार बनाने में सफल नहीं हो सकी। बीजेपी चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन उसने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया क्योंकि उसकी सहयोगी शिवसेना सीएम पोस्ट और कैबिनेट मंत्रियों के बराबर बंटवारे पर अड़ी रही। शिवसेना बाद में बीजेपी से अलग होकर नई संभावनाएं तलाशने लगी और अब तक इस दिशा में बैठकें हो रही हैं।

288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं।
(एएनआई के इनपुट के साथ)

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शिवसेना की स्थापना कब और किसने की?

इसकी स्थापना १९ जून १९६६ को एक प्रमुख राजनीतिक कार्टूनिस्ट बालासाहेब ठाकरे ने की थी। वर्तमान समय में इस दल के लोक सभा में १८, राज्य सभा में ३ और महाराष्ट्र विधान सभा में ५६ निर्वाचित सदस्य हैं। इस दल का प्रतीक चिन्ह (लोगो) बाघ है। पूरे देश में शिव सेना को एक कट्टर हिन्दू राष्ट्रवादी दल के रूप में जाना जाता है।

महाराष्ट्र सरकार कब बनी थी?

भारतीय स्‍वतंत्रता दिवस (१५ अगस्त १९४७) से १ मई १९६० तक बॉम्बे राज्य था जिसे विभाजित कर वर्तमान गुजरात और महाराष्ट्र बने है।

महाराष्ट्र में अभी सरकार किसकी है?

यह राजधानी मुंबई में दक्षिण मुंबई के नरीमन पॉइंट इलाके में स्थित है। वर्तमान में, विधानसभा के २८८ सदस्य एकल-सीट वाले निर्वाचन क्षेत्रों से सीधे चुने जाते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा की २८८ सीटों में से २९ अनुसूचित जाति और २५ अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।