सोवियत संघ प्रणाली क्या है समझाइए - soviyat sangh pranaalee kya hai samajhaie

Hello friends,,

आज मैं आप से जिस  important quistion को  share करने जा रहा हूँ वो आपके 12 th pol.science की विश्व राजनीति वाली book से है l 


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प्र० :- सोवियत प्रणाली क्या थी ? सोवियत प्रणाली की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालें l


उ० :- रूस में हुई 1917 की समाजवादी क्रांति के बाद समाजवादी सोवियत गणराज्य ( U.S.S.R ) का निर्माण हुआ जिसका उद्येश्य एक समतामूलक समाज की स्थापना करना था, जिसमें पूंजीवाद व निजी संपत्ति का अंत करके समानता पर आद्यारित समाज की रचना करना था l

इसी व्यवस्था को सोवियत प्रणाली कहा गया l


सोवियत प्रणाली की विशेषताएँ :- 


* सम्पत्ति पर राज्य का स्वामित्व :- 

सोवियत संघ प्रणाली क्या है समझाइए - soviyat sangh pranaalee kya hai samajhaie

निजी संपत्ति की संस्था को समाप्त कर उसे पूर्णय राज्य के अधिकार क्षेत्र में रखा गया l भूमि व उत्पादन पर राज्य का नियंत्रण l


* वितरण प्रणाली :- 

वितरण व्यवस्था भी सरकार के हाथों मे थी जहाँ नागरिकों को बुनियादी जरूरत की चीजें जैसे स्वास्थ-सुविधा, शिक्षा तथा लोक कल्याण की चींजे भी समानता के सिध्दांत के आधार ही दी जाती थी l


* राज्य व पार्टी की संस्था को प्राथमिकता : -

सोवियत प्रणाली के निर्माताओं ने राज्य और ' पार्टी की संस्था ' को प्राथमिकता व महत्व दिया l सोवियत अर्थव्यवस्था योजनाबध्द व राज्य के नियंत्रण में थी l


* अर्थव्यवस्था व संसाधन : - 

सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था विश्व की तुलना में कहीं ज्यादा उन्नत थी l विशाल ऊर्जा संसाधन खनिज तेल , लोहा-इस्पात आदी थे l  

इसे सुनेंरोकेंसोवियत प्रणाली राज्य कल्याण पर आधारित थी, जहां राज्य लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन में लगे हुए थे। सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी (CPSU) ने सरकार को नियंत्रित किया और राजनीतिक निर्णय लेने पर हावी रही।

सोवियत संघ का उत्तराधिकारी कौन है?

इसे सुनेंरोकेंअंतर्राष्ट्रीय संधियों में रूस को सोवियत संघ के उत्तराधिकारी देश की मान्यता दी गई।

सोवियत संघ का विभाजन कब हुआ?

इसे सुनेंरोकेंब्राउन समेत कई अन्य एक्सपर्ट सोवियत संघ के विघटन के लिए कई कारणों को ज़िम्मेदार मानते हैं. वो विघटन, जो 1991 के क्रिसमस की एक रात में हुआ था. सोवियत संघ 1917 में बना था. जब बोल्शेविक क्रांति हुई थी और ज़ार निकोलस द्वितीय को सत्ता से बेदखल कर के रूसी साम्राज्य को समाप्त कर दिया गया था.

द्वि ध्रुवीयता का क्या अभिप्राय है?

इसे सुनेंरोकेंद्वि-ध्रुवीयता का अर्थ है-द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान विश्व की दो सुपर शक्तियों (Super-Powers) यानी पूर्व सोवियत संघ तथा सं. रा. अमेरिका के बोलबाले का दौर। यह दौर 1990 तक चला।

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1991 में सोवियत संघ की समाप्ति हुई।?

सोवियत संघ के भीतर संकट गहराता गया, विघटन की गति तेज हुई व दिसम्बर 1991 में बोरिस येल्तसिन के नेतृत्व में इसके तीन बड़े गणराज्यों रूस, यूक्रेन व बेलारूस ने सोवियत संघ की समाप्ति की घोषणा की। स्वतंत्र राज्यों का राष्ट्रकुल (Common wealth of Independent States – CIS) बना। अब विश्व परिदृश्य पर 15 नए गणराज्य सामने आए।

क्या था सोवियत संघ का विघटन?

