श्री कृष्ण को भोजन कौन सा पसंद था?...
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श्री कृष्ण को एक अच्छा देवता माना जाता है श्री कृष्ण राधे से प्रेम करते थे परंतु उनकी शादी रुकमणी से हो गए थे श्रीकृष्ण को खाने में माखन बहुत पसंद थे बचपन से ही बहुत सारे माखन और चुरा चुरा कर खाते थे और उनकी प्रेम माली सखियों को बहुत तंग करते थे मेरे साथियों को बहुत तंग करते थे कृष्ण को राधे की हाथ से बनी हुई खीर बहुत पसंद थे
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विषयसूची
कृष्ण को क्या खाना ज्यादा पसंद है?
इसे सुनेंरोकेंभगवान कृष्ण को दूध और मक्खन अति प्रिय था। अत: जन्माष्टमी के दिन मखाने की खीर, धनिया पंजीरी, माखन मिश्री, नारियल पाग जैसे मीठे व्यंजन बनाकर भगवान कृष्ण को भोग लगाया जाता है।
श्री कृष्ण भगवान की प्रिय वस्तु क्या थी?
इसे सुनेंरोकेंसिर पर मुकुट, मुकुट में मोर पंख, पीतांबर, बांसुरी और वैजयंती की माला. ऐसे अद्भूत रूप को जो एकबार देख लेता था, वो उसी का दास बनकर रह जाता था. ये तो हम सभी जानते हैं कि श्रीकृष्ण को दूध, दही और माखन बहुत प्रिय था लेकिन इसके अलावा भी उन्हें बहुत कुछ पसंद था.
कृष्ण भगवान का फेवरेट कलर कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंअधिकतर लोगों का मानना है कि भगवान कृष्ण का रंग सावंला या श्यामवर्णी था। श्याम रंग अर्थात कुछ-कुछ काला और कुछ-कुछ नीला। मतलब काले जैसा नीला। जैसा सूर्यास्त के बाद जब दिन अस्त होने वाला रहता है तो आसमान का रंग काले जैसा नीला हो जाता है।
कृष्ण भगवान को क्या चढ़ाना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंभगवान श्री कृष्ण को पंचामृत का भोग अवश्य लगाएं। पंचामृत मेवा, दूध, दही, घी, गंगाजल और शहद से बनाया जाता है। भगवान को पंचामृत का भोग लगाने के बाद प्रसाद स्वरूप पंचामृत का सेवन करें।
कृष्ण क्या खाना चाहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंमिसरीः माखन के संग मिसरी मिलाकर खाना बडा ही रुचिकर और सेहतमंद होता है इसलिए श्री कृष्ण माखन के संग मिसरी मिलाकर खाते थे। इसलिए गिरधर को माखन के संग मिसरी का भोग भी लगता है।
कृष्ण भगवान को क्या भोग लगता है?
कृष्णावल क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकृष्णावल कांदा यानी प्याज के लिए इस्तेमाल होने वाला सुसंस्कृत शब्द है. कर्नाटक तथा तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी प्याज को कृष्णावल के नाम से जाना जाता है. प्याज को कृष्णावल कहने का आधार बेहद तार्किक है. प्याज को जब खड़ा काटा जाता है तो वह शंखाकृती यानी शंख के आकार में कटता है.
भगवान श्री कृष्ण को कैसे प्रसन्न करें?
इसे सुनेंरोकेंजन्माष्टमी पर पूजा के दौरान भगवान श्री कृष्ण को परिजात के फूल चढ़ाएं तथा शंख में दूध भरकर कान्हा जी जी को अर्पित करें. इससे मां लक्ष्मी जी और भगवान कृष्ण जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा. मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण जी को चांदी की बांसुरी अर्पित करें.
कृष्ण भगवान को कैसे खुश करें?
कान्हा जी का अभिषेक कैसे किया जाता है?
इसे सुनेंरोकें– रात 12 बजे नार वाले खीरे को सिक्की से काट कर बाल स्वरूप कृष्णा जी का जन्म करवाएं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, नार वाला खीरा देवकी मां के गर्भ का प्रतीक कहलाता है. – इसके बाद शंख में दूध भरकर उनका अभिषेक करें. आप पंचामृत से भी भगवान श्री कृष्ण को स्नान करवा सकते हैं.