जब लड़के या लड़की की शादी होती है तो उनके लिए शादी में कुछ स्पेशल सॉन्ग गाए जाते है जिन्हे बन्ना बन्नी के सॉन्ग कहा जाता है। यह मारवाड़ी परम्परा में बहुत ज्यादा प्रचलित होते है और शादी ब्याह में बहुत ही शुभ माने जाते है। इन गीतों में अमूमन लड़के या लड़की की खूबसूरती या किन्ही विशेषताओं को दर्शाया जाता है। यह गीत लड़के या लड़की के रिश्तेदारों आदि को लेकर भी गए जाते है। आज इस लेख में कुछ ऐसे ही बन्ना बन्नी के गीतों को आप तक लेकर आए हैं। बन्ना-1गणेष जी का गीतपहले गणेष मनाओ मनाओ री बहना रघुपति राघव राजा राम, ऐसा बन्ना दे भगवान। और कहे ले लो ले लो मेरी जान बन्ना-3बन्ना मनाए, बन्नी शरमाए, बन्ना ब्याहने ना आइयो, बन्ना-4ढोलक बाजे मंजीरा बाजे, बाजे सारी रात….2 ढोलक बाजे……. बन्नी उड़ी उड़ी डोले, बन्नी फूली फूली डोले बन्नी उड़ी उड़ी डोले, बन्नी फूली फूली डोले बन्नी उड़ी उड़ी डोले, बन्नी फूली फूली डोले बन्नी उड़ी उड़ी डोले, बन्नी फूली फूली डोले बन्नी 2इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना…… इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना…… इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना…… शादी विवाह के अवसर पर गीत गाने की परम्परा हमारे देश की संस्कृति का अभिन्न अंग है। इन गीतों के अभाव में विवाह के अवसर को पूर्ण नहीं माना जाता । रुहेलखण्ड में ऐसे अनेक लोक गीत प्रचलित हैं, जिन्हें विवाह के अवसर पर गाया जाता है। परिवार की महिलाएं ढोलक -- मजीरे की ताल पर सामूहिक रुप से इन गीतों को गाती हैं। प्राय: इन गीतों की धुन पर महिलाएं नृत्य करती हैं। इनमें से कुछ गीत इस प्रकार हैं--
बन्ना बुलाए, बन्नो न आए।
नीचे निगाह डाल कै लम्बा घूँघट काढ़ के, पायल उतार के।
चाचा तेरे बैठें, ताऊ तेरे बैठे।
बन्ना बुलाए, बन्नो न आए।
लगन आई हरे- भरे
लगन आई हरे- भरे
लगन आई हरे- भरे
लगन आई हरे- भरे
बन्नो सोहाग भरी किसी को न न लगे। बन्नो
और फूलों से गोद भरी। किसी बुआ आई
और फूलों से गोद भरी। किसी मेरी लाड़ो
सासुल पनिया कैसे लाऊँ रसीले दोऊ नैना
मैने ओढ़ी चटक चुनरिया,सिर पै रखी गगरिया,
वह मोसे पहले आई,उसने दो की चार लगाई,
फाल्गुन में ब्याह रचइयो, बैसाख में गौना करइयो, | विषय सूची | |