1980 के दशक में दोनों महाशक्तियों में शक्ति के लिए संघर्ष के चलते हथियारों की दौड़ चल रही थी। सारा ध्यान परमाणु हथियार बनाने में था, इसलिए अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव पड़ा। वहीं मिखाइल गोर्बाचेव की खुलेपन की नीति के कारण भी सोवियत संघ का विघटन माना जाता है।

क्या है द्विध्रुवीयता का अंत?

1. द्विध्रुवीयता के अंत अर्थात सोवियत संघ के विघटन के परिणामों का वर्णन कीजिए। 2. पूर्व सोवियत संघ में हुए ‘संघर्ष व तनाव’ पर निबन्धत्मक रूप में विचार लिखिए। 3. पूर्व साम्यवादी देशों व भारत के सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।

सोवियत संघ (रूसी भाषा: Сове́тский Сою́з, सोवेत्स्की सोयूज़; अंग्रेज़ी: Soviet Union), जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ (Сою́з Сове́тских Социалисти́ческих Респу́блик, Union of Soviet Socialist Republics) था, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो 1922 से 1991 तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से 1990 तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। यह दुनिया का सबसे बड़ा देश था, जो २२,४०२,२०० वर्ग किलोमीटर (८,६४९,५०० वर्ग मील) में फैला था और ग्यारह समय क्षेत्रों में फैला था। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ 15 स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र ( Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। यही कारण रहा कि विदेश में भी सोवियत संघ को अक्सर गलती से 'रूस' बोल दिया जाता था।

शब्द "सोवियत" एक रूसी शब्द है जिसका अर्थ है परिषद, असेंबली, सलाह और सद्भाव।

भूगोल, जलवायु और पर्यावरण[संपादित करें]

यहा की जलवायु ठंडी व पर्यावरण सम्पन्न क्षेत्र हैा यहा मौसम यूरोपीय देशों के समान हैा

सोवियत संघ की स्थापना की प्रक्रिया 1917 की रूसी क्रान्ति के साथ शुरू हुई जिसमें रूसी साम्राज्य के ज़ार (सम्राट) को सत्ता से हटा दिया गया। व्लादिमीर लेनिन के नेतृत्व में बोल्शेविक पार्टी ने सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लिया लेकिन फ़ौरन ही वह बोल्शेविक-विरोधी श्वेत मोर्चे (White movement) के साथ गृह युद्ध में फँस गई। बोल्शेविकों की लाल सेना ने गृह युद्ध के दौरान ऐसे भी कई राज्यों पर क़ब्ज़ा कर लिया जिन्होनें त्सार के पतन का फ़ायदा उठाकर रूस से स्वतंत्रता घोषित कर दी थी। दिसम्बर 1922 में बोल्शेविकों की पूर्ण जीत हुई और उन्होंने रूस, युक्रेन, बेलारूस और कॉकस क्षेत्र को मिलकर सोवियत संघ की स्थापना का ऐलान कर दिया।[1]

अप्रैल 1917: लेनिन और अन्य क्रान्तिकारी जर्मनी से रूस लौटे।

अक्टूबर 1917: बोल्शेविकों ने आलेक्सान्द्र केरेंस्की की सत्ता को पलटा और मॉस्को पर अधिकार कर लिया।

1918 - 20: बोल्शेविकों और विरोधियों में गृहयुद्ध।

पोलैण्ड से युद्धपोलैंड से शांति संधि, नई आर्थिक नीति, बाजार अर्थव्यवस्था की वापसी, स्थिरता।रूस, बेलारूस और ट्रांसकॉकेशस (१९३६ से जॉर्जिया, अर्मेनिया, अजरबेजान) क्षेत्रों का मिलन; सोवियत संघ की स्थापना।जर्मनी ने सोवियत संघ को मान्यता दी।सोवियत संघ में प्रोलिटैरिएट तानाशाही के तहत नया संविधान लागू। लेनिन की मृत्यु। जोसेफ स्टालिन ने सत्ता संभाली।

