शनि महाराज की कृपा कैसे होती है? - shani mahaaraaj kee krpa kaise hotee hai?

नई दिल्ली: आज शनिवार है. आज भगवान शनिदेव की पूजा करने का विशेष दिन है. आज शनिदेव की प्रतिमा पर तेल अवश्य चढ़ायें. शनि देव मनुष्य को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. अगर किसी पर शनि का बुरा असर पड़ जाता है, तो उसे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जिसकी भी कुंडली में शनि अशुभ स्थान पर बैठे होते हैं, वो अपने जीवन में कई समस्याओं का समाना करता है. शनि देव को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाने के लिए भक्त कई तरह के उपाय करते हैं. माना जाता है कि शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से वो प्रसन्न होते हैं. आइए जानें, कैसे शनि देव को प्रसन्न किया जा सकता है?

शनिदेव की कृपा के लिए उपाय
-शनि देव को प्रसन्न करने के लिए काली गाय की सेवा शुभकारी मानी गई है. काली गाय के मस्तक पर रोली लगाने के बाद सींगों में कलावा बांधकर पूजन और आरती करें. फिर परिक्रमा करके गाय को बून्दी के चार लड्डू खिलाएं.
- शनिवार को शाम के वक्त बरगद और पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. फिर दूध और धूप चढ़ाएं, इससे शनि की समस्या से निजात मिलती है.
- शनि देव को प्रसन्न करने के लिए सूर्य अस्त होने के बाद हनुमान जी का पूजन करें. पूजा में सिन्दूर रखें और आरती का दीप जलाने के लिए काले तिल के तेल का इस्तेमाल करें. साथ ही पूजा में नीले रंग के फूलों का उपयोग भी शुभकारी माना गया है.
- शनिवार को शनि यंत्र की स्थापना कर पूजन करें. इसके बाद हर दिन इस यंत्र की विधि-विधान से पूजन करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. हर दिन शनि यंत्र के सामने सरसों के तेल का दीप जलाएं और नीला या काला पुष्प चढ़ाएं, ऐसा करने से भी फायदा होगा.
काले कुत्तों को दूध पिलायें और तेल लगी रोटी खिलायें-

महत्वपूर्ण टोटका 
तीन बर्तनों में सवा-सवा सेर काले चने अलग-अलग भिगो दें. अगले दिन स्नान आदि से निवृत होकर शनि देव का पूजन करें और सरसों के तेल में छौंके हुए काले चनों का भोग लगाएं. पूजा के बाद पहला सवा सेर चना भैंसे को खिला दें, फिर दूसरा सवा सेर चना कुष्ट रोगियों को बांट दें और तीसरे सवा सेर चने को अपने ऊपर से उतार कर अपने घर से दूर किसी ऐसी जगह रख आएं, जहां कोई जाता न हो.

- शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन काले वस्त्रों के दान के अलावा एक और काम कर सकते हैं.
- शनिवार के दिन गरीबों या अपाहिजों को धन या अन्य किसी चीज से सहायता देकर आप शनि के प्रतिकूल प्रभाव को कम कर सकते हैं.
- इसके पीछे यह तर्क दिया जाता है कि शनि देव का एक पैर चोटिल है और वह लंगड़ा कर चलते हैं क्योंकि पिप्पलाद ऋषि ने ब्रह्मदंड से इनका एक पैर तोड़ दिया था.

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शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती

- अगर शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती किसी भी व्यक्ति पर चलती है और आपके जीवन में कई सारी समस्याएं होती हैं. ऐसे में आप इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें. यह मंत्र काफी प्रभावी शनिदेव के प्रकोप को शांत करने के लिए होता है. शनिदेव के इस मंत्र को सच्चे मन से जपने से आपको इसका लाभ निश्चित रूप से मिलता है.
हर शनिवार को मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं. इस दीपक को भगवान के मंदिर में उनकी शिला के सामने जलाएं.
- यदि आपके घर के आस पास शनि देव का मंदिर ना हो तो दिया पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं.
- शनि महाराज को तेल के दिये के साथ काली उड़द और फिर कोई भी काली वस्तु भेंट करें.

