स्थानवाचक क्रिया विशेषण किसे कहते हैं - sthaanavaachak kriya visheshan kise kahate hain

विषय-सूचि

  • स्थानवाचक क्रिया विशेषण की परिभाषा
    • स्थानवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण
    • स्थानवाचक क्रिया विशेषण के अन्य उदाहरण

स्थानवाचक क्रिया विशेषण की परिभाषा

स्थानवाचक क्रियाविशेषण वे शब्द होते हैं जो क्रिया के होने वाली जगह का बोध कराते है। यानी जहां क्रिया हो रही है उस जगह का बोध कराने वाले शब्द ही स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।

जैसे: यहाँ, वहाँ, कहाँ, जहाँ, तहाँ, सामने, नीचे, ऊपर, आगे, भीतर, बाहर, दूर, पास, अंदर, किधर, इस ओर, उस ओर, इधर, उधर, जिधर, दाएँ, बाएँ, दाहिने आदि सभी शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण शब्द है।

स्थानवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण

  • उमेश यहां सोता है।

ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा की आप देख सकते हैं यहाँ शब्द क्रिया कहाँ हो रही है उस स्थान का बोध करा रहा है। अतः यह शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आएगा।

  • आयुष वहां बैठा हुआ है।

जैसा कि आप ऊपर दिए गए  उदाहरण में देख सकते हैं वहां शब्द आयुष के बैठने की क्रिया के होने के स्थान का बोध करा रहा है। अतः यह शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आएगा।

  • बच्चे ऊपर खेलते हैं।

ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं ऊपर शब्द बच्चों के खेलने की क्रिया के होने के स्थान का बोध करा रहा है। अतः यह शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आएगा।

  • अब वहाँ अकेला मजदूर था।

ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा की आप देख सकते हैं की वहां शब्द मजदुर के होने की जगह का बोध करा रहा  है। अतः यह शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आएगा।

  • तुम बाहर बैठो।
  • वह ऊपर बैठा है।

ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसाकि आप देख सकते हैं की बाहर एवं ऊपर शब्द बैठने की क्रिया के होने के स्थान का बोध करा रहे हैं। अतः यह शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयंगे।

  • नीमा बाहर जा रही है।

जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं की बाहर शब्द हमें जाने की क्रिया के होने का बोध करा रहा है। अतः यह शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

  • शशि मेरे पास बैठी है।

जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं पास शब्द हमें बैठने की क्रिया के होने के स्थान का बोध करा रहा है। अतः यह शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण का बोध करा रहा है।

  • तुम अपने दाएं चलते जाओ।

ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा की आप[ देख सकते हैं दाए शब्द का इस्तेमाल अपने चलने की क्रिया की दिशा का बोध कराया जा रहा है इस कारण से यह वाक्य स्थानवाचक क्रियाविशेषण का उदाहरण है।

  • आकाश मुझे रोज़ यहीं खड़ा मिलता है।

जैसा की आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, इस वाक्य में यहीं शब्द के द्वारा तृतीय पुरुष के खड़े होने की क्रिया की जगह का बोध कराया जा रहा है। अतः यह वाक्य स्थानवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आएगा।

स्थानवाचक क्रिया विशेषण के अन्य उदाहरण

  • सुधा बाहर गई है।
  • भाई रोज़ उधर जाता है।तुम्हे अपने बाएं मुड़ जाना है।
  • विकास बाहर जा रहा है।
  • सीमा कहाँ घूम रही है ?
  • अनिरुद्ध रोज़ यहां फुटबॉल खेलता है।
  • रोहन मुझे रोज़ वहां दिखता है।

स्थान वाचक क्रिया विशेषण से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

स्थानवाचक क्रिया विशेषण क्या होता है?

स्थानवाचक क्रिया विशेषण वे होते हैं जो क्रिया के होने वाली जगह का बोध कराते है। अर्थात जहां क्रिया हो रही है उस जगह का ज्ञान कराने वाले शब्द ही स्थान-वाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं।

परिमाणवाचक क्रिया विशेषण के भेद कितने होते हैं?

परिमाणवाचक क्रिया विशेषण.
जो अविकारी शब्द किसी क्रिया के परिमाण अथवा निश्चित संख्या का बोध कराते हैं, उन्हें परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।.
जैसे- बहुत, अधिक, अधिकाधिक, पूर्णतया, सर्वथा, कुछ, थोड़ा, काफ़ी, केवल, यथेष्ट, इतना, उतना, कितना, थोड़ा-थोड़ा, तिल-तिल, एक-एक करके, पर्याप्त; आदि ,जितना कुछ ।.

क्रिया विशेषण के 10 उदाहरण क्या हैं?

रीतिवाचक क्रियाविशेषण – जिन अविकारी शब्दों से क्रिया की रीति या विधि का पता चलता है, उसे रीतिवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं। जैसे – सचमुच, ठीक, अवश्य, कदाचित, ऐसे, वैसे, सहसा, तेज, सच, झूठ, धीरे, ध्यानपूर्वक, हंसते हुए, तेजी से, फटाफट आदि।

क्रिया विशेषण क्या है उदाहरण दें?

क्रिया विशेषण की परिभाषा वह शब्द जो हमें क्रिया की विशेषता के बारे में बताते हैं, वे शब्द क्रिया विशेषण कहलाते हैं। जैसे: हिरण तेज़ भागता है। इस वाक्य में भागना क्रिया है। तेज़ शब्द हमें क्रिया कि विशेषता बता रहा है कि वह कितनी तेज़ भाग रहा है।