१९३३: अमेरिका ने सोवियत संघ को मान्यता दी।

१९३४: सोवियत संघ लीग ऑफ नेशंस में शामिल हुआ।

अगस्त १९३९: द्वितीय विश्वयुद्ध आरम्भ हुआ।

जून १९४१: जर्मनी ने सोवियत संघ पर हमला किया।

१९४३: स्टालिनग्राद के युद्ध में जर्मनी की हार।

१९४५: सोवियत सैनिकों ने बर्लिन पर कब्जा किया। याल्टा और पोट्सडैम सम्मेलनों के जरिए जर्मनी को विभाजित कर पूर्वी जर्मनी और पश्चिमी जर्मनी का निर्माण। जापान का आत्मसमर्पण और दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति।

१९४८-४९: बर्लिन नाकेबंदी।h पश्चिमी सेनाओं और सोवियत सेनाओं में तनातनी।

१९४९: सोवियत संघ ने परमाणु बम बनाया। चीन की कम्युनिस्ट सरकार को मान्यता दी।

१९५०-५३: कोरियाई युद्ध ; सोवियत संघ और पश्चिम के संबंधों में तनाव।

मार्च १९५३: स्टालिन की मृत्यु। निकिता ख्रुश्चेव कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के प्रथम सचिव बने।

१९५३: सोवियत संघ ने अपना पहला हाइड्रोजन बम बनाया।

१९५५: वारसॉ की संधि।

१९५६: सोवियत सेना ने हंगरी के विद्रोह को कुचलने में मदद की।

१९५७: पहला अंतरिक्ष यान स्पूतनिक धरती की कक्षा में पहुंचा। चीन की पश्चिम से बढ़ती नजदीकियों ने दोनों कम्युनिस्ट देशों में दूरियां पैदा कीं।

१९६०: सोवियत संघ ने अमेरिका का जासूसी जहाज U2 गिराया।

१९६१: यूरी गागारिन अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति (मानव) बने।

१९६२: क्यूबा में सोवियत मिसाइल पहुंची।

१९६३: सोवियत संघ ने अमेरिका और ब्रिटेन के साथ परमाणु संधि की। अमेरिका और सोवियत संघ में हॉट लाइन स्थापित।

१९६४: ख्रुश्चेव की जगह लियोनिड ब्रेजनेव ने संभाली।

१९६९: सोवियत और चीनी सेनाओं का सीमा पर विवाद।

१९७७: नए संविधान के तहत ब्रेजनेव राष्ट्रपति चुने गए।

१९८२: ब्रेजनेव का निधन। केजीबी प्रमुख यूरी आंद्रोपोव ने सत्ता संभाला।

१९८२: आंद्रोपोव का निधन। कोन्सटांटिन चेरनेंको ने सत्ता संभाली।

मिखाइल गोर्बाचेव कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव बने। खुलेपन और पुनर्निर्माण की नीति की शुरुआत की।चरनोबिल परमाणु दुर्घटना। उक्रेन और बेलारूस के बड़े क्षेत्र विकिरण से प्रभावित।

1987: सोवियत संघ और अमेरिका में मध्यम दूरी की परमाणु मिसाइलों को नष्ट करने पर समझौता।

गोर्बाचेव राष्ट्रपति बने। कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन में निजी क्षेत्र के लिए दरवाजे खोलने पर सहमति।

1989: अफगानिस्तान से सोवियत सेनाओं की वापसी।

कम्युनिस्ट पार्टी में एक पार्टी की सत्ता खत्म करने पर मतदान। येल्तसिन ने सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी छोड़ी।

अगस्त 1991: रक्षा मंत्री दिमित्री याजोव, उप राष्ट्रपति गेनाडी यानायेव और केजीबी प्रमुख ने राष्ट्रपति गोर्बाचेव को हिरासत में लिया। तीन दिन बाद ये सभी गिरफ्तार। येल्तसिन ने सोवियत रूस कम्युनिस्ट पार्टी पर प्रतिबंध लगाया। उक्रेन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी। उसके बाद कई अन्य देशों ने खुद को स्वतंत्र घोषित किया।

