शैवाल पर्णहरिमयुक्त (Chlorophyllous) ,संवहन ऊतक रहित (Non-Vescular) थैलोफाइट्स (Thallophytes) होते हैं (Thallophytes-Thallophytes का अर्थ thallus Plants अर्थात ऐसे पौधे जिसे जड़ ,तने तथा पत्तियों में विभाजित नहीं कर सकते हैं। जैसे -शैवाल ,कवक बैक्टीरिया।) इसमें सूक्ष्म एककोशिकीय पौधौं से लेकर विशालकाय बहुकोशिकीय पौधे पाए जाते हैं। इनमें क्लोरोफिल होने के कारण यह अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं लेकिन कुछ Thallophytes परजीवी तथा मृतोपजीवी भी होते हैं जैसे कवक। Algae में भोजन स्टार्च के रूप में संचित रहता है। Show
कवक (Fungi) पर्णहरिम रहित (Achlorophyllous), संवहन ऊतक रहित (non- vascular), थैलोफाइटा (thallophyta) हैं। शैवालों की तरह इनमें भी जड़ ,तना तथा पत्ती नहीं होती। कवक परजीवी तथा मृतोपजीवी होते हैं और बीजाणु द्वारा जनन करते हैं। कुछ कवक सहजीवी भी होते हैं। वनस्पति विज्ञान की वह शाखा इसके अंतर्गत कवकों का अध्ययन करते हैं कवक विज्ञान कहलाती है। इन कवकों द्वारा पौधों में उत्पन्न रोगों के अध्ययन को पादप विकृति विज्ञान कहते हैं।शैवाल तथा कवक में कई अंतर हैं जिनके द्वारा इन्हें एक दूसरे से अलग माना जाता है। इन अंतरों का वर्णन इस प्रकार है -
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