प्रश्न 1. स्लैग और फ्लक्स की परिभाषा दीजिए। Show उत्तर⇒ फ्लक्स-धातु के निष्कर्षण में अयस्क में उपस्थित अशुद्धियों को दूर करने के लिए बाहर से जो पदार्थ डाला जाता है उसे फ्लक्स कहते है। प्रश्न 2. संक्रमण तत्त्वों में परिवर्तनशील ऑक्सीकरण अवस्था क्यों होती है ? उत्तर⇒ संक्रमण तत्त्वों का परिवर्तनशील ऑक्सीकरण अवस्था ns और (n– 1)d के बंध के कारण साझेदारी के कारण होता है। निम्न ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित होता जब ns का इलेक्ट्रॉन बंध में भाग लेता है तथा उच्च ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित होता जब ns और (n– 1) के d-इलेक्टॉन बंध में भाग लेते हैं। प्रश्न 3. मिश्रधातुएँ क्या हैं ? लैन्थेनॉयड धातुओं से युक्त एक प्रमुख मिश्रधातु का उल्लेख कीजिए। इसके उपयोग भी बताइए। उत्तर⇒ मिश्रधातु दो या अधिक धातु तथा अधातुओं का समांगी मिश्रण होता है। लैन्थेनॉयड के लिए प्रमुख मिश्रधातु है जो 95% लैन्थेनॉयड धातु तथा 5% s. C, Ca और Al तत्व रखता है। इसका उपयोग गोली, सैल, प्रकाशिक तन्तु आदि बनाने में किया जाता है। मैग्नीशियम (Mg) के साथ 3% के साथ 3% मिश्रधातु मिलाकर जेट इंजन बनाने में किया जा सकता है। प्रश्न 4. हुंड नियम के आधार पर Ce3+ आयन के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को व्युत्पन्न कीजिए तथा ‘प्रचक्रण मात्र सूत्र’ के आधार पर इसके चुम्बकीय आघूर्ण की गणना कीजिए। उत्तर⇒ Ce+3 = [Xe] 4f1 Ce3+ अनुचुंबकीय है। प्रश्न 5. Sm+2, Eu+2 और Yb+2 आयन विलयन में अच्छे अपचायक हैं, लेकिन Ce+4 अच्छा ऑक्सीकारक। क्यों ? उत्तर⇒ लैन्थेनॉयड तत्वों की प्रमुख ऑक्सीकरण अवस्था +3 है। अतः +2 ऑक्सीकरण अवस्था बदलकर +3 ऑक्सीकरण अवस्था ग्रहण करती है, एक इलेक्ट्रॉन खोकर, जबकि +4 ऑक्सीकरण अवस्था इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर +3 अवस्था में बदल जाती है। प्रश्न 6. 5d तत्वों का आयनन ऊर्जामान 3d तत्वों से अधिक है, क्यों ? उत्तर⇒ 5d श्रेणी में लैन्थेनम (Z = 57) के बाद लैन्थेनॉयड संकुचन होता है। प्रत्येक वर्ग में 5d तत्वों का आकार छोटा है जबकि नाभिकीय आवेश अधिक है, अतः 5d श्रेणी के तत्वों का आयनन ऊर्जामान अधिक है। प्रश्न 7. +3 ऑक्सीकरण अवस्था में ऑक्सीकृत होने के संदर्भ मे Mn2+ के यौगिक Fe2+ के यौगिकों की तुलना में अधिक स्थायी क्यों हैं ? उत्तर⇒ प्रश्न 8. संक्षेप में स्पष्ट कीजिए कि प्रथम संक्रमण श्रेणी के प्रथम अर्धभाग में बढ़ते हुए परमाणु क्रमांक के साथ +2 ऑक्सीकरण अवस्था कैसे अधिक स्थायी होती जाती है ? उत्तर⇒ I. E1 + I.E2) आयनन ऊर्जा का मान बढ़ता है। परिणामस्वरूप मानक अपचयन विभव (E॰) कम होता जाता है (ऋणात्मक मान) अतः M+2 आयन बनाने की क्षमता घटती है। Mn+2 के लिए उच्च क्षमता अर्धपूर्ण इलेक्ट्रॉन विन्यास के कारण है। इसलिए प्रथम सदस्य के लिए इलेक्ट्रॉन विन्यास 3d1 4s2 है। जहाँ से तीन इलेक्ट्रॉन दान करने की क्षमता झलकती है। अतः 2 ऑक्सीकरण अवस्था की तुलना में +3 ऑक्सीकरण अवस्था की प्रबलता अधिक है। प्रश्न 9. प्रथम संक्रमण श्रेणी के तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास किस सीमा तक ऑक्सीकरण अवस्थाओं को निर्धारित करते हैं ? उत्तर को उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिए। उत्तर⇒ प्रथम संक्रमण श्रेणी में ऑक्सीकरण अवस्था 3d°, 3d5, 3d10 रिक्त, अर्धपूर्ण और पूर्ण इलेक्ट्रॉन विन्यास को दर्शाते हैं। पूर्ण भरा