शनि की पूजा के समय बरतें सावधानियां -
शनि देव को कर्म फल दाता भी कहा जाता है. शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. एक तरफ जहां शनि देव के अशुभ प्रभावों से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वहीं शनि के शुभ प्रभावों से व्यक्ति को जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि शनि रंक को भी राजा बना सकते हैं.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव की आंखों में नहीं देखना चाहिए. शनि देव की पूजा करते समय हमेशा अपनी नजरें नीचे रखें. शनि देव से नजरें मिलाने से आप पर शनि देव की बुरी नजर पड़ सकती है.
- शनिदेव की पूजा बिल्कुल उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर नहीं करनी चाहिए. शनिदेव के सामने खड़े होकर पूजा करने से अशुभ फल मिल सकता है.
- शनिदेव की पूजा हमेशा सूर्योदय से पहले करें या सूर्यास्त के बाद करें.
- शनिदेव की पूजा में हमेशा साफ सुथरे कपड़े पहन कर और नहा धोकर ही करें.
- शनिदेव की पूजा पाठ में हमेशा सरसों के तेल या तिल के तेल का ही प्रयोग करें.
- शनिदेव की पूजा हमेशा शांत मन से करें.
- पूजा में काले या नीले रंग के आसन का इस्तेमाल करें.
- शनि की पूजा पीपल के पेड़ के नीचे करना शुभ माना जाता है.

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शनि के प्रकोप से बचने के लिए सबसे पहले शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना करें। साथ ही शनि चालीसा का पाठ और शनि मंत्र का जाप जरूर करें। इसके अलावा शमी के पेड़ की पूजा करें। शमी के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा बरसती है।

Lord Shani Dev Upay: शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन पवनपुत्र हनुमान जी संग शनिदेव की पूजा-उपासना की जाती है। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। अच्छे कर्म करने वाले व्यक्ति को अच्छे फल देते हैं। वहीं, बुरे कर्म करने वाले को दंड देते हैं। धार्मिक मान्यता है कि शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी दुःख दूर हो जाते हैं। इसके अलावा, शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई अन्य उपाय भी किए जाते हैं। अगर आप भी साढ़ेसाती या शनि की ढैया से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन ये आसान उपाय जरूर करें। आइए जानते हैं-

शमी के पेड़ की पूजा करें

शनि के प्रकोप से बचने के लिए सबसे पहले शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना करें। साथ ही शनि चालीसा का पाठ और शनि मंत्र का जाप जरूर करें। इसके अलावा, शमी के पेड़ की पूजा करें। सनातन धार्मिक ग्रंथों में निहित है कि शमी के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा बरसती है। शनिवार के दिन शमी का पेड़ लगाने से भी व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

काली मिर्च का दान करें

ज्योतिषों की मानें तो शनिवार के दिन काले कपड़े में 11 रुपये और इतनी काली मिर्च बांधकर दान करने से शनि की ढैया और साढ़ेसाती के प्रभाव कम होते हैं। ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं। इन चरणों में व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है।

तोता को मुक्त करें

शास्त्रों की मानें तो शनिदेव की कृपा पाने के लिए तोता को पिंजरे से मुक्त करना चाहिए। इसके लिए बाजार से पिंजरा सहित तोता खरीदकर लाएं। अब घर पर लेकर तोते को पिंजरे से मुक्त कर दें। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसा भी कहा जाता है कि तोता जितनी दूर जाता है। व्यक्ति के सौभाग्य में उतनी वृद्धि होती है।

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Edited By: Pravin Kumar

शनि की कृपा पाने के लिए क्या करना चाहिए?

शनि के प्रकोप से बचने के लिए सबसे पहले शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना करें। साथ ही शनि चालीसा का पाठ और शनि मंत्र का जाप जरूर करें। इसके अलावा शमी के पेड़ की पूजा करें। शमी के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा बरसती है।

शनि देव की सबसे प्रिय राशि कौन सी है?

मकर राशि शनिदेव की प्रिय राशि होती है।

शनि देव को क्या प्रिय है?

शनि देव को सरसों का तेल अति प्रिय है. शनि की महादशा चल रही हो तो शनिवार के दिन सरसों के तेल का दान और दिनचर्या में भी इसका उपयोग करें. इस दिन सरसों के तेल लोहे के पात्र में लें और उसमें एक रुपए का सिक्का डाल दें. अब इसमें अपना चेहरा देखकर पीपल के पेड़ के नीचे रख दें या फिर किसी गरीब को दान कर दें.

शनि देव को कौन सा फल पसंद है?

कहा जाता है कि शनिदेव को आक के फूल बेहद प्रिय हैं.

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