शास्त्रीय संगीत के लिए किसकी जरूरत होती है? - shaastreey sangeet ke lie kisakee jaroorat hotee hai?

लोकगीत 6th Class NCERT CBSE Hindi वसंत भाग 1 Chapter 14

प्रश्न: लोकगीत किस अर्थ में शास्त्रीय संगीत से भिन्न है?

उत्तर: लोकगीत अपने लचीलेपन, ताजगी और लोकप्रियता में शास्त्रीय संगीत से भिन्न हैं। इन्हें गाने के लिए शास्त्रीय संगीत जैसी साधना की जरूरत नहीं होती है।

प्रश्न: लोकगीत किन मुख्य अवसरों पर गाए जाते हैं?

उत्तर: लोकगीत साधारन जन बोली में गाए जाते हैंलोकगीत। यही कारण है कि ये इतने आनंददायक होते हैं।

प्रश्न: लोकगीतों की भाषा क्या होती है?

उत्तर: लोकगीत साधारण जन बोली में गाए जाते हैं। यही कारण है कि ये इतने आनंददायक होते हैं।

प्रश्न: लोकगीतों की भाषा क्या होती है?

उत्तर: लोकगीत साधारण जन बोली में गाए जाते हैं। यही कारण है कि ये इतने आनंददायक होते हैं।

प्रश्न: स्त्रियाँ प्राचीनकाल से ही विभिन्न अवसरों पर लोकगीत गाती आ रही हैं। इसका पता कैसे चलता है?

उत्तर: महाकवि कालिदास ने अपने ग्रंथों में स्त्रियों द्वारा गाए जाने वाले गीतों का हवाला दिया है। इसी से पता चलता है कि प्राचीनकाल से ही स्त्रियों द्वारा गाने की यह परंपरा चली आ रही है।

प्रश्न: भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कौन-कौन से लोकगीत गाए जाते हैं?

उत्तर: भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार के लोकगीत गाए जाते हैं। मध्य प्रदेश, दक्कन, छोटा नागपुर में रहने वाले आदिवासियों के गीत जोश से भरे होते हैं और जब दल बाँधकर ये गाए जाते हैं तो दिशाएँ गूँज उठती हैं। गढवाल, किन्नौर और काँगड़ा जैसे पहाड़ी क्षेत्रों के गीत ही ‘पहाड़ी’ कहलाने लगे हैं। वास्तविक लोकगीत गाँव-देहातों में पाए जाते हैं। चैता, कजरी, बारहमासा, सावन आदि मिर्जापुर, बनारस, पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बिहार में प्रचलित गीत हैं। बाउल और भातियाली बंगाल में गाए जाते हैं। पंजाव में माहिया, हीर राँझा और सोहनी महिवाल संबंधी गीत तथा राजस्थान में ढोला-मारू आदि के गीत प्रसिद्ध हैं। भोजपुरी में बिदेसिया और बुंदेल खंडी में आल्हा का भी बहुत प्रचलन है।

प्रश्न: भारत में स्त्रियों द्वारा गाए जाने वाले गीत किन अर्थों में अन्य देशों से अलग है?

उत्तर: भारत ही एक ऐसा देश है, जहाँ स्त्रियों के अपने गीत हैं। इनकी रचना वे स्वयं करती हैं तथा अपने लिए गाती हैं। अन्य देशों में स्त्रियों के गीत पुरुषों तथा अन्य जनगीतों से मिले-जुले होते हैं, परंतु भारत की स्त्रियों के गीत उनके अपने कार्यों, शुभ अवसरों तथा मनबहलाव से जुड़े हुए हैं। त्योहारों पर नदियों में नहाते समय जाते हुए राह के, विवाह के, मठकोड़, ज्यौनार के, संबंधियों के लिए प्रेमयुक्त गाली के, जन्म आदि सभी अवसरों के अलग-अलग गीत हैं, जो स्त्रियाँ गाती हैं।

प्रश्न: स्त्रियों द्वारा गए जाने वाले लोकगीतों की क्या विशेषता है?