सितम्बर 1991: 'कांग्रेस ऑफ पीपल्स डिप्यूटीज' ने सोवियत संघ के विघटन के लिए वोट डाला।

8 दिसम्बर 1991: रूस, उक्रेन और बेलारूस के नेताओं ने 'कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट' बनाया।

25 दिसम्बर 1991: गोर्बाचेव ने पद से इस्तीफा दिया। अमेरिका ने स्वतंत्र सोवियत राष्ट्रों को मान्यता दी।

26 दिसम्बर 1991: रूसी सरकार ने सोवियत संघ के कार्यालयों को संभाला।

पूर्वी यूरोप में अपने नियंत्रण के अधीन देशों के साथ सोवियत संघ ने एक साम्यवादी सैन्य मित्रपक्ष बनाया, जिसे वारसॉ संधि गुट (Warsaw Pact) के नाम से जाना जाता है। इसके विपक्ष अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों का गुट था। दोनों विपक्षियों के बीच शीत युद्ध जारी रहा जिसमें दोनों में सीधी लड़ाई तो कभी नहीं हुई, लेकिन दोनों परमाणु हथियारों और मिसाइलों से लैस हमेशा विध्वंसकारी परमाणु युद्ध छिड़ जाने की संभावना के साये में रहे।

स्टालिन की मृत्यु के बाद विभिन्न साम्यवादी नेताओं में सर्वोच्च नेता बनने की खींचातानी हुई और निकिता ख़्रुश्चेव​ सत्ता में आये। उन्होंने स्टालिन की सबसे सख़्त​ तानाशाही नीतियों को पलट दिया। सोवियत संघ अंतरिक्ष अनुसंधान में सबसे आगे निकल गया। 1957 में उसने विश्व का सबसे पहला कृत्रिम उपग्रह स्पुतनिक पृथ्वी के इर्द-गिर्द कक्षा में पहुँचाया। 1961 में सोवियत वायु-सैनिक यूरी गगारिन पृथ्वी से ऊपर अंतरिक्ष में पहुँचने वाला सबसे पहला मानव बना। 1962 में क्यूबाई मिसाइल संकट में अमेरिका और सोवियत संघ के बीच बहुत गंभीर तनाव बना और वे परमाणु प्रलय की दहलीज़ पर पहुँच गए, लेकिन किसी तरह यह संकट टल गया। 1970 के दशक में सोवियत-अमेरिकी संबंधों में तनाव कम हुआ लेकिन 1979 में जब सोवियत संघ ने अफ्गानिस्तान में हस्तक्षेप करते हुए वहाँ अपनी फ़ौज भेजी तो सम्बन्ध बहुत बिगड़ गए।

स्टालिन और द्वितीय विश्वयुद्ध[संपादित करें]

1924 लेनिन की मृत्यु हुई और जोसेफ़ स्टालिन सत्ता में आया। उसने सोवियत संघ में ज़बरदस्त औद्योगीकरण करवाया और केंद्रीय आर्थिक व्यवस्था बनाई। कृषि और अन्य व्यवसायों का सामूहिकीकरण किया गया, यानि खेत किसानों की निजी संपत्ति न होकर राष्ट्र की संपत्ति हो गए और उनपर किसानों के गुट सरकारी निर्देशों पर काम करने लगे। इसी केंद्रीकृत अर्थव्यवस्था को द्वितीय विश्वयुद्ध में जंग लड़ने के लिए प्रयोग किया गया जिस से सोवियत संघ की जीत हुई। स्टालिन ने अपने शासनकाल में साम्यवादी पार्टी के बहुत से सदस्यों और नेताओं को अलग करके मरवाया और सोवियत संघ के कई समुदायों पर भी अत्याचार किया।

