स्थिर तरंग सिद्धांत किस की उत्पत्ति से संबंधित है - sthir tarang siddhaant kis kee utpatti se sambandhit hai

स्थिर तरंग किसके द्वारा उत्पन्न होती है?

(A) अनुप्रस्थ तरंग, अनुदैर्ध्य तरंग के ऊपर आती है
(B) एक समान गति से दोनों तरंगों का एक दूसरे पर आने से
(C) समान दिशा में आना, समान आवृत्ति की दोनों तरंगों के गमन करने से
(D) समान आवृ​त्ति की दोनों तरंगों का विपरीत दिशा में गमन करना

Answer : समान आवृ​त्ति की दोनों तरंगों का विपरीत दिशा में गमन करना

Explanation : समान आयात तथा आवृत्ति की दोनों तरंगों के विपरीत दिशा में एक दूसरे पर गतिशील होने पर स्थिर या स्थायी तरंग प्राप्त होती है। क्योंकि जब दोनों तरंगें एक दूसरे पर मिलती है तो दोनों की ऊर्जा या तो परस्पर मिल जाती है यह एक दूसरे की ऊर्जा को समाप्त कर देती है। बता दे कि स्थिर तरंग यानि अप्रगामी तरंग में कुछ निश्चित स्थानों पर स्थित कणों का कम्पन सबसे कम (शून्य) होता है, कुछ निश्चित स्थानों के कणों का कम्पन सर्वाधिक होता है।
सनद रहे कि प्रतियोगी परीक्षाओं में ​भौतिक विज्ञान Physics GK से संबंधित सामान्य भौतिकी, ऊष्मा, तरंग गति और ध्वनि, प्रकाशिकी, स्थिर वैद्युतिकी, विद्युत धारा तथा चुम्बकत्व, आधुनिक भौतिकी, खगोलीय तथा अंत​रिक्ष विज्ञान, प्रमुख वैज्ञानिक उपकरण, आविष्कार, आविष्कारक, अनुसंधान संस्थान, विज्ञान की प्रमुख शाखाएँ आदि पर अनेक प्रश्न पूछे जाते है।....अगला सवाल पढ़े

Tags : भौतिक विज्ञान प्रश्नोत्तरी

Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams

Latest Questions

स्थिर तरंग सिद्धांत किसकी उत्पत्ति से संबंधित है?

हैरिस द्वारा प्रतिपादित स्थायी तरंग सिद्धांत के अनुसार स्थायी तरंगें महासागर के बीच में उत्पन्न होती हैं और तट की ओर अग्रसर होती हैं। ये स्थायी तरंगें जहां पहले पहुंचती हैं वहाँ पहले और जहाँ बाद में पहुँचती है वहाँ देर से ज्वार आता है।

तरंग की आवृत्ति का सूत्र क्या होता है?

आवृत्ति का सूत्र f = 1/T (f = आवृत्ति और T = आवर्तकाल) है।

तिरंगे कितने प्रकार की होती है?

तरंग गति के प्रकार-.
आवर्ती तरंग ... .
यांत्रिक तरंग ... .
विद्युत-चुम्बकीय तरंगे ... .
स्पंद तरंग.

अनुप्रस्थ और अनुदैर्ध्य तरंग क्या है?

अनुदैर्ध्य तरंगे यांत्रिक तरंगें होती हैं। अनुप्रस्थ तरंगे भी यांत्रिक तरंगें होती हैं । अनुदैर्ध्य तरंगों में कणों के कंपन करने की दिशा तरंग संचरण दिशा के समांतर होती है। अनुप्रस्थ तरंगे में कणों के कंपन करने की दिशा तरंग संचरण दिशा के लम्बवत होती है।