Show
अक्सर इन कारणों से रोता है शिशु, जान लेंगे तो नहीं होगी कोई दिक्कतparul rohatagi | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Aug 27, 2020, 2:12 PM अपने दिल की बात कहने और जरूरत के बारे में बताने के लिए शिशु के पास एक ही तरीका होता है और वो है रोना।
थकान बच्चे थकान होने पर सोने की बजाय चिड़चिड़े हो सकते हैं। ऐसे में बच्चे रोकर अपनी बात बताते हैं। अगर आपका बच्चा थकान की वजह से रो रहा है तो उसे एक चादर में स्वैडल (लपेटें) करें और कंधे लगाकर रखें। ऐसे शिशु को मां के गर्भ जैसा एहसास होता है। आप बच्चे को गोद में लेकर वॉक पर भी जा सकते हैं। कोलिक और गैस नींद की कमी छह महीने के होने के बाद शिशु अपने आप ही सोना सीख जाते हैा लेकिन कभी कभी बच्चे अपनी मां या पिता के बिना नहीं सोते हैं। स्लीप शेड्यूल बनने के बाद भी बच्चे को आपके बिना नींद आने में दिक्कत हो सकती है और वो रोकर ही आपको अपने पास बुला सकता है। ऐसे में बच्चे के रोने पर उसके पास जाने की जरूरत नहीं है। रिसर्च में सामने आया है कि शिशु को धीरे-धीरे रोता हुआ छोड़ने से वो अपने आप ही सोना सीख जाते हैं और लंबी एवं गहरी नींद लेते हैं। डकार लेने के लिए Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादकौन सा महीना में बच्चा कम रोते हैं?अगर आपका बच्चा 6 माह का है तो वो अपने आप ही सो जाएगा. लेकिन कभी-कभी जब वो अपने मां-बाप को आसपास नहीं पाता है तो तेज-तेज रोना शुरू कर देता है.
फरवरी में बच्चे कम क्यों होते हैं?फरवरी में हर चौथे साल 29 दिन होने का वैज्ञानिक कारण यह है कि पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा पूरा करने में 365 दिन और 6 घंटे का समय लगता है और हर साल के यह अतिरिक्त 6 घंटे बचाकर रख दिए जाते हैं। तीन सालों के बाद अगले साल में यह घंटे जोड़ दिए जाते हैं और इस तरह फरवरी को एक अतिरिक्त दिन मिल जाता है।
|