नई दिल्ली. आज कल लोगों को नींद न आने की समस्या आम हो गई है. कई लोगों को रात में अच्छी नींद नहीं आती. भरपूर नींद न लेने से शरीर में कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं. रात की अच्छी नींद इम्युनिटी, एनर्जी और याद्दशत को बढ़ाने के लिए जरूरी है. क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर में एक आंतरिक घड़ी होती है जिसे सर्कैडियन रिदम कहा जाता है और ये इसका क्या काम होता है? ये सर्कैडियन लय कई कारकों जैसे हार्मोन, लाइट और अंधेरे से प्रभावित होता है, यही वजह है कि यह हमारे सोने-जागने के चक्र को भी प्रभावित करता है. हम आपको बताने जा रहे हैं कि कौन से कारक आपकी नींद को प्रभावित कर सकते है और आपको इसे ठीक करने की जरूरत क्यों है. Show काम करने का गलत टाइमअगर आपको लगता है कि आप केवल पांच घंटे की नींद से जीवित रह सकते हैं और अपने काम को पूरा करने के लिए दिन के हर मिनट का इस्तेमाल कर सकते हैं, तो आप बहुत गलत हैं. जब हम देर से उठते हैं, तो यह एक रिवर्स मेलाटोनिन और कोर्टिसोल रिबन का कारण बनता है. जब हम एक्टिव और काम कर रहे होते हैं तो हमारा शरीर कोर्टिसोल, एड्रेनालाईन और अन्य हार्मोन जारी करता है. जब आप देर से उठते हैं, तो यह पूरा चक्र उलट जाता है, क्योंकि जब आप रात में काम कर रहे होते हैं तो शरीर कोर्टिसोल छोड़ता है, साथ ही जब आप सोने की कोशिश करते हैं तो मेलाटोनिन निकलता है लेकिन तब तक दिन हो जाता है. इससे आपकी नीद पर असर पड़ता है. ये भी पढ़ें: कमर और गर्दन के दर्द को बिल्कुल न करें इग्नोर, देते हैं इन बड़े खतरों का सिग्नल रात में सोने से पहले खाने की आदतकई लोगों को सोने से पहले कुछ खाने की आदत होती है. अगर आप रात के खाने के बाद कॉफी या चाय पीना पसंद करते हैं, तो इससे आपकी नीद पर असर पड़ सकता है. क्योंकि चाय और कॉफी में कैफीन होता है, जो एक उत्तेजक पदार्थ है. ये आपको जगाए रखता है. इसके अलावा सोने से कुछ घंटे पहले खाने से भी एसिड रिफ्लक्स होता है और इससे भी आपकी नींद प्रभावित होती है. साथ ही, शराब के सेवन से डिहाइड्रेशन होता है और आपकी नींद उड़ जाती है. डायबिटीज की शिकायतडायबिटीज के रोगी अक्सर पॉल्यूरिया से पीड़ित होते हैं जिसके कारण आपको बार-बार यूरिन करने की इच्छा होती है और इससे आपकी नींद प्रभावित होती है. इंसुलिन संवेदनशीलता ब्लड शुगर लेवल को भी कम करती है, जिसका अर्थ है कि आपको आधी रात में भूख लग सकती है और आप खाने के लिए जाग सकते हैं. यह घ्रेलिन या हमारे हंगर हार्मोन को भी प्रभावित करता है, और यदि आप कम जीआई वाला खाना खाते हैं, तो यह आपको लंबे समय तक भरा नहीं रखेगा. ये भी पढ़ें: बालों की लंबाई बताती है कैसी है आपकी पर्सनालिटी, ये रहा जांचने का तरीका डिप्रेशनअगर आप देर से सोते और जागते हैं तो इससे आपको पर्याप्त विटामिन-डी नहीं मिल पाता, जो आपकी नींद को प्रभावित करता है. विटामिन-डी की कमी से भी डिप्रेशन होता है, जो फिर से नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है. डिप्रेशन के पहले लक्षणों में से एक है जब आप दिन में भी सोना चाहते हैं. चिंता और डिप्रेशन से कई लोगों की नींद हराम हो जाती है. इसके अलावा, माइग्रेन, गाउट और अर्थराइटिस जैसे समस्याएं भी दर्द का कारण बनते हैं, नींद के चक्र को भी प्रभावित करते हैं, जैसा कि स्लीप एपनिया करता है जो सांस लेने में कठिनाई के कारण जागता है. इनसे बचने के लिए अपनाए ये उपाय
LIVE TV नींद ना आना कौन सी बीमारी का लक्षण है?स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद सोना जरूरी है, लेकिन आजकल कई लोग अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं। इस बीमारी को अंग्रेजी में इंसोमनिया (Insomnia) कहा जाता है। यह एक प्रकार का नींद संबंधी विकार है। इसमें व्यक्ति को सोने में असुविधा, नींद की कमी या नींद पूरी नहीं हो पाने की समस्या रहती है।
तुरंत नींद आने के लिए क्या करें?अच्छी नींद के लिए 10 उपाय (10 tips to improve your quality of.... सोने और जागने का समय निर्धारित करें ... . माहौल ऐसा बनाये जिसमे आपको आसानी से नींद आ जाये ... . आरामदायक बिस्तर पर सोएँ ... . नियमित व्यायाम करे ... . कैफीन वाली चीजों को कम लें ... . धुम्रपान न करें ... . जरूरत से ज्यादा खाना न खायें ... . सोने से पहले थोडा रिलैक्स करें. कौन सी विटामिन की कमी से नींद नहीं आती है?विटामिन डी की कमी से होती है अनिद्रा की समस्या
रात को देर रात कर बिस्तर पर पड़े रहने के बाद भी अगर जल्दी नींद नहीं आती, तो इसका कारण शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। दरअसल, विटामिन डी की कमी से शारीरिक और मानसिक थकावट होती है।
नींद नहीं आने का मुख्य कारण क्या है?नींद ना आने के पीछे सबसे आम वजह तनाव हो सकती है। तनाव होने पर शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है जो कि एक स्ट्रेस हार्मोन है। इसके कारण शरीर आराम की स्थिति में नहीं रह पाता और ब्रेन एक्टिव रहता है जिससे नींद आना मुश्किल हो जाता है। रिसर्च भी बताती हैं कि तनाव को नींद ना आने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
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