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- पेशे से इंजीनियर हैं रामपाल, हत्या का लगा है आरोप
(फाइल फोटोः संत रामपाल)
हिसार. गिरफ्तारी से बचते फिर रहे हरियाणा के संत रामपाल लापता हैं। उनके समर्थकों के अलावा कोई नहीं जानता कि फिलहाल वे कहां हैं। मंगलवार को गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने जब सतलोक आश्रम में प्रवेश करना चाहा, तो उन्हें समर्थकों की ओर से भिड़ंत हो गई। पुलिस लगातार दो दिन से उनकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी, लेकिन रामपाल के समर्थकों ने पूरा आश्रम ही घेर लिया और पुलिस को अंदर नहीं जाने दिया। नतीजतन पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ा। आंसू गैस के साथ वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल हुआ। इससे पुलिसकर्मियों सहित कई समर्थकों को भी चोटें आईं। आइए 10 प्वाइंट्स में जानें, संत रामपाल जी महाराज हैं कौन?
रामपाल दास का विवादों से नाता-
रामपाल दास, जिन्हें अब जगतगुरु रामपाल जी महाराज के नाम से उनके समर्थक भक्त जानते हैं, वे 2000 तक हरियाणा सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर थे।
- 63 साल के रामपाल का जन्म 8 सितंबर 1951 में सोनीपत में हुआ न कि दिल्ली में। उनके परिवार का मूल पेशा खेती-किसानी है।
- रामपाल ने इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया। इसके बाद हरियाणा के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर हो गए। उन्हें मई 2000 में 'लापरवाही' के लिए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। तब वे 48 साल के थे।
- विवादित गुरु की वेबसाइट //www.jagatgururampalji.org बताती है कि रामपाल बचपन से धार्मिक स्वभाव के थे और हनुमान के भक्त थे।
- वेबसाइट के मुताबिक, बाद में रामपाल की मुलाकात स्वामी रामदेवानंद से हुई और इसके बाद वे संत कबीर के अनुयायी बन गए।
- रामपाल दास ने 1999 में पहला आश्रम रोहतक के करोंठा गांव में बनाया था। इसके बाद उन्होंने कई आश्रम बनवाए जिसमें हिसार के बरवाला में सतलोक आश्रम भी है। यही संत रामपाल का मुख्यालय है। मंगलवार को इसी आश्रम के बाद पुलिस और रामपाल समर्थकों की भिड़ंत हुई।
- रामपाल के समर्थकों ने आज पुलिस पर हमले की पूरी तैयारी कर रखी थी। आश्रम से तेजाब के पाउच, डंडे और पत्थर मिले थे। ये खुद को 'बाबा के कमांडो' बताते हैं।
- बाबा रामपाल हत्या और हत्या की कोशिश के आरोप में दो साल की जेल भी काट चुके हैं। 2006 में जमानत पर वह बाहर आए।
- रामपाल ने बीते 4 सालों में 43 बार कोर्ट के आदेश को नहीं माना है।
- रामपाल का फेसबुक पेज भी है, जिसे 2222 लाइक्स मिलते हैं, जब वे कुछ लिखते हैं। उनका अपना यू-ट्यूब चैनल भी है।
- 2013 में उन्होंने 'दुनिया के सभी संतों' को आध्यात्मिक ज्ञान पर चिंतन के लिए आमंत्रित किया। इतना ही नहीं, उनके इसी सतलोक आश्रम द्वारा उन सभी लोगों के आने-जाने सहित पूरे खर्च उठाने की बात कही, जो इसमें हिस्सा लेना चाहते हों या रामपाल को बहस की चुनौती देना चाहते हों।
आगे पढ़ें कैसा रहा रामपाल का जेई से संत बनने तक का सफर