उत्तर: भारत में स्त्रियाँ प्राचीनकाल से ही विभिन्न अवसरों पर लोकगीत गाती आ रही हैं। इनके गीत आमतौर पर दल बाँध कर ही जाए जाते हैं। अनेक कंठ एक साथ फूटते हैं यद्यपि अधिकतर उनमें मेल नहीं होता, फिर भी त्योहारों और शुभ अवसरों पर वे बहुत भले लगते हैं। स्त्रियाँ ढोलक की मदद से गाती हैं। अधिकतर उनके गाने के साथ नाच भी जुड़ा होता है।

प्रश्न: निबंध में लोकगीतों के किन पक्षों की चर्चा की गई है? बिंदुओं के रूप में उन्हें लिखो।

उत्तर:

  1. लोकगीतों का हमारे देश में महत्व
  2. लोकगीतों में स्त्रियों का योगदान
  3. लोकगीतों में विभिन्नता (प्रकार)
  4. लोकगीत और शास्त्रीय संगीत
  5. लोकगीतों का विभिन्न अवसरों में प्रयोग
  6. लोकगीतों का इतिहास
  7. लोकगीत और संगीत यंत्र
  8. लोकगीत और उनकी भाषा
  9. नृत्य और लोकगीत

प्रश्न: हमारे यहाँ स्त्रियों के खास गीत कौन-कौन से हैं?

उत्तर: हमारे यहाँ स्त्रियों के निम्नलिखित खास गीत इस प्रकार हैं:

  1. विवाह के अवसरों पर गाए जाने वाले गीत
  2. जन्म पर गाए जाने वाले गीत
  3. समूहों में रसिकप्रियों और प्रियाओं को छेड़ने वाले गीत
  4. सावन पर गाए जाने वाले गीत
  5. नदियों पर, खेतों पर गाए जाने वाले गीत
  6. संबधियों से प्रेमयुक्त छेड़छाड़ वाले गीत
  7.  त्योहारों पर गाए जाने वाले गीत

प्रश्न: निबंध के आधार पर और अपने अनुभव के आधार पर (यदि तुम्हें लोकगीत सुनने के मौके मिले हैं तो) तुम लोकगीतों की कौन-सी विशेषताएँ बता सकते हो?

उत्तर: लोकगीतों की निम्नलिखित विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

  1. इनको गाते वक्त़ एक उत्साह उत्पन्न होता है।
  2. लोकगीतों में गाँवों के जन-जीवन की झलक प्राप्त होती है।
  3. लोकगीतों को समूह में मिलकर गाया जाता है।
  4. लोकगीतों को साधारण ढोलक, मंजीरा, मुरली, झाँझ, करतल के साथ गाया जा सकता है।
  5. इनको गाने के लिए संगीत के ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती।
  6. लोकगीतों से विशेष आनन्द प्राप्त होता है।
  7. लोकगीत ऊँची आवाज़ में और मस्त होकर गाए जाते हैं।

प्रश्न: ‘पर सारे देश के …… अपने-अपने विद्यापति हैं’ इस वाक्य का क्या अर्थ है? पाठ पढ़कर मालूम करो और लिखो।

उत्तर: इस वाक्य का अर्थ कुछ इस प्रकार है कि पूरब की बोलियों में हमेशा मैथिल-कोकिल विद्यापति के गीत गाए जाते हैं। जिन्होनें इन गीतों की रचना की थी और वो अपने गीतों के कारण पूरब में खासे जाने गए हैं। परन्तु इसके विपरीत सारे देश के अलग-अलग राज्यों में व उनके गाँवों में वहाँ के लोग समय को व अवसर को देखकर स्वयं ही गीतों की रचना करने वाले रचनाकार (विद्यापति) आज भी मौजूद हैं।

