Show औपनिवेशिक शासनकाल में, अंग्रेजों ने एक भेदभावपूर्ण कर नीति का पालन किया जिसके अंतर्गत उन्होंने भारत के लिए अंग्रेज़ी उत्पादों का आयात तथा अंग्रेज़ों को कच्चे माल का निर्यात कर मुक्त कर दिया। जबकि भारत के हस्तशिल्प उत्पादों पर भारी शुल्क (निर्यात शुल्क) लगाए गए। इससे भारतीय निर्यात महँगे हो गए और इसकी अंतर्राष्ट्रीय माँग तेज़ी से गिर गई। औपनिवेशिक शासनकाल में भारत कच्चे उत्पाद जैसे-रेशम, कपास, ऊन, चीनी, नील और पटसन आदि का निर्यातक होकर रह गया। साथ ही यह इंग्लैंड के कारखानों में बनी हल्की मशीनों तथा सूती, रेशमी, ऊनी वस्त्र जैसे अंतिम उपभोक्ता वस्तुओं का आयातक भी हो गया। व्यवहारिक रूप से भारत के आयात-निर्यात पर अंग्रेज़ों का एकाधिकार हो गया। अतः भारत का आधे से अधिक आयात-निर्यात ब्रिटेन के लिए आरक्षित हो गया तथा शेष आयात-निर्यात चीन, फ्रांस, श्रीलंका की ओर निर्देशित कर दिया गया। इसके अतिरिक्त स्वेज नहर के खुलने के बाद तो भारतीय विदेशी व्यापार पर ब्रिटेन का अधिपत्य और भी जम गया। स्वेज नगर से ब्रिटेन और भारत के बीच में माल लाने और ले जाने की लागत में भारी कमी आई। भारत का विदेशी व्यापार अधिशेष उपार्जित करता रहा परंतु इस अधिशेष को भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश नहीं किया गया बल्कि यह प्रशासनिक और युद्ध उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया गया था। इससे भारतीय धन का ब्रिटेन की ओर पलायन हुआ। विदेशी व्यापार क्या है भारत में विदेशी व्यापार की प्रवृत्तियों की चर्चा कीजिए?विदेश व्यापार में वस्तुओं, सेवाओं और वितीय संसाधनों का अंतर्देशीय प्रवाह शामिल हैं। विदेश व्यापार द्वारा विदेशी पूंजी और विशेषज्ञों की मदद से देश में उपलब्ध संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल होता है। यह एक देश को विदेशी विनिमय प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करता है।
भारत में विदेशी व्यापार का क्या महत्व है?विदेशी व्यापार का महत्व:
1) विदेशी मुद्रा अर्जित करने का यह महत्वपूर्ण साधन है। 2) किसी भी देश की उन्नति का यह मूल आधार है। 3) यह पारस्परिक सहयोग में वृद्धि करता है। 4) संकटकालीन स्थिति में एक देश दूसरे देश को सहायता प्रदान करता है।
भारत में विदेशी व्यापार की वर्तमान स्थिति क्या है?जो 39.62प्रतिशत ज्यादा है। सेवाएं: आरबीआई द्वारा 15 अप्रैल, 2021को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार फरवरी, 2021 के दौरान सेवाओं में व्यापार संतुलन (अर्थात शुद्ध सेवा निर्यात) 6.93अरब अमेरिकी डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया है। मार्च 2021* में अनुमानित व्यापार संतुलन 6.91बिलियन अमरीकी डॉलर का है।
विदेशी व्यापार से आप क्या समझते हैं?Solution : विदेशी व्यापार वह व्यापार है जो दो या दो से अधिक देशों के बीच होता है। उदाहरण: भारत और अमेरिका के बीच होने वाले व्यापार (आयात और निर्यात) को विदेशी व्यापार कहा जाएगा।
|