Show साखियाँमानसरोवर सुभर जल , हंसा केलि कराहिं
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प्रेमी को प्रेमी मिलै , सब विष अमृत होइ ।2। अर्थ :- एक सच्चे भक्त या ईश्वर प्रेमी को किसी अन्य सच्चे भक्त या ईश्वर प्रेमी की तलाश होती है। परन्तु ; कबीरदास जी के अनुसार इस संसार में एक सच्चा भक्त या ईश्वर प्रेमी का मिलना बहुत कठिन है । यदि संयोग से ऎसा संभव हो जाय तो दोनों भक्तों या ईश्वर - प्रेमियों के समस्त विकार मिट जाते हैं । हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ , सहज दुलीचा डारि । स्वान रूप संसार है , भूँकन दे झख मारि।3। पखापखी के करनै , सब जग रहा भुलान। निरपख होइ के हरि भजै, सोई संत सुजान ।4। अर्थ :-पक्ष और विपक्ष के चक्कर में पड़कर लोग स्वयं को जातियों ,सम्प्रदायों और धर्मों में बाँट लिए हैं और सांसारिक पचड़े में पड़कर अपने जीवन के असली उद्देश्य से भटक गये हैं। कबीरदास जी कहते हैं कि जो निष्पक्ष भाव से तटस्थ रहते हुए ईश्वर की भक्ति मे लीन रहता है , वास्तव में वही संत है , वही ज्ञानी है । हिंदू मूआ राम कहि , मुसलमान खुदाइ । कहै कबीर सो जीवता , जे दुँहुँ के
निकट न जाइ।5। मोट चून मैदा भया , बैठी कबीरा जीम ।6। सुबरन कलस सुरा भरा , साधु निन्दा सोइ ।7। ****************************** कबीर के पद और सबद क्रमश: अगले पोस्ट में.....) विमलेश दत्त दूबे ‘ स्वप्नदर्शी ’ साखियाँ का शाब्दिक अर्थ क्या है?'साखियाँ' शब्द क्या अर्थ देता है? दूसरों को ज्ञान देना। प्रत्यक्ष ज्ञान का अनुभव करके सीख देना। किसी के द्वारा ज्ञान देना।
कबीर की साखी अर्थ सहित Class 12?अपना तन सीतल करै , औरन कौं सुख होइ ।।
व्याख्या/भावार्थ- प्रस्तुत साखी में संत कबीरदास अहंकार और कटु वचन त्यागने का संदेश देते हुए कहते हैं कि लोगों को अपने मन का अहंकार त्यागकर ऐसे मीठे वचन बोलने चाहिए , जिससे उनका अपना शरीर शीतल अर्थात् शांत और प्रसन्न हो जाए और साथ ही सुनने वालों को भी उससे सुख मिले ।
कबीर की साखियाँ किसे कहते हैं?साखी का अर्थ है - आँखों देखी अथवा भली प्रकार समझी हुई बात। कबीर की साखियाँ दोहों में लिखी गई हैं जिनमें भक्ति व ज्ञान उपदेशों को संग्रहित किया गया है।
कबीर की साखियाँ के अनुसार आपा शब्द का क्या अर्थ है?1. आपा और आत्मविश्वास – आपा का अर्थ है अहंकार जबकि आत्मविश्वास का अर्थ है अपने ऊपर विश्वास। 2. आपा और उत्साह – आपा का अर्थ है अहंकार जबकि उत्साह का अर्थ है किसी काम को करने का जोश।
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