प्रश्न: ‘लोक’ शब्द में कुछ जोड़कर जितने शब्द तुम्हें सूझें, उनकी सूची बनाओ। इन शब्दों को ध्यान से देखो और समझो कि उनमें अर्थ की दृष्टि से क्या समानता है। इन शब्दों से वाक्य भी बनाओ। जैसे-लोककला।

उत्तर:

  1. लोकतंत्र: भारत; विश्व में लोकतंत्र का सबसे बड़ा उदाहरण है।
  2. लोकमंच: लोकमंच में जनता की परेशानियों को उठाया जाता है।
  3. लोकमत: सरकार को चाहिए कि लोकमत के अनुसार कार्य करे।
  4. लोकवाद्य: लोगों द्वारा बजाने वाला यंत्र।

प्रश्न: ‘बारहमासा’ गीत में साल के बारह महीनों का वर्णन होता है। नीचे विभिन्न अंकों से जुड़े कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें पढ़ो और अनुमान लगाओ कि इनका क्या अर्थ है और वह अर्थ क्यों है। इस सूची में तुम अपने मन से सोचकर भी कुछ शब्द जोड़ सकते हो:
1. इकतारा, 2. सरपंच, 3. चारपाई, 4. सप्तर्षि, 5. अठन्नी, 6. तिराहा, 7. दोपहर, 8. छमाही, 9. नवरात्र

उत्तर:

  1. इकतारा: एक तार से बजने वाला यंत्र
  2. सरपंच: पाँचों पंचो में प्रमुख
  3. चारपाई: चार पैरों वाली
  4. सप्तर्षि: सात ऋषियों का समूह
  5. अठन्नी: पचास पैसे का सिक्का
  6. तिराहा: जहाँ तीन रास्ते आपस में मिलते हैं
  7. दोपहर: जब दिन के दो पहर मिलते हो
  8. छमाही:  छह महीने में होने वाला
  9. नवरात्र: नौ रातों का समूह

प्रश्न: को, में, से आदि वाक्य में संज्ञा का दूसरे शब्दों के साथ संबंध दर्शाते हैं। पिछले पाठ (झाँसी की रानी) में तुमने का के बारे में जाना। नीचे ‘मंजरी जोशी’ की पुस्तक ‘भारतीय संगीत की परंपरा’ से भारत के एक लोकवाद्य का वर्णन दिया गया है। इसे पढ़ो और रिक्त स्थानों में उचित शब्द लिखो:

तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है। यह दिखने …….. .अंग्रेजी के एस या सी अक्षर ……… तरह होती है।

भारत …….. विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे. …….. बना यह वाद्य अलग-अलग नामों ……… जाना जाता है।

धातु की नली ……… घुमाकर एस ……… आकार इस तरह दिया जाता है कि उसका एक सिरा संकरा रहे और

दूसरा सिरा घंटीनुमा चौड़ा रहे। फूँक मारने ……… एक छोटी नली अलग ……… जोड़ी जाती है। राजस्थान ………

इसे बर्गू कहते हैं। उत्तर प्रदेश ……… यह तूरी मध्य प्रदेश और गुजरात ……… रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश ………

नरसिंघा ……… नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंघी भी कहते हैं।

उत्तर: तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है। यह दिखने मेंअंग्रेजी के एस या सी अक्षर की तरह होती है। भारत के विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे से बना यह वाद्य अलग-अलग नामों से जाना जाता है। धातु की नली को घुमाकर एस का आकार इस तरह दिया जाता है कि उसका एक सिरा संकरा रहे और दूसरा सिरा घंटीनुमा चौड़ा रहे। फूँक मारने पर एक छोटी नली अलग से जोड़ी जाती है। राजस्थान में इसे बर्गू कहते हैं। उत्तर प्रदेश में यह तूरी मध्य प्रदेश और गुजरात में रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश में नरसिंघा के नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंघी भी कहते हैं।

विकल्पीय प्रश्न: नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर विकल्पों से चुनकर दीजिए:

प्रश्न: शास्त्रीय संगीत के लिए किसकी जरूरत होती हैं?