इलेक्ट्रॉन विन्यास (II) की तुलना में अधिक स्थायी है। प्रश्न 10. प्रथम संक्रमण श्रेणी के ऑक्सो-धातुऋणायनों के नाम लिखिए; जिसमें धातु संक्रमण श्रेणी की वर्ग संख्या के बराबर ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करती है। उत्तर⇒ (i) डाइक्रोमेट आयन
(Cr2O प्रश्न 11. संक्रमण धातुओं के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास किस प्रकार असंक्रमण तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से भिन्न हैं ? उत्तर⇒ सक्रमण तत्वों में d-उपकक्षक आंशिक रूप से भरा होता है अर्थात् (n- 1)1-10 nso-2 है जबकि असंक्रमण तत्वों में कोई d-उपकक्षक नहीं होता है या d-उपकक्षक पूर्ण भरा होता है। s-ब्लॉक तत्वों में d-उपकक्षक रिक्त होता है। p-ब्लॉक तत्वों में d-उपकक्षक में दस इलेक्ट्रॉन होते हैं। असंक्रमण तत्व का इलेक्ट्रॉन विन्यास ns1-2 या ns2np1-6 होता है। प्रश्न 12. लैन्थोनॉयडों द्वारा कौन-कौन सी ऑक्सीकरण अवस्थाएँ प्रदर्शित की जाती है ? उत्तर⇒ सभी लैन्थेनॉयड के लिए स्थायी ऑक्सीकरण अवस्था +3 है। +3 ऑक्सीकरण अवस्था के अलावा +2 और +4 भी है। प्रश्न 13. अंतराकाशी यौगिक क्या हैं ? इस प्रकार के यौगिक संक्रमण धातुओं के लिए भली प्रकार से ज्ञात क्यों हैं ? उत्तर⇒ संक्रमण तत्व हाइड्रोजन, बोरॉन, कार्बन तथा नाइट्रोजन के साथ मिलकर अंतराकाशी यौगिक बनाते हैं। H, B, C, N और O जैसे अधातु तत्वों के लिए अंतराकाशी जगह होना आवश्यक है, परिणामस्वरूप ये तत्व अंतराकाशी जगह पर प्रबल आबंध बनाते हैं। इन अंतराकाशी
यौगिकों के रासायनिक गुण अपने वास्तविक तत्वों के समान हैं, लेकिन भौतिक गुण भिन्न होते हैं। प्रश्न 14. निम्नलिखित में कौन से आयन जलीय विलयन में रंगीन होंगे ? Ti3+, V3+, Cu+, Sc3+, Mn3+, F3+ तथा Co+ प्रत्येक के लिए कारण बताइए। उत्तर⇒ Cu+, Sc+3 आयन सफेद हैं क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 3d103d0 है। दूसरे आयन रंगीन हैं, क्योंकि उनके इलेक्ट्रॉन न्यास में d-उपकक्षक आंशिक रूप से भरे हैं। class 12th chemistry Subjective question 2022
संक्रमण तत्वों में परिवर्तनशील ऑक्सीकरण अवस्था क्यों होती?संक्रमण तत्वों का अंतिम कोश पूर्ण रूप से नहीं भरा होकर आंशिक रूप से भरा होता है इसलिए ये परिवर्तनशील ऑक्सीकरण (Oxidation) अवस्था दिखाते हैं।
परिवर्तन ऑक्सीकरण अवस्था क्या है?ऑक्सीकरण संख्या (oxidation number) या ऑक्सीकरण अवस्था (oxidation state) किसी रासायनिक यौगिक में बंधे हुए किसी परमाणु के ऑक्सीकरण (oxidation) के दर्जे का सूचक होता है। यह संख्या गिनाती है कि उस यौगिक के रासायनिक बंध में वह परमाणु कितने इलेक्ट्रान उस यौगिक में स्थित अन्य परमाणुओं को खो चुका है।
संक्रमण तत्व ऑक्सीकरण अवस्था क्या है?Solution : संक्रमण धातुओं में ऑक्सीकरण अवस्था +1 से एक के क्रमिक परिवर्तन से उच्च अवस्थाओं में परिवर्तित होती है। जैसे - मैंगनीज में यह +2, +3, +4, +5, +6, +7 पायी जाती है।
प्रथम संक्रमण श्रेणी का कौन सा तत्व उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाता है?Solution : प्रथम संक्रमण श्रेणी में मैंगनीज सर्वाधिक `(MN^(+7))` तथा जिंक सबसे कम `(Zn^(2+))` ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाते हैं।
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