द्वितीय विश्वयुद्ध में शुरू में तो जर्मनी और सोवियत संघ में एक संधि थी जिसके अंतर्गत उन्होंने पोलैंड को आपस में बाँट लिया था और क्रॅसि इलाक़ा सोवियत संघ को मिल गया। लेकिन 1941 में जर्मनी ने पलट कर सोवियत संघ पर हमला कर दिया। इस से सोवियत संघ मित्रपक्ष शक्तियों (ऐलाइड शक्तियों) के गुट में संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन का साथ हो गया और जर्मनी के विरुद्ध लड़ा। जर्मनी-सोवियत युद्ध बहुत ही भयंकर था और इसमें 2.1 करोड़ सोवियत लोगों की मृत्यु हुई। लेकिन अंत में सोवियत संघ विजयी हुआ और पूर्वी यूरोप के बहुत से देश (जैसे कि पोलैंड, हंगरी, चेकोस्लोवेकिया, रोमानिया, बुल्गारिया और पूर्वी जर्मनी) पर उसका नियंत्रण हो गया।

सोवियत संघ की विघटन के कारण[संपादित करें]

1917 की बोल्शेविक क्रांति की सफलता के साथ ही रूस में साम्यवादी शासन की स्थापना हुई जिसने विश्व में सर्वा हारा क्रांति का नारा दिया और पूंजीवाद की समाप्ति की बात की | अतः जन्म से ही पूंजीवादी राष्ट्रों ने इसे अपना शत्रु माना, इस तरह सोवियत संघ आरंभ से ही अनेक शत्रुओं से गिर गया |

स्टालिन के शासन में तानाशाही का कठोर एवं उग्र रूप दिखाई पड़ा, जिसके तहत साम्यवाद विरोधियों का दमन किया गया और नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया | लोगों के आवागमन, समाचार पत्रों एवं लेखकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया | इस तरह सोवियत संघ की पहचान जनतंत्र का आनंद करने वाले शासक के रूप में हुई | शासन प्रणाली ने लोक भावना पर आवरण डाल दिया, इतना ही नहीं साम्यवादी शासन की स्थापना के समय यह कहा गया कि सर्वहारा की तानाशाही स्थापित होगी, किंतु व्यवहारिक स्तर पर सर्वहारा पर तानाशाही स्थापित हुई | सोवियत संघ के एक दल और सरकार में बैठे लोगों की तानाशाही स्थापित हुई | दल और सरकार में कोई अंतर नहीं रह गया, दल एवं शासन प्रणाली जनसमर्थन खोने लगा |

स्टालिन के शासनकाल में स्थापित कठोर तंत्र साम्यवादी शासन की कमजोरियों को उद्घाटित करने लगा, वस्तुतः पूर्वी यूरोपीय देशों में जहां साम्यवादी शासन मौजूद था वहां पर भी जनता अपने राजनीतिक आर्थिक संरचना से असंतुष्ट थी, और जब सोवियत संघ में साम्यवादी शासन की कठोरता के प्रति विरोध बढ़ने लगा तो पूर्वी यूरोप के देशों में भी साम्यवादी शासन के प्रति अविश्वास बढ़ने लगा और जन विद्रोह हुआ |

सोवियत संघ की आर्थिक कमजोरी भी उसके विघटन का कारण बनी वस्तुतः दयनीय व बढ़ते कमजोर देशों को आर्थिक सहायता देने एवं शीत युद्ध में शक्ति प्रदर्शन के कारण सोवियत संघ की आर्थिक दशा कमजोर हो गई |दरअसल आधारभूत ढांचे के विकास, नवीनीकरण के स्थान पर सोवियत धनराशि शीत युद्ध के साधनों पर खर्च की जाने लगी | अतः 1980 तक आते-आते इसकी आर्थिक वृद्धि दर में भारी गिरावट आई | प्रतिस्पर्धा रहित आर्थिक संरचना के कारण उत्पादन में कमी, उपभोक्ता वस्तुओं का अभाव, मूल्य वृद्धि जैसी समस्याएं बढ़ी और असंतोष बढ़ने लगा | इसी दौर में गोरबाचेफ ने शासन संभाला और सुधारवादी नीतियों की घोषणा की, जिसका परिणाम सोवियत संघ के विघटन के रूप में सामने आया |