  1. लचीलेपन की
  2. ताजगी की
  3. साधना की
  4. इनमें से कोई नहीं

प्रश्न: लोकगीतों की रचना में किसका विशेष योगदान है?

  1. स्त्रियों का
  2. पुरुषों का
  3. बच्चों का
  4. इनमें से कोई नहीं

प्रश्न: लोकगीत किसके संगीत हैं?

  1. राजा-महाराजाओं के
  2. आम जनता के
  3. साधु-महात्माओं के
  4. इनमें से कोई नहीं

प्रश्न: इनमें से किस अवसर पर लोकगीत नहीं गाए जाते हैं?

  1. त्योहार
  2. विवाह
  3. जन्मोत्सव
  4. इनमें से कोई नहीं

प्रश्न: लोकगीतों की भाषा क्या होती है?

  1. खड़ी बोली
  2. विदेशी बोली
  3. जन बोली
  4. इनमें से कोई नहीं

प्रश्न: किस प्राचीन कवि के ग्रंथ में स्त्रियों द्वारा गाए जाने वाले गीतों का हवाला मिलता है?

  1. तुलसीदास
  2. सूरदास
  3. कालिदास
  4. जतिनदास

प्रश्न: इनमें से कौन बंगाल का लोकगीत है?

  1. कजरी
  2. बाउल
  3. पुरबी
  4. सावन

प्रश्न: आल्हा के गीत किस कवि की रचना है?

  1. विद्यापति
  2. कालिदास
  3. जगनिक
  4. इनमें से कोई नहीं

प्रश्न: इनमें से किस क्षेत्र में पहाड़ी लोकगीत नहीं गाया जाता है?

  1. गढवाल
  2. किन्नौर
  3. काँगड़ा
  4. मिर्जापुर

प्रश्न: गरबा का संबंध किस राज्य से है?

  1. राजस्थान
  2. गुजरात
  3. महाराष्ट्र
  4. केरल

शास्त्रीय संगीत की विशेषता क्या है?

शास्त्रीय संगीत की विशेषता यह है कि यह ध्वनि प्रधान होता है, शब्द प्रधान नहीं। इसमें ध्वनि या संगीत को शब्द या गीत के भावार्थ कि अपेक्षा अधिक महत्व दिया जाता है। भारत में शास्त्रीय संगीत का इतिहास वैदिक काल से शुरू होता है। सामवेद संगीत पर आधारित दुनिया कि पहली पुस्तक है।

लोकगीत शास्त्रीय संगीत से भिन्न है कैसे?

लोकगीत अपनी लोच, ताज़गी और लोकप्रियता में शास्त्रीय संगीत से भिन्न हैं। लोकगीत सीधे जनता के संगीत हैं। घर, गाँव और नगर की जनता के गीत हैं ये । इनके लिए साधना की ज़रूरत नहीं होती।

शास्त्रीय संगीत से आप क्या समझते हैं?

भारतीय शास्त्रीय संगीत या मार्ग, भारतीय संगीत का अभिन्न अंग है। शास्त्रीय संगीत को ही 'क्लासिकल म्यूजिक भी कहते हैंशास्त्रीय गायन सुर-प्रधान होता है, शब्द-प्रधान नहीं। इसमें महत्व सुर का होता है (उसके चढ़ाव-उतार का, शब्द और अर्थ का नहीं)।

शास्त्रीय गायकी के अंतर्गत कौन कौन से राग आते हैं?

खयाल, ध्रुपद, धमार आदि शास्त्रीय गायकी के अंतर्गत आते हैं । 3. भैरवी थाट का राग, जिसमें रे और प वर्जित हैं। इसमें सारे स्वर कोमल लगते हैं