अफगानिस्तान में सोवियत नियंत्रण के विरुद्ध उपद्रव और गृह युद्ध लगातार जारी रहे और अन्ततः 1989 में सोवियत सेनाएँ वहाँ से बिना अपना लक्ष्य पूरा किये लौट आईं। देश में आर्थिक कठिनाइयाँ बनी रहीं और विदेशी संबधों में भी पेचीदगियाँ रहीं। अंतिम सोवियत नेता मिख़ाइल गोरबाचोफ़​ ने देश में ग्लास्नोस्त (glasnost) नामक राजनैतिक खुलेपन की नई नीति और पेरेस्त्रोइका (perestroika) नामक आर्थिक ढाँचे को बदलने की नीति के अंतर्गत सुधार करने की कोशिश की लेकिन विफल रहे। दिसम्बर 1991 में उनकी विचारधारा के विरुद्ध राज्यविप्लव (coup d'état) की कोशिश हुई लेकिन वह कुचली गई। इस घटना के बाद सोवियत संघ टूट गया और उसके 15 गणतंत्र सभी स्वतन्त्र देशों के रूप में उभरे। अंतर्राष्ट्रीय संधियों में रूस को सोवियत संघ के उत्तराधिकारी देश की मान्यता दी गई। hjukhkjkjkjjnkjjnkjnjkjnkmkl k,nklmkjlkjlo m,nkmnkljmlkmlk;l, ,m.lkm;lk;l';l';l;'pkjhbkujgb

प्रारंभिक सोवियत विदेश नीतियां (1 9 1 9 -1 9 3 9)[संपादित करें]

द्वितीय विश्व युद्ध युग (1 9 3 9 -1 9 45)[संपादित करें]

शीत युद्ध युग (1 945-199 1)[संपादित करें]

शक्ति और सुधार का पृथक्करण[संपादित करें]

विज्ञान और प्रौद्योगिकी[संपादित करें]

जीवीकोपार्जित कृषि एवं बागवानी अर्थव्यवस्था:- तीसरी दुनियां में अधिकांश देश कृषि पर निर्भर थे । यहाँ कृषि व्यवसाय नही बल्कि जीवोपर्जन पर आधारित थी । बढ़ती जनसंख्या बक दबाव था और सभी कृषक कच्चे माल के निर्यात में ही लगे थे। इसके अल्पविकसित देशों में निर्यात का राष्ट्र आय में बड़ा भाग था । विदेशों में प्रथमिक वस्तुओं की मांग कम हो जाने पर इन देशों में राष्ट्रीय आय तथा रोजगार पर प्रभाव पड़ता था

सोवियत संघ प्रणाली क्या है?

सोवियत प्रणाली क्या है? रूस में हुई 1917 की समाजवादी क्रांति के बाद समाजवादी सोवियत गणराज्य ( U.S.S.R ) का निर्माण हुआ जिसका उद्येश्य एक समतामूलक समाज की स्थापना करना था, जिसमें पूंजीवाद व निजी संपत्ति का अंत करके समानता पर आद्यारित समाज की रचना करना था. इसी व्यवस्था को सोवियत प्रणाली कहा गया.

सोवियत प्रणाली क्या थी Wikipedia?

यह दुनिया का सबसे बड़ा देश था, जो २२,४०२,२०० वर्ग किलोमीटर (८,६४९,५०० वर्ग मील) में फैला था और ग्यारह समय क्षेत्रों में फैला था। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ 15 स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा।

सोवियत प्रणाली क्या है इसकी चार विशेषताएं बताइए?

सोवियत संघ में सम्पत्ति पर राज्य का स्वामित्व एवं नियन्त्रण था। ⦁ सोवियत संघ की संचार प्रणाली बहुत उन्नत थी। इसके दूर-दराज के क्षेत्र भी आवागमन की सुव्यवस्थित एवं विशाल प्रणाली के कारण आपस में जुड़े हुए थे। ⦁ सोवियत संघ के पास विशाल ऊर्जा संसाधन थे जिनमें खनिज तेल, लोहा, उर्वरक, इस्पात व मशीनरी आदि शामिल थे।

सोवियत संघ में कितने देश हैं?

संवैधानिक रूप से सोवियत संघ 15 स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा।